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स्वच्छता मुहिम को मुंह चिढ़ा रहा है संभागीय मुख्यालय शहडोल का बस स्टैंड, भवन भी खस्ताहाल

शहडोल जिला मुख्यालय में चारों ओर नगरपालिका बैनर, पोस्टर और पेंटिंग के जरिए रैंकिंग में नंबर वन लाने की कोशिश करने का दावा कर रहा है. वहीं, जिला मुख्यालय के संभागीय बस स्टैंड पर जहां-तहां गंदगी के ढेर लगे हैं. पूरा बस स्टैंड गंदगी और अव्यवस्थाओं का शिकार है. (cleaness compagain fail in shahdol )

शहडोल बस स्टैंड
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Published : Mar 11, 2022, 11:51 AM IST

शहडोल. शहडोल जिला मुख्यालय में जैसे ही आप दस्तक देंगे चारों ओर नगरपालिका के बैनर, पोस्टर और पेंटिंग ही देखेंगे. पूरा शहर इनसे पटा पड़ा है. स्वच्छता को लेकर संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर शहडोल जिला मुख्यालय के संभागीय बस स्टैंड पर ही अगर आप पहुंच जाएंगे तो वहां की गंदगी और समस्याओं को देखकर चौंक जाएंगे. नगरपालिका मुख्य चौक-चौराहे और सड़कों पर साफ-सफाई करने का दावा कर रहा है. लेकिन संभागीय मुख्यालय के बस स्टैंड पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

शहडोल बस स्टैंड खोल रहा स्वच्छता मिशन की पोल

संभाग का बस स्टॉप स्वच्छता मिशन की पोल खोल रहा है. जिस संभागीय मुख्यालय से सैकड़ों बसें हर दिन आती-जाती हैं. कई शहरों के जिलों के और प्रदेशों के यात्री आना-जाना करते हैं. उसी संभागीय मुख्यालय का बस स्टॉप अव्यवस्थाओं का शिकार है. गंदगी से पटा पड़ा है. लोग गंदगी से परेशान होकर शहर की व्यवस्था को कोसते रहते हैं.

चारों ओर पसरी है गंदी, बैठने की व्यवस्था भी नहीं

बस स्टॉप में जगह-जगह छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. छड़ें बाहर झांकने लगी हैं. यहां के लोगों ने बताया कि जब से इसका निर्माण हुआ है, तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई. बस स्टैंड में रोजाना 300 से 400 बसें निकलती हैं. हजारों यात्रियों का आना जाना होता है. दुकानदारों व यात्रियों के मुताबिक कई बार सीलिंग गिरने से कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं. बैठक व्यवस्था भी यहां की ठीक नहीं है. यात्रियों को बसों का इंतजार खड़े होकर करना पड़ता है. या फिर टूटे-फूटे चबूतरों पर बैठते हैं.

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वाटर फिल्टर खराब पड़ा है, नलों में पानी नहीं है

शहडोल संभागीय मुख्यालय के बस स्टैंड अलग-अलग प्रदेश के यात्री आना-जाना करते हैं. यहां पानी पीने के लिए वाटर फिल्टर तो है लेकिन काम का नहीं. नल की टोटियां ही गायब हैं. नल भी पूरी तरह से नदारद हैं. अगर आपको पानी पीना है तो फिर पानी बोतल ही खरीदनी होगी. जिस स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए इन दिनों नगरपालिका पूरा जोर लगाए हुए हैं वहीं बस स्टैंड से कचरा का उठाव ही नहीं हो रहा है. बदबूदार नालियां यहां की पहचना बन चुकी हैं.

बस स्टैंड पर बेतरतीब तरीके से खड़ी होती हैं बसें

बस स्टैंड पर बसें भी बड़े बेतरतीब तरीके से खड़ी होती हैं. जिसके चलते भी अव्यवस्थाएं होती हैं. मनमर्जी से बसें खड़ी रहती हैं. बस स्टैंड में बसों की इस तरह की धमाचौकड़ी भी परेशानी का कारण बनती है. अधिकतर बसें कई घंटों तक यहां खड़ी रहती हैं. जबकि नियमानुसार गंतव्य की ओर रवाना होने के आधा घंटा पहले ही स्टैंड में आना चाहिए, जिससे अनावश्यक भीड़ ना होने पाए. लेकिन इस नियम का पालन यहां होता दिख नहीं रहा.

(cleaness compagain fail in shahdol )

शहडोल. शहडोल जिला मुख्यालय में जैसे ही आप दस्तक देंगे चारों ओर नगरपालिका के बैनर, पोस्टर और पेंटिंग ही देखेंगे. पूरा शहर इनसे पटा पड़ा है. स्वच्छता को लेकर संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर शहडोल जिला मुख्यालय के संभागीय बस स्टैंड पर ही अगर आप पहुंच जाएंगे तो वहां की गंदगी और समस्याओं को देखकर चौंक जाएंगे. नगरपालिका मुख्य चौक-चौराहे और सड़कों पर साफ-सफाई करने का दावा कर रहा है. लेकिन संभागीय मुख्यालय के बस स्टैंड पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

शहडोल बस स्टैंड खोल रहा स्वच्छता मिशन की पोल

संभाग का बस स्टॉप स्वच्छता मिशन की पोल खोल रहा है. जिस संभागीय मुख्यालय से सैकड़ों बसें हर दिन आती-जाती हैं. कई शहरों के जिलों के और प्रदेशों के यात्री आना-जाना करते हैं. उसी संभागीय मुख्यालय का बस स्टॉप अव्यवस्थाओं का शिकार है. गंदगी से पटा पड़ा है. लोग गंदगी से परेशान होकर शहर की व्यवस्था को कोसते रहते हैं.

चारों ओर पसरी है गंदी, बैठने की व्यवस्था भी नहीं

बस स्टॉप में जगह-जगह छत का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. छड़ें बाहर झांकने लगी हैं. यहां के लोगों ने बताया कि जब से इसका निर्माण हुआ है, तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई. बस स्टैंड में रोजाना 300 से 400 बसें निकलती हैं. हजारों यात्रियों का आना जाना होता है. दुकानदारों व यात्रियों के मुताबिक कई बार सीलिंग गिरने से कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं. बैठक व्यवस्था भी यहां की ठीक नहीं है. यात्रियों को बसों का इंतजार खड़े होकर करना पड़ता है. या फिर टूटे-फूटे चबूतरों पर बैठते हैं.

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वाटर फिल्टर खराब पड़ा है, नलों में पानी नहीं है

शहडोल संभागीय मुख्यालय के बस स्टैंड अलग-अलग प्रदेश के यात्री आना-जाना करते हैं. यहां पानी पीने के लिए वाटर फिल्टर तो है लेकिन काम का नहीं. नल की टोटियां ही गायब हैं. नल भी पूरी तरह से नदारद हैं. अगर आपको पानी पीना है तो फिर पानी बोतल ही खरीदनी होगी. जिस स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए इन दिनों नगरपालिका पूरा जोर लगाए हुए हैं वहीं बस स्टैंड से कचरा का उठाव ही नहीं हो रहा है. बदबूदार नालियां यहां की पहचना बन चुकी हैं.

बस स्टैंड पर बेतरतीब तरीके से खड़ी होती हैं बसें

बस स्टैंड पर बसें भी बड़े बेतरतीब तरीके से खड़ी होती हैं. जिसके चलते भी अव्यवस्थाएं होती हैं. मनमर्जी से बसें खड़ी रहती हैं. बस स्टैंड में बसों की इस तरह की धमाचौकड़ी भी परेशानी का कारण बनती है. अधिकतर बसें कई घंटों तक यहां खड़ी रहती हैं. जबकि नियमानुसार गंतव्य की ओर रवाना होने के आधा घंटा पहले ही स्टैंड में आना चाहिए, जिससे अनावश्यक भीड़ ना होने पाए. लेकिन इस नियम का पालन यहां होता दिख नहीं रहा.

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