सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर नगर के गौरव दिवस के अवसर पर सीहोर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम सैकड़ाखेड़ी स्थित शहीद स्थल पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 14 जनवरी 1858 को सीहोर में स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम में 356 क्रांतिकारियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था, इस स्थान पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा.
वीरों की वीर गाथा याद दिलाता है सैकड़ाखेड़ी: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सीहोर का यह स्थल हम सबके लिए पवित्र स्थान है. यह स्थान हमें उन वीरों की वीर गाथा याद दिलाता है, जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने में जरा भी संकोच नहीं किया. हम सभी का सौभाग्य है कि हमने उस धरती में जन्म लिया, जहां असंख्य क्रांतिकारियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए अपने प्राणो की आहुति दी. शहीद स्थल पर सांसद रमाकांत भार्गव, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक सुदेश राय, जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मालवीय, जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री प्रिंस राठौर सहित अनेक जनप्रतिनिधि पुष्पांजलि अर्पित की.
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356 क्रांतिकारियों को गोलियों से भूना: उल्लेखनीय है कि अंग्रेजी शासन के खिलाफ मध्य भारत में चल रहे विद्रोह में सीहोर की बरबर्तापूर्ण घटना को जलियांवालाबाग हत्याकांड की तरह देखा जाता है. दस मई 1857 को मेरठ की क्रांति से पहले ही सीहोर में क्रांति की ज्वाला सुलग गईं थी। मेवाड़, उत्तर भारत से होती हुई क्रांतिकारी चपातियां 13 जून 1857 को सीहोर और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गयी थी. 14 जनवरी 1858 को अंग्रेजों से बगावत करने वाले 356 क्रांतिकारियों को जनरल ह्यूरोज के आदेश पर सीवन नदी के किनारे सैकड़ाखेड़ी स्थित चांदमारी मैदान में गोलियों से भून दिया गया था. उन वीर क्रांतियों के स्मृति में सैकड़ाखेड़ी रोड के पास चांदमारी मैदान पर शहीद स्मारक बनाया गया है.