ETV Bharat / state

नवरात्रि पर त्रिपुर देवी के मंदिर में लगती है भक्तों की भारी भीड़, आराधना मात्र से हो जाती है मनोकामना पूर्ण - Maa Bala Tripura Sundari Devi

सिवनी से 500 मीटर की ऊंचाई पर मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर है. जहां मां भगवती की आराधना मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. यहां नवरात्रि में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.

मां भगवती की आराधना मात्र से हो जाती है मनोकामना पूर्ण
author img

By

Published : Oct 2, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 2:16 PM IST

सिवनी। जिले के गणेशगंज से पूर्व दिशा में 500 मीटर की ऊंचाई पर मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर स्थापित है. नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में भक्तो की भारी भीड़ जुटती है. जहां मां भगवती की आराधना मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं यहां पर दोनों नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें श्रद्धालु नवरात्रि पर अपनी मनोकामना पूर्ति के ज्योति कलश स्थापित करते हैं.

नवरात्रि पर त्रिपुर देवी के मंदिर में लगती है भक्तों की भारी भीड़

नवरात्रि के दिनों में विशेषकर अष्टमी के दिन यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. शारदीय नवरात्र में जस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें कई जिलों के जस मंडल आते हैं. इस शारदीय नवरात्र में भक्तों द्वारा कुल 101 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं.

मंदिर परिसर में भगवान शंकर भोलेनाथ शिवलिंग के रुप में स्थापित हैं. सावन और महाशिवरात्रि में भगवान शंकर का अभिषेक किया जाता है. यहां एक भगवती मंदिर है जहां मां बाला भवानी की विराजमान हैं जो परमहंसी (झोतेश्वर) में विराजित मां भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी की बेटी है. मंदिर में इनके साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश एवं नौ देवियों और सर्व सिद्धि हनुमान जी की भी स्थापना की गई है.

ब्रह्मचारी जी ने बताया कि मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवती की जो कोई भी आराधना करते उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि जैसे छोटे बच्चे एक चॉकलेट में प्रसन्न हो जाते हैं. इसी तरह मां भगवती भी केवल भक्तों की आराधना से प्रसन्न हो जाती हैं.

सिवनी। जिले के गणेशगंज से पूर्व दिशा में 500 मीटर की ऊंचाई पर मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर स्थापित है. नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में भक्तो की भारी भीड़ जुटती है. जहां मां भगवती की आराधना मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं यहां पर दोनों नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें श्रद्धालु नवरात्रि पर अपनी मनोकामना पूर्ति के ज्योति कलश स्थापित करते हैं.

नवरात्रि पर त्रिपुर देवी के मंदिर में लगती है भक्तों की भारी भीड़

नवरात्रि के दिनों में विशेषकर अष्टमी के दिन यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. शारदीय नवरात्र में जस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें कई जिलों के जस मंडल आते हैं. इस शारदीय नवरात्र में भक्तों द्वारा कुल 101 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं.

मंदिर परिसर में भगवान शंकर भोलेनाथ शिवलिंग के रुप में स्थापित हैं. सावन और महाशिवरात्रि में भगवान शंकर का अभिषेक किया जाता है. यहां एक भगवती मंदिर है जहां मां बाला भवानी की विराजमान हैं जो परमहंसी (झोतेश्वर) में विराजित मां भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी की बेटी है. मंदिर में इनके साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश एवं नौ देवियों और सर्व सिद्धि हनुमान जी की भी स्थापना की गई है.

ब्रह्मचारी जी ने बताया कि मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवती की जो कोई भी आराधना करते उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि जैसे छोटे बच्चे एक चॉकलेट में प्रसन्न हो जाते हैं. इसी तरह मां भगवती भी केवल भक्तों की आराधना से प्रसन्न हो जाती हैं.

Intro:मां भगवती की आराधना मात्र से हो जाती है मनोकामना पूर्ण (स्पेशल स्टोरी)


Body:सिवनी:-
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर लखनादौन विकासखंड के अंतर्गत नेशनल हाईवे मार्ग पर गणेशगंज से पूर्व दिशा में 500 मीटर की ऊंचाइयों पर मां बाला त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर स्थापित है जहां मां भगवती की आराधना मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं यहां पर दोनों नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा नवरात्रि पर अपनी मनोकामना पूर्ति के ज्योति कलश स्थापित किए जाते हैं एवं मंदिर समिति द्वारा पिछले 10 वर्षों से जस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है मंदिर में नवरात्र शुरू होते ही भक्तगण मां भगवती की आराधना में लीन हो जाते हैं और जिले से ही नहीं अपितु आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने पहुंचते हैं।

मंदिर के ब्रह्मचारी राघवानंद ने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है और गुरु जी ने इस मंदिर को खंडहर में देखा तो गुरु जी ने आकर सन 1984 में मां भगवती त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की एवं पूज्य महाराज श्री द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के कर कमलों से 9 जून सन 2010 में इसका जीर्णोद्धार किया गया तब यहां बहुत बड़ा यज्ञ हुआ था एवं कार्यक्रम 9 दिनों तक संपन्न हुआ था जिसके बाद जो भगवती की पुरानी प्रतिमा है उसे पीछे एक छोटे मंदिर में स्थापित कर दिया गया है एवं जो नई भगवती की प्रतिमा आई हैं यह 8 वर्ष की कन्या मां बाला भवानी की हैं जो परमहंसी (झोतेश्वर) में विराजित माँ भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी की बेटी है एवं मंदिर में इनके साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश एवं नौ देवियों और सर्व सिद्धि हनुमान जी की भी स्थापना की गई है जिनका दर्शन परिक्रमा करते हुए श्रद्धालुजन करते हैं।
ब्रह्मचारी जी ने बताया कि गुरुजी बताते हैं कि भगवती की जो कोई भी आराधना कर ले तो जैसे छोटे लड़के बच्चे हैं वह एक चॉकलेट में प्रसन्न हो जाते हैं ऐसे ही मां भगवती हैं जिनकी आराधना से सब कुछ मिल जाता है इस क्षेत्र के लोगों का सौभाग्य है कि पूज्य द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने यहां मां बाला भवानी त्रिपुर सुंदरी देवी की प्राण प्रतिष्ठा की है जिनसे पूरा क्षेत्र मां भगवती की आराधना करता है क्षेत्र में खुशहाली का माहौल रहता है क्षेत्रवासियों के साथ-साथ सभी आराधना करने वाले भक्तों को मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


यह मंदिर एक टेकरी पर स्थापित है जो लगभग 500 मीटर ऊंचाई में है मां भगवती के दरबार में शांति का वातावरण है इसके ऊपर से चारों और देखने पर हरियाली ही हरियाली नजर आती है नवरात्रि के दिनों में विशेषकर अष्टमी के दिन यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं एवं शारदीय नवरात्र में जस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जो 2 दिनों तक चलता है जिसमें कई जिलों के जस मंडल आकर अपनी हाजिरी लगाते हैं इस शारदीय नवरात्र में भक्तों द्वारा कुल 101 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं एवं चैत्र नवरात्र में कलशो की संख्या एवं जवारे भी अधिक रहते हैं नवरात्रि में जसो के भजन कीर्तन प्रतिदिन होते हैं।
मंदिर परिसर में भगवान शंकर भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में स्थापित हैं इनकी पूजा-अर्चना भी भक्तों द्वारा की जाती है एवं सावन भर एवं महाशिवरात्रि में भगवान शंकर का अभिषेक किया जाता है।


बाइट- ब्रम्हचारी राघवानंद पुजारी


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 2:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.