भोपाल/सिवनी । पेंच टाइगर रिजर्व के गुमतरा परिक्षेत्र में नर बाघ मृत मिलने से हड़कंप मच गया. घटना की सूचना मिलते ही अफसर और स्टाफ मौके पर पहुंचा. नर बाघ छह-सात साल का था. बाघ की मौत की असल वजह सामने अभी नहीं आ पाई है.
बाघ की मौत से विभाग में हड़कंप
पोस्ट मार्टम के दौरान बाघ के नाखून, बाल, खाल, दांत, सुरक्षित पाए गए हैं. इसलिए शिकार की संभावना फिलहाल कम लग रही है. वैज्ञानिक जांच के लिए बिसरा और दूसरे जरूरी नमूने ले लिए गए हैं.
शिकारियों का शिकार बने 25 बाघ
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है. पिछले तीन सालों में यहां 93 बाघों की मौत हो चुकी है. चौंकाने वाली बात यह है कि, इनमें से 25 बाघ शिकारियों के शिकार हुए हैं. पिछले तीन सालों में बाघों के शिकार के मामले में 25 केस दर्ज किए गए हैं. जिनमें लगभग 77 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
526 बाघों के साथ MP बना था टाइगर स्टेट
31 जुलाई 2019 को राष्ट्रीय बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018 के मुताबिक, 526 बाघों के साथ मध्य प्रदेश ने टाइगर स्टेट का अपना खोया हुआ दर्जा कर्नाटक से कई सालों बाद फिर से हासिल किया . इससे पहले साल 2006 में भी मध्य प्रदेश को 300 बाघ होने के कारण टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था. शिकार और अन्य कारणों से साल 2010 में प्रदेश में बाघों की संख्या घटकर 257 रह गई थी. तब कर्नाटक ने मध्य प्रदेश से टाइगर स्टेट का दर्जा छीन लिया था. तब कर्नाटक में 300 बाघ थे. 2019 में फिर से प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला .
टाइगर स्टेट तेंदुए की मौत में अव्वल
बाघों की संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश को पहले ही टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है. अब मध्य प्रदेश तेंदुओं की संख्या में भी अव्वल है. चौंकाने वाली बात यह है कि सभी राज्यों को पछाड़कर तेंदुओं की गिनती में आगे निकले मध्य प्रदेश में तेंदुओं की मौत के आंकड़े भी सबसे ज्यादा हैं. पिछले एक साल में ही मध्य प्रदेश में 48 तेंदुओं की मौत हुई है.
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वन विहार में बढ़ गए बाघ
वन विहार के मुताबिक बाघ की संख्या 14 है. ये पिछले साल के मुकाबले तीन ज्यादा है. 2020-21 में लिये वनजीव गणना का आंकड़े जारी कर दिए हैं. ये गणना 24 फरवरी से 26 फरवरी तक हुई थी. इस बार भी रिपोर्ट में वन विहार में जानवरों की संख्या बढ़ी है. पिछले साल 1485 जानवर थे, जो अब बढ़कर 1558 हो गए हैं.