शहडोल। धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर शुक्रवार के दिन पड़ रहा है और इसकी तैयारी भी जोर से चल रही है. बाजार में रौनक भी दिख रही है. धनतेरस के साथ ही दीपावली के त्यौहार की भी शुरुआत एक तरह से हो जाती है. धनतेरस में जहां लोग पूजा पाठ करते हैं, खरीदारी करते हैं. ऐसे में ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए की धनतेरस में कब है शुभ मुहूर्त, किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा पाठ, किन चीजों की करें खरीददारी. जानिये सबकुछ...
10 नवंबर को धनतेरस: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''इस बार धनतेरस 10 नवंबर को है. धनतेरस के दिन धनवंतरी, यमराज, लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर जी का प्रादुर्भाव होने के कारण धनतेरस बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. साल में एक ही बार धनतेरस आता है. इस दिन पूजा करने का भी विशेष महत्व है.
धनतेरस पर ऐसे करें पूजा, होगा लाभ ही लाभ? ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''धनतेरस में पूजा का विशेष महत्व होता है. इस बार सायं के समय 5:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे के बीच में घर की साफ सफाई करके एक पटा में लाल कपड़ा या पीला कपड़ा रखकर वहां पर एक लोटे में जल भर लें या चावल भरें, या आम का पत्ता डालें. नारियल में एक कपड़ा बांधकर या धागा बांधकर उसको लपेटकर ऊपर रखें और उसकी प्रतिष्ठा करके हिंदी या संस्कृत से मंत्र का वाचन जरूर करें, और कुबेर जी की वहां पर स्थापना करें. क्योंकि लक्ष्मी धन देती हैं और कुबेर धन को संचित करते हैं, तो कुबेर जी की विशेष कर पूजा करें.''
कुबेर के पास पांच दीपक जलाएं: धनतेरस के दिन रात 9:00 बजे तक विशेष पूजा करने के बाद द्वितीया तक वहां पर पूजा का पटा रखा रहने दें. क्योंकि शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है की तीन दिन तक वहां लक्ष्मी कुबेर का वास होता है, और द्वितीया के दिन दोपहर के बाद उसको उठा करके एक स्थान पर सुरक्षित रख दें. अगर मिट्टी का घड़ा रखे हैं तो उसे विसर्जित कर दें. लोटे का जल किसी क्यारी में या फूल में उसको डाल दें. लेकिन कलश में जो नारियल बंधा है उसे व्यवस्थित रख लें. ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का निवास होता है. कुबेर की स्थापना होने से धन का संचय होता है. कुबेर धन को संचित करते हैं, रोकते हैं, व्यर्थ खर्च नहीं होने देते हैं, और घर में शांति बनती है. उस दिन कुबेर के पास पांच दीपक अवश्य जलाएं. घी की या तिल के तेल का दीपक जलाने से घर में जो नकारात्मक ऊर्जा रहती है, वो बाहर जाती है. सकारात्मक ऊर्जा अंदर आती है और वहां धन वैभव सुख समृद्धि का निवास होता है और घर में सौभाग्यता बनी रहती है.
धनतेरस में खरीददारी का है विशेष महत्व: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ''धनतेरस के दिन कोई न कोई सामान खरीदने का भी महत्व होता है. ज्यादातर लोग इस दिन खरीदारी करते हैं, लेकिन अगर आप ज्यादा समर्थ नहीं हैं, ज्यादा महंगा सामान नहीं खरीद सकते हैं, तो परेशान न हों, कई ऐसी चीजें भी आती हैं, जो सस्ती मिलती हैं. उन्हें भी खरीद कर धनतेरस के शुभ मुहूर्त के इस महत्व का फायदा उठा सकते हैं.''
खरीदारी से धन में होती है वृद्धि: धनतेरस के दिन कोई न कोई सामान खरीदने का विशेष महत्व होता है. जिनके पास धन दौलत की सामर्थ्यता है, पर्याप्त धन है वो सोना खरीदें, चांदी खरीदें, तांबा खरीदें, लकड़ी के बने हुए सामान खरीदें. जो ज्यादा महंगे सामान खरीदने के लिए समर्थ नहीं हैं, ज्यादा खरीदारी नहीं कर सकते हैं, ऐसे जातक धनिया खरीद लें. धनिया 50 ग्राम 100 ग्राम या 1 किलो खरीद लें. अपनी व्यवस्था के अनुसार खरीदें. कमल गट्टा खरीद लें, सीताफल खरीद लें, या धान का बना हुआ लावा खरीद करके अपने घर में लाएं. जिनकी सामर्थ्यता है वो बर्तन भी खरीद सकते हैं, कपड़ा भी खरीद सकते हैं. इस तरह से धनतेरस के दिन खरीदारी का भी बहुत बड़ा विधान है. उस दिन कुछ न कुछ खरीद कर लाते हैं. धन की वृद्धि होती है, सामान रखने से बरक्कत होती है, और शांति रहती है.