सिवनी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सिवनी के उड़ेपानी पहुंचे, जहां पर उन्होंने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि कर्नाटक के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने जैसी बात नहीं है हालांकि कार्रवाई करने की बात खुद सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कही है उसी पर अमल किया जा रहा है. कमलनाथ ने सिवनी में विकास का मुद्दा उठाया. उन्होने कहा कि बाल अपराध में देश में नंबर वन, दलित और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में देश में नंबर वन है. महिला आत्महत्या में और उत्पीड़न ने देश में नंबर वन है यह मेरे आंकड़े नहीं यह तो केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े हैं.
सिवनी आज भी पिछड़ा: कमलनाथ ने कहा कि आज प्रदेश में रोजगारी चरम पर है लगभग एक करोड़ युवा बेरोजगार हैं. आज सिवनी की स्थिति देख लीजिए, यहां बिजली और पानी की समस्या चिंतनीय है, शायद सिवनी इकलौता जिला होगा मध्यप्रदेश का जहां पर इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं है. जिला अस्पताल में मेडिकल स्टाफ नहीं है स्पेशलाइज्ड डॉक्टर नहीं है. ये भाजपा के 18 वर्षों के कुशासन का परिणाम है. सिवनी आज सिंचाई विहीन, उद्योग विहीन , बिजली विहीन, सुविधा विहीन अस्पताल, खेल सुविधा विहीन बनकर रह गया है. यह 18 वर्षों के भाजपा कार्यकाल की हकीकत है कि भ्रष्टाचार की सुनामी आई हुई है ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार की एक व्यवस्था बनाई हुई है. प्रदेश सरकार ने 3.30 लाख करोड़ का कर्जा लिया गया है मैं पूछना चाहता हूं कि उस से सिवनी को क्या लाभ हुआ.
सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले संगठनों पर हो कार्रवाई: कमलनाथ ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कर्नाटक के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात नहीं की गई है. यह बात तो सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं कहा है कि जो व्यक्ति या संस्था समाज में नफरत या विवाद की स्थिति पैदा करने का प्रयास करें उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और यही बात आम जनता चाहती है. सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो. जबलपुर में की गई हिंसा की मैं घोर निंदा करता हूं, सब ध्यान मोड़ने की राजनीति का एक हिस्सा है ताकि जनता का बढ़ती हुई महंगाई बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.
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जब फसल कटती है तो सबको दिखती है: कमलनाथ ने उड़ेपानी में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. इस कार्यकर्ता सम्मेलन में सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा बरघाट विधानसभा और केवलारी विधानसभा के कार्यकर्ता मौजूद रहे. कमलनाथ ने कहा कि अब समय आ गया है कि हर कार्यकर्ता पूरी मेहनत के साथ जुड़ जाए क्योंकि असली परीक्षा का समय यही है. किसने कितना काम किया है कौन कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करता है यह चुनाव के बाद परिणाम तय करते हैं और जब फसल कटती है तो सबको दिखती है.