सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक ऐसा शिवालय है, जिसे सहस्त्र लिंगम के नाम से जाना जाता है. यहां पर एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित है, इस प्रकार के शिवलिंग पूरे देश में मात्र तीन ही स्थानों पर विराजित हैं, शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2021) और सावन के महीने में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं क्योंकि यहां पहुंचने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है, इस शिवलिंग की स्थापना अंग्रेजों के समय की गई थी, यह शिवलिंग मंदिर के पास सीवन नदी में खुदाई के दौरान मिली थी.
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के सीहोर शहर के बढ़िया खेड़ी क्षेत्र में सबसे पुराना शिवाला है, इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देश भर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं, सैकड़ों साल पुराना यह शिवालय अति प्राचीन आस्था का केंद्र है, जहां आराधना और दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भगवान शिव के भक्त आते हैं, मंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा ने बताया कि अंग्रेजों के समय पास में ही सीवन नदी में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग मिला था, जिसे बाद में मंदिर में स्थापित कर दिया गया.
सावन शिवरात्रि होती है विशेष, जानें शिव पूजा मुहूर्त और महत्व
पुजारी ने बताया कि यह करीब 200 वर्षों से अधिक पुराना मंदिर है, शिवरात्रि और सावन में जहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है, दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं. खासकर शिवरात्रि पर यहां भक्त सबसे अधिक संख्या में पहुंचते हैं, जबकि पूरे सावन माह में यहां भक्तिमय माहौल रहता है. सावन का हर दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए उत्तम और श्रेष्ठ होता है. हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है. सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2021) का विशेष महत्व होता है. सावन माह की शिवरात्रि 6 अगस्त को है. इस दिन विधि-विधान से भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.