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Sehore News: अब बीमार पशुओं तक पहुंचेगी चिकित्सा सुविधा, शुरू हो रही है पशु एंबुलेंस - Madhya Pradesh News In Hindi

पशु चिकित्सा विभाग की ओर से एक पशु चिकित्सा इकाई तैयार की जा रही है, जिसमें बीमार पशुओं का उनके स्थान पर जाकर इलाज किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए स्वीकृत 406 पशु एंबुलेंस मिल गई है.

Sehore News
बीमार पशुओं तक पहुंचेगी पशु चिकित्सा इकाई
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Published : Apr 17, 2023, 5:32 PM IST

सीहोर। बीमार पशुओं तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाने के लिए पशु चिकित्सा इकाई (पशु एंबुलेंस) तैयार करने का काम जारी है. पशु एंबुलेंस में जीपीएस, माइक, माइक्रोस्कोप, रक्त जांच किट, बैटरी चलित छोटा फ्रिज, दवाइयां, डिस्पोजेबल, इंजेक्शन, ग्लव्ज, कृत्रिम गर्भाधान किट और छोटे-मोटे ऑपरेशन की सुविधा रहेगी. जब ये एंबुलेंस गांव में पहुंचेगी तब ये माइक से ग्रामीणों को अपने पहुंचने की सूचना भी देगी. पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि यह व्यवस्था इसी माह अप्रैल से शुरू करने के प्रयास किये जा रहे हैं. बीमार होने पर मनुष्य तो अस्पताल पहुंच जाता है, पर पशु नहीं. इसलिए प्रदेश में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है.

प्रदेश को प्राप्त हुई 406 पशु एंबुलेंसः केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए स्वीकृत 406 पशु एंबुलेंस प्राप्त हो चुकी हैं. प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई में एक-एक पशु चिकित्सक, वाहन चालक और सह सहायक की व्यवस्था की जा रही है. इसके संचालन के लिए कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें 5 पशु चिकित्सक और 15 कॉल एक्जिक्यूटिव को आउटसोर्स से नियोजित किया जा रहा है.

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जिला पशु कल्याण समिति को पूर्णत: रेडी वाहन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है. इसमें पशु औषधि, ईंधन और रख-रखाव की व्यवस्था की जाएगी. पशु एंबुलेंस को गंतव्य तक आसानी से पहुंचाने के लिए जीपीएस भी लगाया जा रहा है.

सीहोर। बीमार पशुओं तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाने के लिए पशु चिकित्सा इकाई (पशु एंबुलेंस) तैयार करने का काम जारी है. पशु एंबुलेंस में जीपीएस, माइक, माइक्रोस्कोप, रक्त जांच किट, बैटरी चलित छोटा फ्रिज, दवाइयां, डिस्पोजेबल, इंजेक्शन, ग्लव्ज, कृत्रिम गर्भाधान किट और छोटे-मोटे ऑपरेशन की सुविधा रहेगी. जब ये एंबुलेंस गांव में पहुंचेगी तब ये माइक से ग्रामीणों को अपने पहुंचने की सूचना भी देगी. पशु चिकित्सा विभाग ने बताया कि यह व्यवस्था इसी माह अप्रैल से शुरू करने के प्रयास किये जा रहे हैं. बीमार होने पर मनुष्य तो अस्पताल पहुंच जाता है, पर पशु नहीं. इसलिए प्रदेश में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है.

प्रदेश को प्राप्त हुई 406 पशु एंबुलेंसः केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए स्वीकृत 406 पशु एंबुलेंस प्राप्त हो चुकी हैं. प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई में एक-एक पशु चिकित्सक, वाहन चालक और सह सहायक की व्यवस्था की जा रही है. इसके संचालन के लिए कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें 5 पशु चिकित्सक और 15 कॉल एक्जिक्यूटिव को आउटसोर्स से नियोजित किया जा रहा है.

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जिला पशु कल्याण समिति को पूर्णत: रेडी वाहन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है. इसमें पशु औषधि, ईंधन और रख-रखाव की व्यवस्था की जाएगी. पशु एंबुलेंस को गंतव्य तक आसानी से पहुंचाने के लिए जीपीएस भी लगाया जा रहा है.

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