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गर्मी में गहरी जुताई से होता है फायदा, बढ़ती है खरीफ की पैदावार

किसान अब खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को खेतों में गहरी जुताई करवाने की सलाह दी है, ताकि फसल की बंपर पैदावार हो सके. उनका कहना है कि, गहरी जुताई करने के लिए यह वक्त सबसे सही है.

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Published : Jun 1, 2020, 2:47 PM IST

Shahdol news
गहरी जुताई के फायदे

शहडोल। एक तरफ तेज गर्मी से लोगों का जीना हाल बेहाल है, तामपान 44 से 48 डिग्री तक पहुंच चुका है. तो दूसरी तरफ किसान प्रचंड गर्मी के बाद भी रबी की फसल से निपटकर एक बार फिर से खरीफ की फसल की तैयारी में जुट चुके हैं, ताकि मानसून आते ही फसल बुआई का काम शुरु किया जा सके. खरीफ की फसल के लिए कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी ने किसानों को कुछ सुझाव दिए हैं.

शहडोल के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी ने किसानों को खरीफ की फसल में अच्छी पैदावार के लिए गहरी जुताई कराने की सलाह दी है. ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई खेतों के लिए सबसे अच्छी होती है, क्योंकि इस जुताई से खेत की मिट्टी 30 सेंटीमीटर तक पलट दी जाती है. ताकि आने वाली फसल की पैदावार अच्छी हो.

खेतों में गहरी जुताई के फायदे

गहरी जुताई कराने से दरारों में छिपे कीड़े भी बाहर निकल आते हैं. जिससे वे फसल को नष्ट नहीं कर पाते. गर्मी के चलते तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाने के बाद कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं. इस समय नौतपा चल रहा है. जिससे तापमान 44 से 45 डिग्री है. गहरी जुताई के लिए यह सही समय है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं की, हर तीसरे साल खेतों मे ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई की जरूरत होती है.

किसानों ने शुरु की गहरी जुताई
किसानों ने शुरु की गहरी जुताई

कृषि वैज्ञानिक कहते हैं, गहरी जुताई से उपज 10 से 12 फीसदी बढ़ जाती है, मिट्टी पूरी तरह से नई हो जाती है. जिसका फायदा खरीब की फसल में मिलता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस वक्त नौतपा चल रहा है, जो की गहरी जुताई के लिए सबसे सही और उपयुक्त समय है.

शहडोल। एक तरफ तेज गर्मी से लोगों का जीना हाल बेहाल है, तामपान 44 से 48 डिग्री तक पहुंच चुका है. तो दूसरी तरफ किसान प्रचंड गर्मी के बाद भी रबी की फसल से निपटकर एक बार फिर से खरीफ की फसल की तैयारी में जुट चुके हैं, ताकि मानसून आते ही फसल बुआई का काम शुरु किया जा सके. खरीफ की फसल के लिए कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी ने किसानों को कुछ सुझाव दिए हैं.

शहडोल के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीएन त्रिपाठी ने किसानों को खरीफ की फसल में अच्छी पैदावार के लिए गहरी जुताई कराने की सलाह दी है. ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई खेतों के लिए सबसे अच्छी होती है, क्योंकि इस जुताई से खेत की मिट्टी 30 सेंटीमीटर तक पलट दी जाती है. ताकि आने वाली फसल की पैदावार अच्छी हो.

खेतों में गहरी जुताई के फायदे

गहरी जुताई कराने से दरारों में छिपे कीड़े भी बाहर निकल आते हैं. जिससे वे फसल को नष्ट नहीं कर पाते. गर्मी के चलते तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाने के बाद कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं. इस समय नौतपा चल रहा है. जिससे तापमान 44 से 45 डिग्री है. गहरी जुताई के लिए यह सही समय है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं की, हर तीसरे साल खेतों मे ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई की जरूरत होती है.

किसानों ने शुरु की गहरी जुताई
किसानों ने शुरु की गहरी जुताई

कृषि वैज्ञानिक कहते हैं, गहरी जुताई से उपज 10 से 12 फीसदी बढ़ जाती है, मिट्टी पूरी तरह से नई हो जाती है. जिसका फायदा खरीब की फसल में मिलता है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस वक्त नौतपा चल रहा है, जो की गहरी जुताई के लिए सबसे सही और उपयुक्त समय है.

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