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उपार्जन केंद्रों पर भी कोरोना कहर, 3 कर्मचारियों की मौत - एमपी लेटेस्ट न्यूज

कोरोना संक्रमण का असर अब उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों पर भी देखने को मिल रहा है. शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में उपार्जन कार्य में लगे सहकारी समितियों के 3 कर्मचारियों की मौत कोरोना से हो चुकी है.

due to corona three worker die
उपार्जन केंद्रों पर कोरोना कहर
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Published : Apr 29, 2021, 8:25 AM IST

शहडोल। जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हर दिन काफी संख्या में कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. कोरोना के इस कहर का असर अब उपार्जन केंद्र, राशन दुकानों पर भी देखने मिल रहा है. उपार्जन कार्य में लगे 3 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है.

due to corona three worker die
उपार्जन केंद्रों पर कोरोना कहर

तीन कर्मचारियों की कोरोना से मौत

शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में उपार्जन कार्य में लगे सहकारी समितियों के 3 कर्मचारियों की मौत कोरोना से हो चुकी है, जबकि 45 से अधिक संक्रमित बताए जा रहे हैं. इसे लेकर न केवल कार्य में लगे कर्मचारी, बल्कि किसानों में भी दहशत का माहौल है. सहकारी समिति कर्मचारियों ने विभाग को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की मांग फिर से उठाई है.

सैकड़ों कर्मचारियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा

उपार्जन कार्य और शासकीय राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण का कार्य सहकारी समिति के कर्मचारी करते हैं. करीब 100 समितियों के 700 से अधिक कर्मचारियों पर अब संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. खरीदी का कार्य 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है. 25 दिनों में ब्यौहारी के खैरा समिति प्रबंधक और उमरिया के मानपुर ब्लाक के अंतर्गत दो प्रबंधकों की संक्रमण से मौत हो चुकी है. कार्य पर लगे कर्मचारियों ने बताया कि संक्रमण रोकने की जो व्यवस्था हो सकती है वो तो किए जा रहे हैं, लेकिन खाद्य विभाग से कोई मदद नहीं की जा रही है. खाद्य विभाग एक सैनिटाइजर और दो मास्क दे रहा है. खरीदी कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता. वहीं, राशन वितरण कार्य में पीओएस पर अंगूठा लगवाया जाता है, 20% ही अंगूठा लगाने के निर्देश हैं, लेकिन ये कैसे तय किया जा सकता है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं है. ऐसे में किसानों और राशन वालों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

सहकारी कर्मचारी महासंघ की मांग

मध्यप्रदेश सहकारी संस्थाएं कर्मचारी महासंघ ने मांग की है कि खरीदी और राशन वितरण के कार्य में लगे कर्मचारियों की कोरोना से मौत और संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राहत दिलाया जाए. कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार की सहयोग निधि निर्धारित नहीं है और न ही कोरोना फ्रंट वॉरियर में रखा गया है. सफाई कर्मी, नगरीय निकाय कर्मचारियों की तरह सहकारी समितियों के कर्मचारियों को भी कोरोना योद्धा में शामिल कर लाभ दिलाया जाए, जिससे उनका मनोबल बढ़ सके. वहीं, जिला सहकारी समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भी आयुक्त सहकारिता और पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को देखते हुए कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की सिफारिश की है.

स्वास्थ्य सेवाओं की मरीज ने खोली पोल, लगाए गंभीर आरोप

खरीदी में नहीं आ रही तेजी

शहडोल जिले में ही देखें, तो गेहूं की खरीदी में अबतक तेजी नहीं आ सकी है. 26 दिनों में जिले में टोटल 38 उपार्जन केंद्रों में अभी तक मात्र 1260 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा सकी है, जबकि इस बार 31 हजार मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंधक एम एस उपाध्याय ने बताया कि खरीदी की अंतिम तारीख 15 मई से बढ़ाकर 25 मई कर दी गई है, लेकिन लक्ष्य प्राप्त करना बड़ा मुश्किल होगा.

शहडोल। जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हर दिन काफी संख्या में कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. कोरोना के इस कहर का असर अब उपार्जन केंद्र, राशन दुकानों पर भी देखने मिल रहा है. उपार्जन कार्य में लगे 3 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है.

due to corona three worker die
उपार्जन केंद्रों पर कोरोना कहर

तीन कर्मचारियों की कोरोना से मौत

शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में उपार्जन कार्य में लगे सहकारी समितियों के 3 कर्मचारियों की मौत कोरोना से हो चुकी है, जबकि 45 से अधिक संक्रमित बताए जा रहे हैं. इसे लेकर न केवल कार्य में लगे कर्मचारी, बल्कि किसानों में भी दहशत का माहौल है. सहकारी समिति कर्मचारियों ने विभाग को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की मांग फिर से उठाई है.

सैकड़ों कर्मचारियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा

उपार्जन कार्य और शासकीय राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण का कार्य सहकारी समिति के कर्मचारी करते हैं. करीब 100 समितियों के 700 से अधिक कर्मचारियों पर अब संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. खरीदी का कार्य 1 अप्रैल से शुरू हो चुका है. 25 दिनों में ब्यौहारी के खैरा समिति प्रबंधक और उमरिया के मानपुर ब्लाक के अंतर्गत दो प्रबंधकों की संक्रमण से मौत हो चुकी है. कार्य पर लगे कर्मचारियों ने बताया कि संक्रमण रोकने की जो व्यवस्था हो सकती है वो तो किए जा रहे हैं, लेकिन खाद्य विभाग से कोई मदद नहीं की जा रही है. खाद्य विभाग एक सैनिटाइजर और दो मास्क दे रहा है. खरीदी कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सकता. वहीं, राशन वितरण कार्य में पीओएस पर अंगूठा लगवाया जाता है, 20% ही अंगूठा लगाने के निर्देश हैं, लेकिन ये कैसे तय किया जा सकता है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं है. ऐसे में किसानों और राशन वालों में भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

सहकारी कर्मचारी महासंघ की मांग

मध्यप्रदेश सहकारी संस्थाएं कर्मचारी महासंघ ने मांग की है कि खरीदी और राशन वितरण के कार्य में लगे कर्मचारियों की कोरोना से मौत और संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राहत दिलाया जाए. कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार की सहयोग निधि निर्धारित नहीं है और न ही कोरोना फ्रंट वॉरियर में रखा गया है. सफाई कर्मी, नगरीय निकाय कर्मचारियों की तरह सहकारी समितियों के कर्मचारियों को भी कोरोना योद्धा में शामिल कर लाभ दिलाया जाए, जिससे उनका मनोबल बढ़ सके. वहीं, जिला सहकारी समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भी आयुक्त सहकारिता और पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को देखते हुए कृषि साख सहकारी समिति के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की सिफारिश की है.

स्वास्थ्य सेवाओं की मरीज ने खोली पोल, लगाए गंभीर आरोप

खरीदी में नहीं आ रही तेजी

शहडोल जिले में ही देखें, तो गेहूं की खरीदी में अबतक तेजी नहीं आ सकी है. 26 दिनों में जिले में टोटल 38 उपार्जन केंद्रों में अभी तक मात्र 1260 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा सकी है, जबकि इस बार 31 हजार मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंधक एम एस उपाध्याय ने बताया कि खरीदी की अंतिम तारीख 15 मई से बढ़ाकर 25 मई कर दी गई है, लेकिन लक्ष्य प्राप्त करना बड़ा मुश्किल होगा.

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