शहडोल। जिले के जैतपुर थाना प्रभारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि जैतपुर थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक विजय बुंदेला को गुरुवार की देर रात अचानक पेट में असहनीय दर्द हुआ. (Shahdol Bhagwan Bharose Hospital) आनन फानन में खुद थाना प्रभारी और उनका सहयोगी स्टाफ उसे नजदीकी जैतपुर के अस्पताल में इलाज के लिए ले गए. जिससे मरीज को जल्द दर्द से राहत मिल सके, लेकिन वहां तो कुछ और ही देखने को मिला. जिला अस्पताल में बिना वेंटीलेटर के ही आईसीयू डिपार्टमेंट चल रहा है, जिससे गंभीर मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालात तो यह हो गए हैं कि अगर जिला अस्पताल में कोई सीरियस कंडीशन में मरीज आता है तो उसे वेंटीलेटर के लिए जिला अस्पताल से रेफर कर मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाता है.
थाना प्रभारी का आरोप: थाना प्रभारी के मुताबिक ड्यूटी में तैनात डॉक्टर नीरज सिंह परस्ते नशे में धुत थे. सहायक उपनिरीक्षक विजय असहनीय पीड़ा की वजह से थाना प्रभारी और अपने सहयोगी स्टाफ के सामने ही मदद की गुहार लगा रहे थे, लेकिन इधर मदद की उम्मीद जिस डॉक्टर से थी, वही डॉक्टर नीरज नशे में धुत होने की वजह से ना तो मरीज को सही तरीके से प्राथमिक उपचार दे सके और ना ही मरीज के साथियों को सही सलाह दे पा रहे थे.
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बुढार अस्पताल में कराया भर्ती: काफी देर इंतजार करने के बाद जब प्राथमिक उपचार एएसआई विजय को ना मिला तो थाना प्रभारी ने 108 एंबुलेंस की मदद के लिए डॉक्टर से गुहार लगाई लेकिन डॉक्टर ने थाना प्रभारी की ना सुनी,जिसकी वजह से उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या करना है. काफी देर इंतजार करने के बाद थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने अपने स्टाफ के साथ एएसआई विजय बुंदेला को अपने ही वाहन में बिठाया और तत्काल बुढार अस्पताल ले गए. इस दौरान थाना प्रभारी ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सचिन को पूरे मामले की जानकारी दी. डॉक्टर नीरज की फोन पर ही शिकायत बीएमओ से कर दी थी. बुढार अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराकर एएसआई को मेडिकल कॉलेज में देर रात ही भर्ती कराया गया. जहां एएसआई का उपचार जारी है.