सतना| देश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना चलाई जा रही है. ये योजना कमजोर वर्ग के लिए शुरू की गई थी, योजना के तहत सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस का कनेक्शन दिया था. लेकिन केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंधेरे में है. हितग्राहियों का कहना है कि महंगाई की मार और गैस सिलेंडर के बढ़े दाम ने चूल्हे फूंकने को मजबूर कर दिया है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं को राहत पहुंचाने की मंशा से शुरू की गई थी पर आज भी मैहर तहसील में महिलाएं चूल्हे के धुएं में खाना बनाने को मजबूर हैं. गैस सिलेंडर और चूल्हे कचरे के ढेर में पड़े नजर आ रहे हैं. जब हितग्राही महिलाओं से बात कि तो उनका साफ तौर से ये कहना था कि महंगाई इतनी है कि दो टाइम का भोजन नसीब से मिलता है. गैस सिलेंडर के दाम हजार रुपए हो गये हैं. योजना के समय जो सिलेंडर भरा मिला था उसे उपयोग कर घर के एक कोने में रख दिया है.
पार्षद रमेश प्रजापति ने बताया कि उज्जवला योजना के तहत जो भरे हुए सिलेंडर लोगों को मिले थे वह एक बार से दूसरी बार भरवा ही नहीं पाए. सिलेंडर इतना महंगा हो चुका है कि वह अपना घर नही चला पा रहे तो सिलेंडर कहा से भरवाएंगे.