शहडोल। शहडोल जिला चिकित्सालय पहले ही बच्चों की मौतों के चलते सुर्खियों में है. मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहडोल जिले में 26 नवंबर से लेकर अब तक 30 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में जब नए सीएमएचओ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया. उन्होंने सभी बच्चों की मौतों को नेचुरल डेथ बताईं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक हैं. आज की स्थिति में कोई समस्या नहीं है. सब ठीक है.
एसएनसीयू में हाई-डेथ रेट नार्मल
नए सीएमएचओ डॉ एमएस सागर ने कहा कि ये एक ऐसा अस्पताल है, जिसमें एसएनसीयू और पीआईसीयू में सारे बच्चे गंभीर ही भर्ती होते हैं. एसएनसीयू में निश्चित तौर पर जनरल वार्ड से नेचुरली डेथ रेट ज्यादा होता है. ये कोई मुद्दा नहीं है. सब कुछ ठीक है.
![Shahdol District Hospital](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-sha-05-child-mout-cmho-jawab-pkg-7203529_25122020165609_2512f_02276_280.jpg)
'मीडिया दे रहा तूल'
जब सीएमएचओ से फिर से सवाल किया गया कि रात में भी किसी बच्चे की मौत हुई है क्या ? इस सवाल पर फिर उन्होंने बात को घुमाते हुए कहा कि 'मैं बता तो रहा हूं सामान्य चीजें हैं. मीडिया जबरदस्ती इतना हाइलाइट कर रहा है. उन्होंने अपने बयान के समर्थन में तर्क दिया कि एम्स जैसे अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज गंभीर ही भर्ती होते हैं, तो वहां भी वही परिणाम निकलते हैं. एसएनसीयू और पीआईसीयू ये गंभीर-गहन इकाइयां हैं.
बच्चों की मौत को लेकर सीएमएचओ डॉ एमएस सागर का इस तरह से जवाब देना पूरे स्वास्थ्य महकमे पर सवाल खड़ा कर रहा है. आखिर सीएमएचओ गोल-मोल जवाब क्यों दे रहे हैं, जब सब कुछ ठीक है तो बच्चों की मौत क्यों हुईं. महज कुछ ही दिनों में तकरीबन 30 बच्चे दम तोड़ देते हैं, तो फिर क्या वाकई सब ठीक है.
ये भी पढ़ेंःरियलिटी चेक: जानिए उस अस्पताल की हकीकत, जहां 21 दिन में 24 माताओं की गोद हुई सूनी