सीहोर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Second Wave of Corona Infection) में अपनी जान गवानें वाले लोगों की अस्थियों का विसर्जन (Asthi Visarjan) समाजसेवियों ने किया. समाजसेवियों का कहना है कि कोरोना काल में मृत लोगों का अंतिम संस्कार (Funeral) तो मुश्किल से हो गया था, लेकिन अस्थियों के विसर्जन के लिए कई मृतकों के परिजन नहीं आए. जिले के श्मशान घाटों में 400 से 500 मृतकों की अस्थियां रखी हुई थी. रविवार को समाजसेवियों ने सभी अस्थियों की संचय रथ यात्रा निकालकर अस्थियों को नर्मदा नदी में विसर्जन के लिए भेज दिया.
कोरोना के डर से नहीं हुआ अस्थि विसर्जन
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर ने मध्य प्रदेश में तहलका मचा दिया था. हालात यह थे की मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों में जगह नहीं थी. लोगों कोरोना का डर भी इतना था कि लोग अपनों की अस्थियां लेने मुक्तिधाम नहीं पहुंचे. 500 से ज्यादा लोगों की अस्थियां श्मशान में रखी हुई थी. कुछ अस्थियां श्मशान में पेड़ों पर लटकी हैं, तो कुछ का ढेर लगा हुआ है.
नगर निगम ने उठाया जिम्मा: 20 कोरोना मृतकों का किया अस्थि विसर्जन
शहर के प्रमुख स्थानों से निकली रथ यात्रा
समाजसेवी राकेश राय ने बताया कि अस्थियों को विधि-विधान से विसर्जित करने का बीड़ा शहर के समाजसेवियों ने उठाया. रविवार को शहर के प्रमुख मार्गों से अस्थियों की संचय रथ यात्रा निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. लोगों ने जगह-जगह अस्थि यात्रा को पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी. सभी अस्थियां विधि-विधान से नर्मदा सहित अनेक जगह प्रवाहित के लिए भेज दी गई.
Seoni:कोरोना काल में दिवंगतों की अस्थियों का विधायक दिनेश राय मुनमुन ने किया विसर्जन
विधि-विधान से होगा अस्थि विसर्जन
वरिष्ठ समाजसेवी और पूर्वनगरपालिका के अध्यक्ष राकेश राय ने बताया कि कोरोना के दौर में मृत लोगों की अस्थियां श्मशान में रखी थी. मृतक के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार तो किया, लेकिन कोरोना के खौफ के चलते अस्थियां लेने नहीं आए. आज सभी अस्थियों की संचय रथ यात्रा निकाली गई. सभी अस्थियों को विधि-विधान से अलग-अलग जगह प्रवाहित किया जाएगा.