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कीटनाशक ने किया किसान का 'सत्यानाश', 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल हुई तबाह - seoni news

मिट्टी से सोना उगाने वाले अन्नदाता रामप्रसाद उईके पर दोहरी नहीं अब तीहरी मार पड़ी है. नौसिखिए कृषि केंद्र संचालक की एक गलती ने पीड़ित किसान की 9 एकड़ की फसल को एक झटके में बर्बाद कर दिया है.

कीटनाशक ने किसान की फसल को बर्बाद कर दिया
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Published : Aug 11, 2019, 3:29 PM IST

सिवनी। कभी सूखा, कभी बाढ़, कभी आंधी तो कभी तूफान, आफत कोई भी आये, पर नाश तो किसान का ही होता है. बची खुची कसर प्रशासनिक लापरवाही व रासायनिक उर्वरक पूरी कर देते हैं. घंसौर के किसान राम प्रसाद उइइके का तो कीटनाशक ने ही सत्यानाश कर दिया क्योंकि कीटनाशक डालते ही 9 एकड़ में खड़ी मक्के की फसल बर्बाद हो गयी, अब किसान की स्थिति काटो तो खून नहीं जैसी हो गयी है.

कीटनाशक ने किसान की फसल को बर्बाद कर दिया

किसान राम प्रसाद उइके की 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल तबाह होने की कगार पर है. अरिहंत कृषि केंद्र संचालक से खरपतवार नाशक दवाई खरीदकर मक्के की खेत में छिड़काव कर दिया था. उसके दूसरे दिन जब रामप्रसाद अपने खेत पहुंचे तो खेत में लगी मक्के की फसल देखकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई. जब दुकानदार से संपर्क किया तो दुकानदार की टालमटोल करने लगा.पीड़ित किसान अब कृषि केंद्र संचालक की शिकायत करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि कीटनाशक 2.4 नामक दवा के गलत डोज ने किसान की फसल चौपट कर दी है.

पीड़ित किसान की परेशानी देखकर तहसीलदार ने कृषि विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और जांच करने का आश्वासन दिया है.कृषि केंद्र संचालक की छोटी सी गलती ने अन्नदाता की छह महीने की मेहनत चंद मिनटों में बर्बाद कर दी. अब सवाल उठता है कि किसान की फसल की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है, वो कृषि संचालक या ऐसे संचालकों को लाइसेंस देने वाला विभाग. खैर! गलती जिसकी भी हो, लेकिन मुसीबत तो किसान की बढ़ ही गयी है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश

सिवनी। कभी सूखा, कभी बाढ़, कभी आंधी तो कभी तूफान, आफत कोई भी आये, पर नाश तो किसान का ही होता है. बची खुची कसर प्रशासनिक लापरवाही व रासायनिक उर्वरक पूरी कर देते हैं. घंसौर के किसान राम प्रसाद उइइके का तो कीटनाशक ने ही सत्यानाश कर दिया क्योंकि कीटनाशक डालते ही 9 एकड़ में खड़ी मक्के की फसल बर्बाद हो गयी, अब किसान की स्थिति काटो तो खून नहीं जैसी हो गयी है.

कीटनाशक ने किसान की फसल को बर्बाद कर दिया

किसान राम प्रसाद उइके की 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल तबाह होने की कगार पर है. अरिहंत कृषि केंद्र संचालक से खरपतवार नाशक दवाई खरीदकर मक्के की खेत में छिड़काव कर दिया था. उसके दूसरे दिन जब रामप्रसाद अपने खेत पहुंचे तो खेत में लगी मक्के की फसल देखकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई. जब दुकानदार से संपर्क किया तो दुकानदार की टालमटोल करने लगा.पीड़ित किसान अब कृषि केंद्र संचालक की शिकायत करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि कीटनाशक 2.4 नामक दवा के गलत डोज ने किसान की फसल चौपट कर दी है.

पीड़ित किसान की परेशानी देखकर तहसीलदार ने कृषि विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और जांच करने का आश्वासन दिया है.कृषि केंद्र संचालक की छोटी सी गलती ने अन्नदाता की छह महीने की मेहनत चंद मिनटों में बर्बाद कर दी. अब सवाल उठता है कि किसान की फसल की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है, वो कृषि संचालक या ऐसे संचालकों को लाइसेंस देने वाला विभाग. खैर! गलती जिसकी भी हो, लेकिन मुसीबत तो किसान की बढ़ ही गयी है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश

Intro:कृषिकेन्द्र संचालक की नादानी भुगत रहा किसान 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल बर्बादBody:एक तो मौसम की मार फिर मानसून की तक़रार और बच गए तो नौसिखिए कृषिकेन्द्र संचालकों के अत्याचार.....
सिवनी के घंसौर में नौसिखिया कृषिकेन्द्र संचालक की एक गलती ने एक किसान को खून के आंसू बहाने में मजबूर कर दिया । खेत में खरपतवार नाशक एक दवाई के छिड़काव ने जहाँ कृषक की एक सीजन की मेहनत पर पानी फेर दिया जिसके चलते उसकी 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल तबाह हो गई अब किसान जहाँ दफ्तरों में चक्कर लगा कृषिकेन्द्र संचालक की शिकायत करने को मजबूर हैं।

Vo- 01- खेत मे काम करते यह हैं ग्राम बालपुर के किसान रामप्रसाद उईके जिन्हें अपनी 9 एकड़ में लगी मक्के की फसल तबाह होने का डर सता रहा है । दरसल इन्होंने घंसौर के एक कृषिकेन्द्र संचालक से खरपतवार नासक खरीदी दुकानदार ने इन्हें 2.4नामक दवा दे दी । जिसे इन्होंने अपने खेत मे छिड़काव किया छिड़काव के दूसरे दिन जब रामप्रसाद अपने खेत पहुंचे तो खेत मे लगी मक्के की फसल देख उनके माथे की शिकन और बढ़ गई 9एकड़ की फसल ऐसे झुकी मानो फसल में सुअरों लोट गए हों जिसे देख वे हैरत में आ गए जिसके बाद पुनः उन्होंने दुकानदार से सम्पर्क किया मगर दुकानदार की टालमटोली ने कृषक रामप्रसाद की चिंता और बढ़ा दी।

Vo-02- वहीं जब कृषिकेन्द्र संचालक दुकानदार ने जब हाथ खड़े कर दिये तो अब रामप्रसाद दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं । जबकी एक नौसिखिया दुकानदार द्वारा दिये गए कीटनाशक दवाओं के गलत डोज ने उनकी छः माह की मेहनत ने पानी फेर दिया इलाके तहसीलदार जहाँ जाँच की बात कर रहे हैं। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि कीटनाशक दवाओं के गलत डोज ने किसान की फसल चौपट कर दी है वही सवाल यह उठता है कि - आखिर बिना कोई जानकारी के कीटनाशक दवाओं के विक्रय के लाइसेंस कृषिकेन्द्र संचालकों को खैरात की तरह क्यों बांट दिए जाते हैं ? किसान की बर्बाद हुई फसल का नुकसानदेह आखिर कोंन कृषिकेन्द्र संचालक या फिर लायसेंस जारी करने वाले ध्रतराष्ट्र अधिकारी?

बाइट - 01- रामप्रसाद उईके कृषक बालपुर
बाइट-02 - रश्मी राजनैगी फील्ड ऑफिसर कृषि विभाग घंसौर
03 - अमृतलाल धुर्वे तहसीलदार घंसौरConclusion:
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