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शहडोल: कुछ दिनों पहले ट्रेन में मिला था 4 माह का मासूम, जानिए अब है कहां ?

दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में एक 4 माह का बच्चा लावारीस हालत में मिला था. जिसे शिवालय शिशु गृह भेज दिया गया है. शिशु गृह में बच्चे की देखरेख की जा रही है.

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Published : Feb 21, 2019, 12:09 PM IST

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शहडोल। एक मासूम जिसने कुछ ही दिनों पहले दुनिया में कदम रखा था, आज वो जिंदगी के उन इम्तिहानों से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करना मुश्किल है. क्या कोई इस बच्चे की मासूम हंसी को देखकर कह सकता है कि कोई इसे लावारिस हालत में छोड़ गया है ?

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आभास


दरअसल, 4 माह का एक बालक अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में लावारिस हालत में मिला था. कपड़ों में लिपटा ये मासूम S4 कोच की बर्थ नंबर 7 पर मिला था, जिसके बाद इसे शिवालय शिशु गृह भेज दिया गया है. शिशु गृह में बच्चे की देखरेख की जा रही है. शिशु गृह ने न सिर्फ इस मासूम को आसरा दिया, बल्कि उसे एक नाम भी दिया है और वो है 'आभास', यहां तक की इस नाम से उसका आधार कार्ड भी बन चुका है.

आभास


शिशु गृह में काम करने वाले सोशल वर्कर रामशिरोमणि तिवारी ने बताया कि बच्चे को CWC के आदेश के बाद यहां भेजा गया था. मासूम की तस्वीर और ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, लेकिन अब तक उसके माता-पिता के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. उनकी तलाश फिलहाल जारी है.

शहडोल। एक मासूम जिसने कुछ ही दिनों पहले दुनिया में कदम रखा था, आज वो जिंदगी के उन इम्तिहानों से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करना मुश्किल है. क्या कोई इस बच्चे की मासूम हंसी को देखकर कह सकता है कि कोई इसे लावारिस हालत में छोड़ गया है ?

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दरअसल, 4 माह का एक बालक अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में लावारिस हालत में मिला था. कपड़ों में लिपटा ये मासूम S4 कोच की बर्थ नंबर 7 पर मिला था, जिसके बाद इसे शिवालय शिशु गृह भेज दिया गया है. शिशु गृह में बच्चे की देखरेख की जा रही है. शिशु गृह ने न सिर्फ इस मासूम को आसरा दिया, बल्कि उसे एक नाम भी दिया है और वो है 'आभास', यहां तक की इस नाम से उसका आधार कार्ड भी बन चुका है.

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शिशु गृह में काम करने वाले सोशल वर्कर रामशिरोमणि तिवारी ने बताया कि बच्चे को CWC के आदेश के बाद यहां भेजा गया था. मासूम की तस्वीर और ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, लेकिन अब तक उसके माता-पिता के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. उनकी तलाश फिलहाल जारी है.

Intro:कुछ दिन पहले कोई ट्रेन में छोड़कर चला गया था इस 4 महीने के नन्हे मासूम को, जानिये अब कहाँ है ?

शहडोल- इस मासूम को देखकर क्या कोई कह सकता है कि इसे भी कोई लावारिस हालात में छोड़ सकता है, लेकिन 4 महीने के इस मासूम बच्चे के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है, किसी ने इस नन्हे बच्चे को ट्रेन में छोड़ दिया।

ये है पूरी घटना

4 महीने का ये मासूम बालक अनूपपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन में ट्रेन नंबर 18241 दुर्ग अम्बिकापुर ट्रेन में कोच नम्बर एस4 के बर्थ नंबर 7 में लावारिस हालात में मिला था, कोई इस नन्हें मासूम को कपड़े में लपेटकर छोड़कर चला गया था।

अब यहां है ये नन्हा मासूम

अनूपपुर रेलवे स्टेशन के एक ट्रेन में मिले इस नन्हे मासूम को शहडोल के शिवालय शिशु ग्रह में भेज दिया गया है, जहां शिवालय शिशु ग्रह में बच्चे का ख्याल रखा जा रहा है। इसे सोमवार को यहां शिफ्ट किया गया।

इस नन्हे मासूम को ऐसे मिली पहचान

शहडोल के शिवालय शिशु ग्रह में शिफ्ट होते ही इस मासूम का नामकरण भी हो गया है इस मासूम का आधारकार्ड भी बन चुका अब ये मासूम भारत का नागरिक आधिकारिक तौर पर बन गया है इस मासूम को आभास नाम दिया गया है।

आभास का ये है नया पता

लावारिस हालात में मिले इस नन्हे बालक का आधारकार्ड बनते ही इसे नया पता भी मिल गया है, अब आभास का वर्तमान पता वार्ड नंबर 12, बाणगंगा पेट्रोल पंप के पास शिवालय शिशु ग्रह शहडोल है, और आभास की जन्मतिथि 2 नवम्बर 2018 दर्ज हो गई है।


Body:इस प्रक्रिया के तहत आया शहडोल

शिवालय शिशु ग्रह में काम करने वाले सोशल वर्कर रामशिरोमणि तिवारी बताते हैं कि इस तरह से शहडोल संभाग में जितने भी बच्चे मिलते हैं, वो हमारे पास ही आते हैं, इसका नाम आभास रखा गया है, आधार कार्ड कल ही बना है, रामशिरोमणि बताते हैं कि रेलवे स्टेशन में जब बच्चा जीआरपी को मिला इसके बाद इसे सी डब्ल्यू सी के सामने अनूपपुर में प्रेजेंट किया गया, इसके बाद अनूपपुर के जिला चिकित्सालय में इसका ट्रीटमेंट किया गया और वहां से इस बच्चे को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सी डब्ल्यू सी के आदेश के बाद शिवालय शिशु ग्रह में रखा गया है।

पैरेंट्स की तलाश जारी

इस मासूम के लावारिस मिलने के बाद इसकी तस्वीर और ये खबर सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हुई, लेकिन इसके पैरेंट्स के बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं लग सका है तलाश जारी है।



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