शहडोल। एक मासूम जिसने कुछ ही दिनों पहले दुनिया में कदम रखा था, आज वो जिंदगी के उन इम्तिहानों से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करना मुश्किल है. क्या कोई इस बच्चे की मासूम हंसी को देखकर कह सकता है कि कोई इसे लावारिस हालत में छोड़ गया है ?
दरअसल, 4 माह का एक बालक अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर दुर्ग-अम्बिकापुर ट्रेन में लावारिस हालत में मिला था. कपड़ों में लिपटा ये मासूम S4 कोच की बर्थ नंबर 7 पर मिला था, जिसके बाद इसे शिवालय शिशु गृह भेज दिया गया है. शिशु गृह में बच्चे की देखरेख की जा रही है. शिशु गृह ने न सिर्फ इस मासूम को आसरा दिया, बल्कि उसे एक नाम भी दिया है और वो है 'आभास', यहां तक की इस नाम से उसका आधार कार्ड भी बन चुका है.
शिशु गृह में काम करने वाले सोशल वर्कर रामशिरोमणि तिवारी ने बताया कि बच्चे को CWC के आदेश के बाद यहां भेजा गया था. मासूम की तस्वीर और ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, लेकिन अब तक उसके माता-पिता के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है. उनकी तलाश फिलहाल जारी है.