सीहोर। सियासत में कब नेताओं के सुर बदल जाये कहा नहीं जा सकता और कब नेता एक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो जाये कहना मुश्किल होता है, लेकिन सत्ता में बैठी अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाये तो सरकार और पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े होना लाजमी है और वो भी अपनी विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर हंगामा कर सरकार पर निशाना साधा जाये तो फिर और चौकाने वाली बात है. खास बात ये है कि मामला मुख्यमंत्री के गृह जिला का है.
भाजपा नेताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
दअरसल, सोमवार को आष्टा तहसील कार्यालय में ग्रामीण जन कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर अपनी समस्याओं को बताने गए थे. वहीं आष्टा भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष अतुल शर्मा ने भी इन ग्रामीणजनों की समस्याओं पर कांग्रेस नेताओं के साथ खड़े होकर संयुक्त रूप से स्थानीय अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए. यहां तक कि अधिकारियों पर शहर में तनावपूर्ण माहौल पैदा करने और कांग्रेसीकरण तक के संगीन आरोप लगा कर अपनी ही भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर कई सवाल खड़े कर दिए.
भाजपा के तीन मंडल अध्यक्ष और कांग्रेस नेताओं ने जमकर किया हंगामा
आष्टा भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष अतुल शर्मा ने दो ग्रामीण मंडल अध्यक्षों भगवान सिंह मेवाड़ा और प्रताप जाट के साथ मिलकर तहसील कार्यालय का घेराव कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया. खासबात यह रही कि सत्ताधारी भाजपा के नेताओं के साथ विपक्षी दल के कांग्रेस नेता पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष बल बहादुर सिंह ठाकुर पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश चौहान भी इस हंगामे और विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे. दोनों दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से आष्टा के स्थानीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. इस दौरान दिलचस्प बात यह देखने को मिली कि भाजपा नेता ने अधिकारियों पर कांग्रेसीकरण का आरोप लगाया तो कांग्रेस नेता ने भाजपा नेताओं के सामने ही भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा की भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ही हो रहा है. भ्रष्टाचार हुआ है तो बीजेपी की सरकार में हुआ है. रेत माफिया बीजेपी की सरकार में पनपे है.
ये था पूरा मामला
दअरसल विगत 6 माह से परेशान आष्टा तहसील अंतर्गत 4 गावों के किसानों का जब सब्र टूट गया तो उन्होंने आष्टा तहसील कार्यालय का घेराव व धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन देते हुए जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने खुलकर आरोप लगाते हुए कहा कि पठारिया गोयल के खाद्यान वितरण सोसायटी अनेकों वर्ष से ग्राम पटरियां में संचालित हो रही थी. इस दौरान खाद्य अधिकारी आष्टा ने आदेश जारी कर ग्राम पटारिया से बंद कर ग्राम लोरास खुर्द में खोल दी. जिसके कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों ने कहा कि हम पिछले 6 माह से ज्ञापन देकर मांग कर रहे हैं कि पठारिया गोयल सोसायटी में सेल्समैन रहे चंदर सिह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, क्योंकि इस सेल्समैन ने गांव वालों की 18 रुपये लीटर का केरोसिन 40 से 50 रुपये लीटर दिया है. वहीं खाद्यान भी पिछली बार खराब क्वालिटी का वितरण किया है.