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सीहोर: बंद पड़ी खदानों में होगा मछली पालन, बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार

सीहोर में अब जल्द ही कमजोर तबके को सरकार रोजगार के अवसर देगी. जिले में बंद पड़ी खदानों की सूची तैयार कर उन्हें मछली पालन के लिए देने का काम किया जा रहा है, जिससे कि हिताग्राहियों को आर्थिक लाभ भी होगा. साथ ही जो बंद पड़ी खदानें हैं, उनका रखरखाव भी किया जा सकेगा.

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खदानों में मछली पालन
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Published : Sep 18, 2020, 9:07 AM IST

सीहोर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सीहोर में एक अच्छी पहल की गई है, जिसके तहत बंद पड़ी रेत खदानों को मछली पालन के लिए दिया जाएगा. इससे उनकी आर्थिक स्थिति तो मजबूत होगी ही, साथ ही मछली की आपूर्ति भी स्थानीय स्तर पर हो सकेगी.

खदानों में मछली पालन
जिला पंचायत और खनिज अधिकारी जिले में मौजूद उन खदानों का निरीक्षण कर चिन्हित कर रहे हैं, साथ ही सूची तैयार कर भोपाल आयुक्त को भेजने की तैयारी कर रहे हैं. इसी सूची के आधार पर ग्राम पंचायत से संपर्क कर खदानों को आवंटित करने की प्रक्रिया की जाएगी. सबसे पहले जिले के नर्मदा किनारे की खदानों को चयनित किया गया है, इसमें सीहोर जिले में 15 खदानों को चिन्हित किया गया है.

ये भी पढ़ें- भोपाल: 16 हजार छात्रों को लेपटॉप के लिए मिलेंगे 25 हजार रूपए, मेरिट लिस्ट तैयार

खनिज अधिकारी ने बताया कि, कलेक्टर और आयुक्त के निर्देशन पर मछली पालन के लिए जो पट्टे दिए जाने की योजना है, उसके अंतर्गत बंद पड़ी खदानों को दिया जाएगा. बारिश के मौसम में इन खदानों में पानी भर जाता है. हिताग्राहियों को आर्थिक लाभ भी होगा. साथ ही जो बंद पड़ी खदानें हैं उनका रखरखाव भी होगा.

सीहोर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सीहोर में एक अच्छी पहल की गई है, जिसके तहत बंद पड़ी रेत खदानों को मछली पालन के लिए दिया जाएगा. इससे उनकी आर्थिक स्थिति तो मजबूत होगी ही, साथ ही मछली की आपूर्ति भी स्थानीय स्तर पर हो सकेगी.

खदानों में मछली पालन
जिला पंचायत और खनिज अधिकारी जिले में मौजूद उन खदानों का निरीक्षण कर चिन्हित कर रहे हैं, साथ ही सूची तैयार कर भोपाल आयुक्त को भेजने की तैयारी कर रहे हैं. इसी सूची के आधार पर ग्राम पंचायत से संपर्क कर खदानों को आवंटित करने की प्रक्रिया की जाएगी. सबसे पहले जिले के नर्मदा किनारे की खदानों को चयनित किया गया है, इसमें सीहोर जिले में 15 खदानों को चिन्हित किया गया है.

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खनिज अधिकारी ने बताया कि, कलेक्टर और आयुक्त के निर्देशन पर मछली पालन के लिए जो पट्टे दिए जाने की योजना है, उसके अंतर्गत बंद पड़ी खदानों को दिया जाएगा. बारिश के मौसम में इन खदानों में पानी भर जाता है. हिताग्राहियों को आर्थिक लाभ भी होगा. साथ ही जो बंद पड़ी खदानें हैं उनका रखरखाव भी होगा.

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