सिवनी। साल 2023 में एक बार फिर पेंच टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों को रोमांचित करने वाली खुशखबरी सामने आई है. (Seoni Tiger Pench Sanctuary) साल 2010 में सुपरमाम कालरवाली बाघिन से जन्मी पाटदेव बाघिन (टी-4) ने 4 नए शावकों को जन्म देकर जंगल को बाघों से गुलजार कर दिया है. सोमवार सुबह सफारी कर रहे पर्यटकाें के सामने जैसे ही जंगल की कच्ची सड़क पार करने पाटदेव बाघिन निकली. उसके पीछे-पीछे करीब 2 माह उम्र के नन्हें 4 शावक चहलकदमी करते सड़क पर आ गए. बाघिन के साथ 4 नन्हें शावकाें को देखकर पर्यटक रोमांचित हो गए.
जंगल में शावकों का विचरण: सोमवार सुबह सफारी कर रहे पर्यटकों के सामने से जैसे ही जंगल की कच्ची सड़क पार करती पाटदेव बाघिन निकली, उसके पीछे-पीछे करीब दो माह के नन्हे 4 शावक चहलकदमी करते सड़क पर आ गए. बाघिन के साथ 4 नन्हें शावकों को देखकर पर्यटक रोमांचित हो गए. पर्यटकों ने मोबाइल व कैमरे पर बाघिन और नन्हे शावकों के वीडियो, फोटो रिकॉर्ड कर लिए. इंटरनेट पर बाघिन और उसके नन्हे शावकों के वीडियो खूब प्रसारित हो रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, कॉलरवाली बाघिन की विरासत को पाटदेव बाघिन आगे बढ़ा रही है.
बाघिन ने पांच बार दिए शावकों को जन्म: पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने पाटदेव बाघिन (टी-4) के 4 नन्हें शावक 9 जनवरी सोमवार को सफारी के दौरान पर्यटकों दिखाई देने की पुष्टि करते हुए जानकारी में बताया कि, बाघिन ने पेंच के जंगल में पांचवी बार शावकों को जन्म दिया है. इससे पहले 4 बार में पाटदेव बाघिन ने 2014 से 2020 के बीच अलग-अलग साल में 16 शावकों को जन्म दिया था. साल 2014 में पहली बार जन्म 4 शावकों में से दो मेल शावकों की मौत हो गई थी. शेष सभी वयस्क होने तक बाघिन के साथ रहे. पांचवीं बार में बाघिन ने 4 नए शावकों को जन्म दिया है. बाघिन अब तक 5 बार में 20 शावकों को जन्म दे चुकी है. बाघिन की उम्र फिलहाल 12 साल है. वह पूरी तरह स्वस्थ है. पाटदेव बाघिन (टी-4) का जन्म साल 2010 में सुपरमाम कालरवाली बाघिन से 5 शावकों के साथ हुआ था. जिसके नाम पर 29 शावकों को जन्म देने का विश्व कीर्तिमान दर्ज है.
पहली बार नजर आए 2 माह के नन्हें शावक: उन्होंने बताया कि, नए साल में छुट्टियां बिताने बड़ी संख्या में पर्यटक परिवार और मित्रों के साथ पेंच टाइगर रिजर्व पहुंच रहे हैं. जंगल में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच वन्यजीवों और बाघ को देखकर पर्यटकों का दिल खुश हो रहा है. जानकारों के मुताबिक जनवरी-फरवरी में सफारी के दौरान अक्सर बाघ के साथ नए शावकों को देखने का माैका मिलता है.
जंगल में चहल कदमी: प्रजनन काल के बाद 2 से ढाई माह तक बाघिन अपने शावकों को गुफा (मांद) में छिपाकर रखती है. इसके बाद ही बाघिन के साथ शावक चहल कदमी करना शुरू करते हैं. अधिकारियों के मुताबिक बाघ शावकों ने हाल ही में जन्म लिया है. इनकी उम्र करीब 2 माह के आसपास होगी. जो संभवत: पहली बार गुफा (मांद) से बाहर निकलकर बाघिन के साथ जंगल में चहल कदमी कर रहे हैं.