ETV Bharat / state

सिवनीं में इसलिए हो रही लगातार हो भूगर्भीय हलचल, जानिए क्या कहते हैं भू-वैज्ञानिक

author img

By

Published : Sep 28, 2020, 12:01 AM IST

सिवनी में महसूस हो रहे लगातार झटके की वजहों को पता लगाने के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया. जिसमें यह बात निकल कर सामने आई, कि ये हलचल पानी के रिसाव और जमीन के नीचे बन रहे दबाव का नतीजा है. जोकि बरसात के 3 से 4 महीनों बाद बन्द हो जाएगा.

सिवनी में भू गर्भीय झटकों की वजह
सिवनी में भू गर्भीय झटकों की वजह

सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में पिछले कुछ दिनों से जिला मुख्यालय में भू-गर्भिक हलचल महसूस की जा रही है. जिसको लेकर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास द्वारा भारतीय भू वैज्ञानिक-सर्वेक्षण विभाग जबलपुर को इसकी वजहों को जानने के लिए पत्र लिखे थे, इसके बाद 7 सितंबर को सिवनी पहुंचकर सर्वेक्षण किया गया.

बता दे कि जांच के बाद भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें कहा गया है कि सिवनी जिले के सेंट्रल इंडियन टेक्टोनिक जोन में स्थित होने को लेकर प्रथम दृष्टया, लगातार झटकों को "भूकंप के झुंड" के रूप में वर्गीकृत किया है, जो काफी निम्न स्तर के झटके है. जो भारी बारिश के बाद छोटे क्षेत्र में कुछ महीनों तक चलते हैं.

इतना ही नहीं भू वैज्ञानिक के मुताबिक मानसून के कारण पानी के स्तर में बदलाव के कारण इस तरह के झटकों की संभावना होती है. वर्षा जल के अंदुरूनी चट्टानों में रिसने से अंदर का दबाव बढ़ जाने के कारण भी इस तरह के हलचल की संभावना बनती है. इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बारिश के बाद तीन-से-चार महीनों में यह जल-भूकंपीय घटनाएं अपने आप समाप्त हो जाती है.

सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में पिछले कुछ दिनों से जिला मुख्यालय में भू-गर्भिक हलचल महसूस की जा रही है. जिसको लेकर कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास द्वारा भारतीय भू वैज्ञानिक-सर्वेक्षण विभाग जबलपुर को इसकी वजहों को जानने के लिए पत्र लिखे थे, इसके बाद 7 सितंबर को सिवनी पहुंचकर सर्वेक्षण किया गया.

बता दे कि जांच के बाद भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें कहा गया है कि सिवनी जिले के सेंट्रल इंडियन टेक्टोनिक जोन में स्थित होने को लेकर प्रथम दृष्टया, लगातार झटकों को "भूकंप के झुंड" के रूप में वर्गीकृत किया है, जो काफी निम्न स्तर के झटके है. जो भारी बारिश के बाद छोटे क्षेत्र में कुछ महीनों तक चलते हैं.

इतना ही नहीं भू वैज्ञानिक के मुताबिक मानसून के कारण पानी के स्तर में बदलाव के कारण इस तरह के झटकों की संभावना होती है. वर्षा जल के अंदुरूनी चट्टानों में रिसने से अंदर का दबाव बढ़ जाने के कारण भी इस तरह के हलचल की संभावना बनती है. इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बारिश के बाद तीन-से-चार महीनों में यह जल-भूकंपीय घटनाएं अपने आप समाप्त हो जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.