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ये कैसी स्वास्थ्य व्यवस्था, पिता की गोद में मासूम ने तोड़ा दम, नहीं मिल सका इलाज...

कोरोना के चलते पूरे देश मे लॉकडाउन जारी है और ऐसे में समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने और अस्पताल में डॉक्टर के मौजूद नहीं होने से सतना के गौहरी गांव की एक दो साल की बच्ची की मौत हो गई.

Health department's negligence killed innocent
स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही ने ली मासूम की जान
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Published : Apr 12, 2020, 10:11 AM IST

Updated : Apr 12, 2020, 12:06 PM IST

सतना। कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में जब पूरा देश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में लगा हुआ और अच्छी सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के सतना जिले में यही स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर न मिलने से एक बच्ची को अपनी जान गवानी पड़ी. मासूम बच्ची की मौत स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये की वजह से हो गई. बीमार बच्ची का पिता गुहार लगाता रहा लेकिन न तो समय पर एम्बुलेंस पहुंची और न ही उसे सही इलाज मिल पाया, आखिर में दो साल की मासूम अव्यवस्था की शिकार बन कर मौत के मुंह मे समा गई.

पिता की गोद में मासूम ने तोड़ा दम

6 घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस न अस्पताल में डॉक्टर मौजूद

जानकारी के अनुसार रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गौहारी निवासी राम बहोर चौधरी की 2 साल की मासूम बेटी की मौत शनिवार को स्वास्थ्य अमले की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण हो गई. राम बहोर ने बताया कि उसकी बेटी की तबियत खराब थी, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही, उसके फेफड़े सांस लेने में आवाज कर रहे थे, लॉक डाउन के कारण कोई वाहन नही मिल रहा था इसलिए सुबह 6 बजे उसने 108 एम्बुलेंस बुलाने के लिए फोन किया, वह बार बार फोन करता रहा और हर बार उसे यही जवाब मिलता रहा कि एम्बुलेंस 10 मिनट में पहुंच रही है.

जब एम्बुलेंस पहुंची तब तक दोपहर के 12 बज चुके थे और बेटी की हालत और बिगड़ चुकी थी, किसी तरह जब बेटी को लेकर वह जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां देखने के लिए डॉक्टर नही मिले, अस्पताल में वह भटकता ही रह गया और इसी बीच उसकी बच्ची ने दम तोड़ दिया.

एम्बुलेंस की देरी और डॉक्टर की अनुपलब्धता के कारण एक बच्ची असमय ही मौत का शिकार बन गई, लेकिन इसके बाद भी राम बहोर के दुख का अंत नही हुआ, अस्पताल से बेटी का शव गोद मे उठाए राम बहोर को पैदल ही अपने गांव गौहारी के लिए निकलना पड़ा, न तो अस्पताल में किसी ने उसके जाने का इंतजाम किया और न ही उसके पास कोई और विकल्प था.

युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की युवक की मदद

अपनी बेटी का शव उठाये बोझिल कदमों से शहर की सड़कों पर जा रहे पिता पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे भोजन कराने के लिए कांग्रेस कार्यालय के सामने रोका तो उसकी दुख का बांध टूट गया, पिता की आंख से आंसू बहने लगे ,लोगों ने उससे पूछा तो पूरी कहानी सामने आई, युवा कांग्रेस नेता राजदीप सिंह मोनू ने एम्बुलेंस का इंतजाम कराया और फिर उसे रवाना किया गया.

सतना। कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में जब पूरा देश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में लगा हुआ और अच्छी सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के सतना जिले में यही स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर न मिलने से एक बच्ची को अपनी जान गवानी पड़ी. मासूम बच्ची की मौत स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये की वजह से हो गई. बीमार बच्ची का पिता गुहार लगाता रहा लेकिन न तो समय पर एम्बुलेंस पहुंची और न ही उसे सही इलाज मिल पाया, आखिर में दो साल की मासूम अव्यवस्था की शिकार बन कर मौत के मुंह मे समा गई.

पिता की गोद में मासूम ने तोड़ा दम

6 घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस न अस्पताल में डॉक्टर मौजूद

जानकारी के अनुसार रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गौहारी निवासी राम बहोर चौधरी की 2 साल की मासूम बेटी की मौत शनिवार को स्वास्थ्य अमले की लापरवाही और संवेदनहीनता के कारण हो गई. राम बहोर ने बताया कि उसकी बेटी की तबियत खराब थी, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही, उसके फेफड़े सांस लेने में आवाज कर रहे थे, लॉक डाउन के कारण कोई वाहन नही मिल रहा था इसलिए सुबह 6 बजे उसने 108 एम्बुलेंस बुलाने के लिए फोन किया, वह बार बार फोन करता रहा और हर बार उसे यही जवाब मिलता रहा कि एम्बुलेंस 10 मिनट में पहुंच रही है.

जब एम्बुलेंस पहुंची तब तक दोपहर के 12 बज चुके थे और बेटी की हालत और बिगड़ चुकी थी, किसी तरह जब बेटी को लेकर वह जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां देखने के लिए डॉक्टर नही मिले, अस्पताल में वह भटकता ही रह गया और इसी बीच उसकी बच्ची ने दम तोड़ दिया.

एम्बुलेंस की देरी और डॉक्टर की अनुपलब्धता के कारण एक बच्ची असमय ही मौत का शिकार बन गई, लेकिन इसके बाद भी राम बहोर के दुख का अंत नही हुआ, अस्पताल से बेटी का शव गोद मे उठाए राम बहोर को पैदल ही अपने गांव गौहारी के लिए निकलना पड़ा, न तो अस्पताल में किसी ने उसके जाने का इंतजाम किया और न ही उसके पास कोई और विकल्प था.

युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की युवक की मदद

अपनी बेटी का शव उठाये बोझिल कदमों से शहर की सड़कों पर जा रहे पिता पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे भोजन कराने के लिए कांग्रेस कार्यालय के सामने रोका तो उसकी दुख का बांध टूट गया, पिता की आंख से आंसू बहने लगे ,लोगों ने उससे पूछा तो पूरी कहानी सामने आई, युवा कांग्रेस नेता राजदीप सिंह मोनू ने एम्बुलेंस का इंतजाम कराया और फिर उसे रवाना किया गया.

Last Updated : Apr 12, 2020, 12:06 PM IST
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