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नेट जीरो कार्बन की ओर बढ़ रहा इंडियन रेलवे, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बोले अश्विनी वैष्णव - ASHWINI VAISHNAV FUTURE PLAN

मध्य प्रदेश के भोपाल ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में शामिल होने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव पहुंचे. यहां उन्होंने रेलवे से जुड़ी योजनाएं बताई.

ASHWINI VAISHNAV FUTURE PLAN
नेट जीरो कार्बन की ओर बढ़ रहा इंडियन रेलवे (Mohan Yadav X Image)
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By IANS

Published : Feb 24, 2025, 8:27 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें देश के प्रमुख उद्योगपतियों और विशिष्ट लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है. इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की आगामी योजनाओं और निवेश से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.

नेट जीरो कार्बन की ओर बढ़ रहा रेलवे

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के लिए एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे का कार्बन उत्सर्जन शून्य करने का प्रयास किया जा रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेलवे ने 97 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकरण कर लिया है और वित्त वर्ष 2025-26 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा.

मध्य प्रदेश के साथ MOU साइन

रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे अब नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने यह घोषणा की कि रेलवे ने अब तक 1,500 मेगावाट (1.5 गीगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली लेने के लिए समझौता कर लिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार के साथ 170 मेगावाट का एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया है. जो रेलवे के लिए स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि जितनी भी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं संभव हो, उन्हें रेलवे से जोड़ा जाए.

एमपी के लिए 14,745 करोड़ का बजट

रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे के लिए मध्य प्रदेश को अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटित किया गया है. इस बार रेलवे के लिए 14,745 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो ऐतिहासिक स्तर पर सबसे अधिक है. वर्ष 2014 से पहले मध्य प्रदेश में हर साल मात्र 29-30 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण होता था, जबकि अब यह गति 230 किलोमीटर प्रति वर्ष तक पहुंच चुकी है. वर्ष 2014 से पहले रेलवे परियोजनाओं के लिए जो फंड आवंटित होता था, वह अब 23 गुना बढ़ गया है. रेलवे से संबंधित कई नई परियोजनाओं पर भी काम तेज गति से चल रहा है.

इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को स्वीकृति

उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 18,000 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को स्वीकृति दी है. इसी तरह भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी रेलवे लाइन को भी 3,500 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है. प्रयागराज से मानिकपुर के बीच 1,640 करोड़ रुपये की लागत से तीसरी रेलवे लाइन बनाई जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि ललितपुर-सतना-रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो जैसी महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाएं पूरी होने की दिशा में हैं.

एमपी के कई रेलवे स्टेशनों का पुर्नर्निमाण

रेल मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने और विस्तार देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ललितपुर-सतना-रीवा-सिंगरौली परियोजना के तहत 541 किलोमीटर की रेलवे लाइन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. रतलाम-महू-खंडवा-अकोला गेज कन्वर्जन परियोजना पर भी तेजी से काम हो रहा है. कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना के तहत हाल ही में 38 किलोमीटर का एक सेक्शन पूरा हुआ है. इसी तरह मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन के तहत 7 किलोमीटर का सेक्शन चालू हो चुका है. मध्य प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण भी किया जा रहा है.

रेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 80 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है, जिन्हें अमृत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाएगा. मध्य प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं के तहत अब तक 1.04 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. यह निवेश रेलवे को आधुनिक बनाने के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं को भी बेहतर बनाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं. 2014 के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में 2,456 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बनाई जा चुकी हैं. यह आंकड़ा डेनमार्क जैसे समृद्ध देश के संपूर्ण रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है.

हाइड्रो और न्यूक्लियर ऊर्जा से जुड़ेंगे

इसके अलावा, रेल मंत्री ने राज्यों को आह्वान किया कि वे अपने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से रेलवे को अधिक से अधिक बिजली उपलब्ध कराएं. उन्होंने बताया कि रेलवे सौर और पवन ऊर्जा के साथ-साथ हाइड्रो और न्यूक्लियर ऊर्जा से भी जुड़ने की इच्छुक है. मध्य प्रदेश सरकार के साथ किए गए एमओयू की तरह अन्य राज्य भी रेलवे के साथ साझेदारी कर सकते हैं. रेलवे मध्य प्रदेश से स्थिर बिजली आपूर्ति के लिए समझौते करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

एमपी में मजबूत होगा रेलवे नेटवर्क

रेल मंत्री ने मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को रेलवे परियोजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में दिए जा रहे समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों को सुलझाने में काफी तत्परता दिखाई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि रेलवे मध्य प्रदेश की सेवा में पूरी निष्ठा से कार्य करती रहेगी और राज्य में रेल नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान रेल मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के लिए रेलवे की कई और महत्वपूर्ण योजनाएं भी हैं, जिन पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में रेलवे नेटवर्क को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें देश के प्रमुख उद्योगपतियों और विशिष्ट लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है. इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की आगामी योजनाओं और निवेश से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.

नेट जीरो कार्बन की ओर बढ़ रहा रेलवे

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के लिए एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके तहत वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे का कार्बन उत्सर्जन शून्य करने का प्रयास किया जा रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेलवे ने 97 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकरण कर लिया है और वित्त वर्ष 2025-26 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा.

मध्य प्रदेश के साथ MOU साइन

रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे अब नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने यह घोषणा की कि रेलवे ने अब तक 1,500 मेगावाट (1.5 गीगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली लेने के लिए समझौता कर लिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार के साथ 170 मेगावाट का एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया है. जो रेलवे के लिए स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा. उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि जितनी भी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं संभव हो, उन्हें रेलवे से जोड़ा जाए.

एमपी के लिए 14,745 करोड़ का बजट

रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे के लिए मध्य प्रदेश को अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटित किया गया है. इस बार रेलवे के लिए 14,745 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो ऐतिहासिक स्तर पर सबसे अधिक है. वर्ष 2014 से पहले मध्य प्रदेश में हर साल मात्र 29-30 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण होता था, जबकि अब यह गति 230 किलोमीटर प्रति वर्ष तक पहुंच चुकी है. वर्ष 2014 से पहले रेलवे परियोजनाओं के लिए जो फंड आवंटित होता था, वह अब 23 गुना बढ़ गया है. रेलवे से संबंधित कई नई परियोजनाओं पर भी काम तेज गति से चल रहा है.

इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को स्वीकृति

उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 18,000 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को स्वीकृति दी है. इसी तरह भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी रेलवे लाइन को भी 3,500 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है. प्रयागराज से मानिकपुर के बीच 1,640 करोड़ रुपये की लागत से तीसरी रेलवे लाइन बनाई जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि ललितपुर-सतना-रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो जैसी महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाएं पूरी होने की दिशा में हैं.

एमपी के कई रेलवे स्टेशनों का पुर्नर्निमाण

रेल मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने और विस्तार देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ललितपुर-सतना-रीवा-सिंगरौली परियोजना के तहत 541 किलोमीटर की रेलवे लाइन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. रतलाम-महू-खंडवा-अकोला गेज कन्वर्जन परियोजना पर भी तेजी से काम हो रहा है. कटनी-सिंगरौली डबलिंग परियोजना के तहत हाल ही में 38 किलोमीटर का एक सेक्शन पूरा हुआ है. इसी तरह मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन के तहत 7 किलोमीटर का सेक्शन चालू हो चुका है. मध्य प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण भी किया जा रहा है.

रेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 80 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है, जिन्हें अमृत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाएगा. मध्य प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं के तहत अब तक 1.04 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. यह निवेश रेलवे को आधुनिक बनाने के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं को भी बेहतर बनाएगा. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए जा रहे हैं. 2014 के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में 2,456 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बनाई जा चुकी हैं. यह आंकड़ा डेनमार्क जैसे समृद्ध देश के संपूर्ण रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है.

हाइड्रो और न्यूक्लियर ऊर्जा से जुड़ेंगे

इसके अलावा, रेल मंत्री ने राज्यों को आह्वान किया कि वे अपने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से रेलवे को अधिक से अधिक बिजली उपलब्ध कराएं. उन्होंने बताया कि रेलवे सौर और पवन ऊर्जा के साथ-साथ हाइड्रो और न्यूक्लियर ऊर्जा से भी जुड़ने की इच्छुक है. मध्य प्रदेश सरकार के साथ किए गए एमओयू की तरह अन्य राज्य भी रेलवे के साथ साझेदारी कर सकते हैं. रेलवे मध्य प्रदेश से स्थिर बिजली आपूर्ति के लिए समझौते करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

एमपी में मजबूत होगा रेलवे नेटवर्क

रेल मंत्री ने मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को रेलवे परियोजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में दिए जा रहे समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों को सुलझाने में काफी तत्परता दिखाई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि रेलवे मध्य प्रदेश की सेवा में पूरी निष्ठा से कार्य करती रहेगी और राज्य में रेल नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान रेल मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश के लिए रेलवे की कई और महत्वपूर्ण योजनाएं भी हैं, जिन पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में रेलवे नेटवर्क को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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