ETV Bharat / state

Sehore Chintaman Ganesh Temple: चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में है प्रसिद्ध, उल्टा स्वास्तिक बनाने से होती है मन्नत पूरी - उल्टा स्वास्तिक बनाने से मन्नत पूरी

Shree Chintaman Ganesh Temple: सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से मन्नत पूरी होती है, आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास-

Sehore Chintaman Ganesh Temple
सीहोर चिंतामन गणेश मंदिर
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 7:11 PM IST

Updated : Sep 21, 2023, 10:17 PM IST

सीहोर चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में है प्रसिद्ध

सीहोर। शहर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है, यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से मन्नत पूरी होती है. पूरे देश में इस तरह की केवल चार प्रतिमाएं हैं, इनमें से एक रणथंभौर सवाई माधोपुर राजस्थान, दूसरी उज्जैन स्थित अवन्तिका, तीसरी गुजरात में सिद्धपुर और चौथी सीहोर में चिंतामन गणेश मंदिर में विराजित हैं. यहां साल भर लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं. सीहोर जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर चिंतामन गणेश मंदिर की जो देश भर मै अपनी ख्याति और भक्तों की अटूट आस्था को लेकर पहचाना जाता है, चिंतामन सिद्ध भगवान गणेश की देश में चार स्वयं भू-प्रतिमाएं हैं.

जमीन में आधी धंसी हुई है प्रतिमा: इतिहासविदों की मानें तो करीब मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सभा मंडप का निर्माण बाजीराव पेशवा प्रथम ने करवाया था, शालीवाहन शक, राजा भोज, कृष्ण राय तथा गौंड राजा नवल शाह आदि ने मंदिर की व्यवस्था में सहयोग किया. नानाजी पेशवा विठूर के समय मंदिर की ख्याति व प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है. इस मंदिर का इतिहास करीब दो हजार वर्ष पुराना है. कहा जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य पार्वती नदी से कमल पुष्प के रूप में प्रकट हुए भगवान गणेश को रथ में लेकर जा रहे थे, सुबह होने पर रथ जमीन में धंस गया. रथ में रखा कमल पुष्प गणेश प्रतिमा में परिवर्तित होने लगा और प्रतिमा जमीन में धंसने लगी. बाद में इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया गया, आज भी यह प्रतिमा जमीन में आधी धंसी हुई है.

Read More:

यहां पर जो भी मनोकामना की जाए वह होती है पूर्ण: मान्यता अनुसार श्रद्धालु भगवान गणेश के सामने अपनी मन्नत के लिए मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मन्नत पूर्ण होने के पश्चात सीधा स्वास्तिक बनाते हैं. सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

सीहोर चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में है प्रसिद्ध

सीहोर। शहर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है, यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से मन्नत पूरी होती है. पूरे देश में इस तरह की केवल चार प्रतिमाएं हैं, इनमें से एक रणथंभौर सवाई माधोपुर राजस्थान, दूसरी उज्जैन स्थित अवन्तिका, तीसरी गुजरात में सिद्धपुर और चौथी सीहोर में चिंतामन गणेश मंदिर में विराजित हैं. यहां साल भर लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं. सीहोर जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर चिंतामन गणेश मंदिर की जो देश भर मै अपनी ख्याति और भक्तों की अटूट आस्था को लेकर पहचाना जाता है, चिंतामन सिद्ध भगवान गणेश की देश में चार स्वयं भू-प्रतिमाएं हैं.

जमीन में आधी धंसी हुई है प्रतिमा: इतिहासविदों की मानें तो करीब मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सभा मंडप का निर्माण बाजीराव पेशवा प्रथम ने करवाया था, शालीवाहन शक, राजा भोज, कृष्ण राय तथा गौंड राजा नवल शाह आदि ने मंदिर की व्यवस्था में सहयोग किया. नानाजी पेशवा विठूर के समय मंदिर की ख्याति व प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है. इस मंदिर का इतिहास करीब दो हजार वर्ष पुराना है. कहा जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य पार्वती नदी से कमल पुष्प के रूप में प्रकट हुए भगवान गणेश को रथ में लेकर जा रहे थे, सुबह होने पर रथ जमीन में धंस गया. रथ में रखा कमल पुष्प गणेश प्रतिमा में परिवर्तित होने लगा और प्रतिमा जमीन में धंसने लगी. बाद में इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण कराया गया, आज भी यह प्रतिमा जमीन में आधी धंसी हुई है.

Read More:

यहां पर जो भी मनोकामना की जाए वह होती है पूर्ण: मान्यता अनुसार श्रद्धालु भगवान गणेश के सामने अपनी मन्नत के लिए मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मन्नत पूर्ण होने के पश्चात सीधा स्वास्तिक बनाते हैं. सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

Last Updated : Sep 21, 2023, 10:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.