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सतना पहुंची जीवन दर्शन यात्रा, बापू के विचारों से लोगों को करा रही है अवगत - Gandhi's ideology

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र महात्मा गांधी की जीवन दर्शन यात्रा, गांधी जी के विचारों का लोगों कर पहुंचाने के लिए इस यात्रा पर निकले है. यह यात्रा बनारस के सेवाग्राम आश्रम से शुरू होकर महाराष्ट्र के वर्धा तक का 900 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

गांधी की जीवन दर्शन यात्रा सतना के मैहर पहुंची
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Published : Aug 30, 2019, 2:16 AM IST

Updated : Aug 30, 2019, 2:50 AM IST

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती के अवसर पर गांधी जी के जीवन पर आधारित जीवन दर्शन यात्रा की शुरुआत की गई. यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए गांधी जी के विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर लोगों को गांधी जी के परिकल्प प्रेरित करेगी.

काशी से चली जीवन दर्शन यात्रा सतना के मैहर पहुंची

यात्रा का उद्देश्य गांधी जी के विचारों को साझा कर उनकी महत्वपूर्ण बातों को अपने जीवन में कैसे पालन करें. इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करेगी. इस दर्शन यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों को स्वच्छता और शौचालय के प्रति नगर से गुजरकर उन्हें इस बात के लिए जागरुक कर सकें.

काशी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बाल लखींद्र ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय स्वंय योजना की स्वर्ण जंयती के मौके पर यह साइकिल यात्रा काशी विश्वविद्यालय से निकली है.

यह साइकिल यात्रा वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शुरु हुई है. जिसमें 17 लोग इस साइकिल यात्रा में शामिल है. यह यात्रा बनारस के सेवाग्राम आश्रम से शुरू होकर महाराष्ट्र के वर्धा जिले का 900 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

सतना के शासकीय डिग्री कॉलेज के छात्र ने बताया कि गांधीजी को मैं अपने जीवन में प्रेरणा का अहम हिस्सा मानता हूं और मुझे जब यह बात पता चली कि खादी एक वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है तो इस पद पर चलना मुझे बेहद रास आया और इस यात्रा के दौरान मैं गांधीजी की अनेक बातों को जान सकूंगा और लोगों तक पहुंचाने का काम करूंगा.

हम इस यात्रा में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का भी संदेश देते हैं कई स्थानों पर पौधारोपण किया करते हैं और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी आम लोगों तक पहुंचाया करते हैं यकीनन गांधीजी का मार्गदर्शन हमारे लिए सदैव ही अमूल धारा रहेगी

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती के अवसर पर गांधी जी के जीवन पर आधारित जीवन दर्शन यात्रा की शुरुआत की गई. यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए गांधी जी के विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर लोगों को गांधी जी के परिकल्प प्रेरित करेगी.

काशी से चली जीवन दर्शन यात्रा सतना के मैहर पहुंची

यात्रा का उद्देश्य गांधी जी के विचारों को साझा कर उनकी महत्वपूर्ण बातों को अपने जीवन में कैसे पालन करें. इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करेगी. इस दर्शन यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों को स्वच्छता और शौचालय के प्रति नगर से गुजरकर उन्हें इस बात के लिए जागरुक कर सकें.

काशी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बाल लखींद्र ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय स्वंय योजना की स्वर्ण जंयती के मौके पर यह साइकिल यात्रा काशी विश्वविद्यालय से निकली है.

यह साइकिल यात्रा वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शुरु हुई है. जिसमें 17 लोग इस साइकिल यात्रा में शामिल है. यह यात्रा बनारस के सेवाग्राम आश्रम से शुरू होकर महाराष्ट्र के वर्धा जिले का 900 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

सतना के शासकीय डिग्री कॉलेज के छात्र ने बताया कि गांधीजी को मैं अपने जीवन में प्रेरणा का अहम हिस्सा मानता हूं और मुझे जब यह बात पता चली कि खादी एक वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है तो इस पद पर चलना मुझे बेहद रास आया और इस यात्रा के दौरान मैं गांधीजी की अनेक बातों को जान सकूंगा और लोगों तक पहुंचाने का काम करूंगा.

हम इस यात्रा में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का भी संदेश देते हैं कई स्थानों पर पौधारोपण किया करते हैं और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी आम लोगों तक पहुंचाया करते हैं यकीनन गांधीजी का मार्गदर्शन हमारे लिए सदैव ही अमूल धारा रहेगी

Intro:भारत के काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के पेपरों के साथ छात्रों को लेकर 17 सदस्य साइकल 3 महात्मा गांधी जीवन दर्शन यात्रा  सतना जिला पहुंची बनारस के सेवाग्राम आश्रम से शुरू की गई यह यात्रा महाराष्ट्र के वर्धा तक का 900 किलोमीटर का सफर तय करेगीBody: महात्मा गांधी के 150 जयंती के अवसर पर गांधी जी के जीवन पर आधारित जीवन दर्शन यात्रा की शुरुआत की गई यह यात्रा देश के अनेक प्रांतों से गुजरते हुए गांधीजी के विचारधारा का प्रचार प्रसार कर लोगों को गांधी जी के परिकल्प उसे प्रेरित करेगी यात्रा नाम विथ यू के बीच में गांधी जी के विचारों को साझा कर उनकी महत्वपूर्ण बातें का कैसे जीवन में पालन किया जा सके इस पर भी लोगों का ध्यान केंद्रित करेगी क्योंकि गांधीजी कि यह सोच थी कि गांव का विकास तेजी से हो और यहां के लोग हर कार्य के लिए जागरूक और सजग रहें लोगों के बीच स्वच्छता का संदेश देने का उद्देश बने और वे अपने आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ और साफ सुथरा रखें यात्रा के दौरान ग्रामों में पहुंचकर आज अनेकों जगहों पर शौचालय दिखाई देते हैं और ग्रामवासी इन शौचालयों का उपयोग कर स्वच्छता का संदेश भी देते हैं

वाइट - प्रोफेसर बाल लखींद्र काशी विश्वविद्यालय


जीवन दर्शन साईकिल यात्रा में गांधी जी के स्वदेशी को बढ़ावा देना और चरखी के जरिए 100 लंबी बंद अपने कार्यों को करना एक आदर्श के 11 मूल मंत्रों को साझा करता है चाहे वह साउथ अफ्रीका के फीलिंग सेटलमेंट के विषय पर हो या फिर महात्मा गांधी के विचारों की बात हो गांधी जी का कहना था कि सत्य अहिंसा शांति भाईचारा राष्ट्रीय हित एकता सामुदायिक विकास के पद पर देश को जोड़ना और देश को विकसित करने की आवश्यकता है यह संकल्प इस यात्रा के दौरान दिलाने का काम भी किया जाता है लोगों को गांधी जी के जीवनशैली के दौरान अभिन्न पहलुओं को आमजन तक पहुंचा कर देशहित को मजबूत करने की राह दिखाएं जाती है

वाइट - मनीष तिवारी शिक्षक काशी विश्वविद्यालय वाइट


यात्रा में शामिल छात्रों ने बताया कि इस यात्रा में हम आमजन को गांधीजी के विचारों का सीधा दर्शन कराते हैं और गांधी जी के महत्वपूर्ण भजनों के माध्यम से सामूहिक गान कर उनकी कार्यशैली को लोगों तक पहुंचाते हैं यह यात्रा युवाओं के लिए भी एक मार्ग का दर्शन कराती है हम युवा वर्ग को गांधी जी के संकल्प पर चलना चाहिए और जन-जन तक इस विचारधारा को पहुंचाने में सहायक होना चाहिए तब ही हम भारत के अनेक हिस्सों से सीधा संवाद कर सकेंगे और देश की मजबूती को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाए सकता है

वाइट विनायक कुमार झा विद्यार्थी काशी विश्वविद्यालय


बनारस से शुरू हुई जीवन दर्शन यात्रा से प्रेरित होकर सतना के डिग्री कॉलेज के छात्र ने बनारस विश्वविद्यालय के अपने साथियों से चर्चा कर यात्रा में जोड़ने का संकल्प लिया सतना के आशीष बघेल ने बताया कि गांधीजी को मैं अपने जीवन में प्रेरणा का अहम हिस्सा मानता हूं और मुझे जब यह बात पता चली कि खादी एक वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है तो इस पद पर चलना मुझे बेहद रास आया और इस यात्रा के दौरान मैं गांधीजी की अनेक बातों को जान सकूंगा और लोगों तक पहुंचाने का काम करूंगा हम इस यात्रा में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का भी संदेश देते हैं कई स्थानों पर पौधारोपण किया करते हैं और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी आम लोगों तक पहुंचाया करते हैं यकीनन गांधीजी का मार्गदर्शन हमारे लिए सदैव ही अमूल धारा रहेगी

वाइट : आशीष सिंह बघेल छात्र सतना शासकीय डिग्री कॉलेज Conclusion:वाइट प्रोफेसर बाल लखींद्र काशी विश्वविद्यालय
वाइट - मनीष तिवारी शिक्षक काशी विश्वविद्यालय वाइट
वाइट - विनायक कुमार झा विद्यार्थी काशी विश्वविद्यालय
वाइट - : आशीष सिंह बघेल छात्र सतना शासकीय डिग्री कॉलेज 
Last Updated : Aug 30, 2019, 2:50 AM IST
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