सतना(Satna)। चित्रकूट में बीते ढाई साल पहले हुए दो जुड़वा बच्चों के बहुचर्चित अपहरण और हत्याकांड के मामले में अदालत आज सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. इस सिलसिले में पांचों आरोपियों को कोर्ट लाया गया. मामले के एक आरोपी रामकेश यादव ने जेल में ही खुदखुशी कर ली थी. 12 फरवरी 2019 हुए इस कांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था. तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 साल के मासूम जुड़वा बेटों का अपहरण कर लिया गया था. अपहरकर्ताओं ने 1 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. बृजेश 20 लाख रूपए दे चुके थे बावजूद दोषियों ने दोनों मासूमों को मौत के घाट उतार दिया और शवों को पत्थर बांध कर यमुना नदी में फेंक दिया था. पीड़ित परिवार ने सभी 5 आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की है.
यह था मामला
सतना जिले के चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को हुए श्रेयांस-प्रियांश अपहरण हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. जुड़वां भाईयों के अपहरण मामले में उनका ट्यूशन टीचर रामकेश यादव शामिल था. उसने फिरौती लेने के बावजूद पकड़े जाने के डर से दोनों बच्चों की हत्या कर दी थी. बाद में रामकेश ने भी सतना जेल में आत्महत्या कर ली थी.
पकड़े जाने के डर से कर दी थी हत्या
श्रेयांश और प्रियांश दोनों मासूम जुड़वा भाई चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के बेटे थे. पैसों की लालच में इनके टयुशन टीचर ने स्कूल बस से उतारकर बच्चों का अपहरण कर लिया था. जिसके बाद पकड़े जाने के डर से बच्चों की हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड रामकेश, राजू द्विवेदी और पद्मकान्त शुक्ला समेत 5 लोगों की गिरफ्तार किया था. जिनकी निशानदेही पर दोनों बच्चों की डेड बॉडी बरामद की गई थी. आज घटना के 886 दिन बाद जिला अदालत के एडीजे प्रदीप कछवाह मामले पर अपना फैसला सुनाएंगे. पीड़ित परिवार ने सभी आरोपियों को फांसी दिए जाने की कोर्ट से मांग की है.