शहडोल। लोकसभा चुनाव करीब आते देख प्रदेश की सियासी फिजा बदलने लगी है. जहां एक ओर विधानसभा चुनाव में मात खा चुकी बीजेपी लोकसभा चुनाव के वक्त ताकत दिखाना चाहती है, तो वहीं दूसरी ओर सत्ता में बैठी कांग्रेस प्रदेश में एक बार फिर अपना परचम लहराने की तैयारी में जुटी हुई है. 6 मार्च को शहडोल में होने वाली सीएम कमलनाथ की सभा से भी कांग्रेस मिशन लोकसभा की तरफ एक कदम बढ़ाने की कोशिश में है.
इससे पहले सीएम कमलनाथ उमरिया में भी कोल समाज के सम्मेलन में आए थे. इससे लगता है कि कांग्रेस की नजर शहडोल संभाग के आदिवासी वोटर्स पर है. गौरतलब है कि शहडोल में विधानसभा की 8 सीटें हैं, जिनमें से 4 पर बीजेपी तो 4 पर कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि सत्ता में रहने के बाद वो लोकसभा के मुकाबले में यहां मात न खाए. सीएम कमलनाथ के शहडोल दौरे को इसी कोशिश से जोड़ कर देखा जा रहा है.
कांग्रेस के प्रदेश के सचिव रविंद्र तिवारी के मुताबिक कमलनाथ के दौरे को लोकसभा की तैयारी तो कहा जा सकता है, साथ ही कांग्रेस सरकार का फोकस इस बात पर है कि जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव के वचन पत्र के वादे पूरे कर लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि सीएम कमलनाथ हमेशा से ही आदिवासी जिलों से लगाव रखते आए हैं.
कांग्रेस नेता सीएम की सभा और कर्जा माफी के प्रमाण पत्रों के वितरण पर कुछ भी कहें, लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह आदिवासी वोटर्स में अच्छी पैठ रखते हैं, इसलिए बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस भी आदिवासी वोटों में घुसपैठ कर लोकसभा की जंग में खुद को मजबूत करना चाहती है.