सीहोर। श्रावण मास में भक्त भोलेनाथ की भक्ति में रम गए हैं. सीहोर में एक ऐसा अनोखा शिवलिंग स्थापित हैं, जिसमें 1007 अन्य शिवलिंग समाहित हैं. इस प्रकार इस शिवलिंग के दर्शन करने से 1008 शिवलिंग के दर्शन करने का पुण्य लाभ भक्तों को मिलता है. ये शिवलिंग करीब 3 फीट ऊंचा है. खास बात यह है कि एक ही शिवलिंग पर 1007 छोटे-छोटे शिवलिंग भी हैं. इस शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए रोजाना हजारों भक्त शहर व आसपास से पहुंचते हैं. श्रावण मास में यहां भक्तों की भीड़ लगती है.
1008 शिवलिंग की पूजा का फल : सीहोर में सीवन नदी के तट पर स्थित यह शिव मंदिर लोगों की आस्था ओर भक्ति का प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि शिवलिंग की यह प्रतिमा सीवन नदी में बहकर आई थी. उस समय सीहोर के बढ़िया खेड़ी में सीवन नदी के तट पर मंदिर निर्माण कर इस शिवलिंग को स्थापित किया गया. यहां धार्मिक मान्यता है कि इस शिवलिंग की एक बार पूजा से 1008 शिवलिंग की पूजा का फल मिल जाता है. तंत्र साधना में इस मूर्ति का विशेष महत्त्व होने के चलते यहां वर्षभर शिवभक्तों का आना-जाना लगा रहता है. यहां जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह पूरी हो जाती है.
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एक बार मंत्र का हजार गुना महत्व : यहां आने वाले भक्त बताते हैं कि इस प्रकार के गिने-चुने शिवलिंग ही देश में मौजूद हैं. शिव भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में भगवान भोलनाथ का जलाभिषेक करने के लिए सीहोर जिले के साथ ही आसपास के जिलों से लोग आते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस शिवलिंग के समाने बैठकर एक बार मंत्र का जाप किया जाय तो 1008 मंत्रों के जाप का फल मिलता है. इसलिए श्रावण मास में यहां भक्तों की भीड़ लगती है. सावन सोमवार को यहां जलाभिषेक करने का अलग ही महत्व है. यहां आने वाले भक्त बताते हैं कि श्रावण मास में जलाभिषेक करने से हर मन्नत को भोलेनाथ पूरी करते हैं.