ETV Bharat / state

होला-कमला की अनोखी प्रेम कहानी, 1 पैसे की कलम और 2 पैसे के लव लेटर से किया था इजहार, 55 साल के बाद भी जवान है प्यार

वेलेंटाइन डे के मौके पर कई युगल अपने इश्क का इजहार करते हैं. अपने प्रेमी को रिझाने के लिए अनोखे तरीके और तोहफे इस्तेमाल किए जाते हैं. लेकिन सतना में एक जोड़े का प्यार मात्र एक पैसे की कलम और दो पैसे के प्रेम पत्र से शुरू हुआ था. वह भी इतना गहरा कि शादी के 55 साल बीत जाने के बाद भी युवा दिलों जैसी कशिश बाकी है.

55 years old love
अनोखी प्रेम कहानी
author img

By

Published : Feb 14, 2023, 12:04 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 12:40 PM IST

सतना : वेलेंटाइन वीक चल रहा है. इस मौके पर युवा अपने क्रश के सामने प्यार का इजहार कर रहे हैं. इश्क की संजीदगी दिखाने के लिए महंगे तोहफे दिए जा रहे हैं. खास आयोजन हो रहे हैं. मकसद सिर्फ एक है कि पार्टनर को अपनी मोहब्बत की गहराई दिखा सकें. ऐसा ही एक जोड़ा है सतना में. जिसके इश्क की शुरुआत तो काफी साधारण तरीके से हुई थी लेकिन वह परवान चढ़ा असाधारण तरीके से. और परवान भी खूब चढ़ा, इतना कि शादी के 55 साल बाद भी यदि पार्टनर न दिखे तो दोनों परेशान होने लगते हैं.

लव लेटर देना भी मुश्किल होता था : आपने अभी तक कई प्रेम कहानियां देखी होंगी लेकिन यह लव स्टोरी उस दौर की है, जब एक पैसे की कलम और दो पैसे का 25 पेज वाला लव लेटर था. तब घूंघट की आड़ से ही दिलबर का दीदार किया था. जमाने से छुपकर प्रेमी गली में आता था तो प्रेमिका भी घरवालों की नजर बचाकर बालकनी से उसे देखती थी. आते-जाते मिल जाएं तो दोनों के गाल शर्म से लाल हो जाते थे. परिवारवालों के डर से चोरी-चुपके भी लव लेटर देना बहुत कठिन था. किताबों में फूल रखकर जज्बात जताए जाते थे.

होश संभालते ही निभाई जिम्मेदारी : यह अनोखी प्रेम कहानी है सतना शहर के कृष्ण नगर निवासी होलाराम वाधवानी और उनकी पत्नी कमलादेवी वाधवानी की. होलाराम के मुताबिक, उनका जन्म 2 अगस्त 1945 को अविभाजित हिंदुस्तान में हुआ था. 1947 में आजादी के वक्त जब देश का बंटवारा हुआ तो उनके पिता परिवार समेत सतना आ बसे. 1948 में होलाराम मात्र 3 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान के शख्खर जिले से सतना पहुंचे थे. पिता ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर परिवार चलाया. होलाराम ने होश संभालते ही पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया.

Valentines Day 2022: 'सूरत से नहीं सीरत से करें प्यार', इश्क की अनोखी दास्तां बयां करती है ये कहानी

बड़ों का मान भी रखा : होलाराम की शादी 30 मार्च 1967 को कमलादेवी से हुई. उस दौर में शादीशुदा जोड़ों को भी सार्वजनिक तौर पर मोहब्बत जताने में शर्म आती थी. परिवार के सामने बातें करते झिझकते थे तो प्रेम पत्र लिखना शुरू कर दिया. होलाराम ने कहा, 'एक पैसे की कलम खरीदी और दो पैसे की कॉपी. 25 पन्नों की इस कॉपी में लिखकर दोनों आपस में अपने जज्बात बांटते थे. इस तरह बड़ों का मान भी रह जाता था और इजहार-ए-इश्क भी हो जाता था.'

शिल्पा और राज कुंद्रा की वेलेंटाइन डेट, सारा दोस्तों के साथ डिनर करती हुईं स्पॉट

कभी नहीं हुआ मनमुटाव : कमलादेवी बताती हैं कि वैवाहिक जीवन के 55 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन आज तक दोनों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'परिवार के बीच रहते हुए मर्यादा भी बनाए रखनी थी और प्रेम भी निभाना था. ऐसे में हम प्रेम पत्र लिखकर बातें कर लेते थे. आज भी हम दोनों के बीच कोई बात होती है तो आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं. इससे हमारा प्यार हमेशा जवान बना रहता है.'

सतना : वेलेंटाइन वीक चल रहा है. इस मौके पर युवा अपने क्रश के सामने प्यार का इजहार कर रहे हैं. इश्क की संजीदगी दिखाने के लिए महंगे तोहफे दिए जा रहे हैं. खास आयोजन हो रहे हैं. मकसद सिर्फ एक है कि पार्टनर को अपनी मोहब्बत की गहराई दिखा सकें. ऐसा ही एक जोड़ा है सतना में. जिसके इश्क की शुरुआत तो काफी साधारण तरीके से हुई थी लेकिन वह परवान चढ़ा असाधारण तरीके से. और परवान भी खूब चढ़ा, इतना कि शादी के 55 साल बाद भी यदि पार्टनर न दिखे तो दोनों परेशान होने लगते हैं.

लव लेटर देना भी मुश्किल होता था : आपने अभी तक कई प्रेम कहानियां देखी होंगी लेकिन यह लव स्टोरी उस दौर की है, जब एक पैसे की कलम और दो पैसे का 25 पेज वाला लव लेटर था. तब घूंघट की आड़ से ही दिलबर का दीदार किया था. जमाने से छुपकर प्रेमी गली में आता था तो प्रेमिका भी घरवालों की नजर बचाकर बालकनी से उसे देखती थी. आते-जाते मिल जाएं तो दोनों के गाल शर्म से लाल हो जाते थे. परिवारवालों के डर से चोरी-चुपके भी लव लेटर देना बहुत कठिन था. किताबों में फूल रखकर जज्बात जताए जाते थे.

होश संभालते ही निभाई जिम्मेदारी : यह अनोखी प्रेम कहानी है सतना शहर के कृष्ण नगर निवासी होलाराम वाधवानी और उनकी पत्नी कमलादेवी वाधवानी की. होलाराम के मुताबिक, उनका जन्म 2 अगस्त 1945 को अविभाजित हिंदुस्तान में हुआ था. 1947 में आजादी के वक्त जब देश का बंटवारा हुआ तो उनके पिता परिवार समेत सतना आ बसे. 1948 में होलाराम मात्र 3 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान के शख्खर जिले से सतना पहुंचे थे. पिता ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर परिवार चलाया. होलाराम ने होश संभालते ही पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया.

Valentines Day 2022: 'सूरत से नहीं सीरत से करें प्यार', इश्क की अनोखी दास्तां बयां करती है ये कहानी

बड़ों का मान भी रखा : होलाराम की शादी 30 मार्च 1967 को कमलादेवी से हुई. उस दौर में शादीशुदा जोड़ों को भी सार्वजनिक तौर पर मोहब्बत जताने में शर्म आती थी. परिवार के सामने बातें करते झिझकते थे तो प्रेम पत्र लिखना शुरू कर दिया. होलाराम ने कहा, 'एक पैसे की कलम खरीदी और दो पैसे की कॉपी. 25 पन्नों की इस कॉपी में लिखकर दोनों आपस में अपने जज्बात बांटते थे. इस तरह बड़ों का मान भी रह जाता था और इजहार-ए-इश्क भी हो जाता था.'

शिल्पा और राज कुंद्रा की वेलेंटाइन डेट, सारा दोस्तों के साथ डिनर करती हुईं स्पॉट

कभी नहीं हुआ मनमुटाव : कमलादेवी बताती हैं कि वैवाहिक जीवन के 55 वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन आज तक दोनों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'परिवार के बीच रहते हुए मर्यादा भी बनाए रखनी थी और प्रेम भी निभाना था. ऐसे में हम प्रेम पत्र लिखकर बातें कर लेते थे. आज भी हम दोनों के बीच कोई बात होती है तो आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं. इससे हमारा प्यार हमेशा जवान बना रहता है.'

Last Updated : Feb 14, 2023, 12:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.