सतना। शहर के मारुति नगर में वैवाहिक कार्यक्रम का एक अनोखा मामला सामने आया. यहां 10 मई की रात को धूमधाम से पहले दूल्हा-दुल्हन की शादी संपन्न हुई. उसके बाद दूसरे दिन दुल्हन ससुराल नहीं बल्कि परीक्षा हॉल पहुंची. जी हां विदाई से पहले सतना में दुल्हन शिवानी त्रिपाठी संविदा वर्ग-2 का एग्जाम देने पहुंची. उसके बाद धूमधाम से शिवानी की विदाई की गई. इस एग्जाम के लिए शिवानी ने अपने ससुराल वालों के सपोर्ट होना बताया. शिवानी ने कहा अगर फैमली सपोर्टिव हो तो फिर कोई परेशानी नहीं आती है.
पहले एग्जाम बाद में विदाई: दरअसल, सतना के मारुति नगर निवासी वशिष्ठ मुनि त्रिपाठी के घर विराट नगर पतेरी से सत्यनारायण पयासी के यहां से बारात पहुंची. जहां वशिष्ठ मुनि की बेटी शिवानी त्रिपाठी व सत्यनारायण के बेटे अभिषेक के साथ विवाह संपन्न हुआ. दूल्हा-दुल्हन दोनों ने एक दूसरे को जीवन साथी चुना और सात जन्मों तक जीने मरने की कसमें खाई. इसमें दिलचस्प बात यह है कि 10 मई को बारात मारुति नगर के एक निजी पैलेस में पहुंची और उसके बाद 11 मई को जब विदाई की रस्म होनी थी. उससे पहले दुल्हन संविदा वर्ग 2 की परीक्षा देने के लिए शहर के आदित्य महाविद्यालय पहुंची. जहां पहले उसने परीक्षा दी. परीक्षा पूरी होने के बाद दुल्हन की विदाई रस्म पूरी की गई. इस पूरे कार्यक्रम में दोनों पक्ष ने शिक्षा को प्राथमिकता दी.
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ससुरालों वालों ने शिक्षा को दी प्राथमिकता: सभी कार्यक्रम को जल्द पूरा कर उसे यह सुनहरा मौका दिया. परीक्षा देकर दुल्हन भी बेहद खुश नजर आई. इस दौरान दूल्हे और उसके परिवार ने सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक दुल्हन का इंतजार किया. इस बारे में दुल्हन शिवानी त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने संविदा वर्ग 2 का आज एग्जाम दिया है. इसके लिए उन्होंने अपने पति से पहले ही बात की थी और पति के साथ उनके परिवार का पूरा सपोर्ट मिला. एग्जाम की वजह से शादी के सारे कार्यक्रम बहुत जल्द पूरे किए गए हैं. उनका यह संदेश है कि फैमिली सपोर्टिव होना चाहिए, अगर हम एग्जाम देने नहीं जाते तो हमारे मन में एक सवाल रहता कि हमने एग्जाम नहीं दिया, लेकिन जब एग्जाम दे दिया तो हमारे मन को एक प्रसन्नता हुई. इस बारे में दूल्हे के बड़े भाई कृष्ण पयासी ने बताया कि हमारी माता शिक्षा को लेकर पहले से ही सचेत थीं. हम तीनों भाइयों को उन्होंने शिक्षा के लिए हमेशा अग्रसर रखा. हमारे छोटे भाई की पत्नी का जब एग्जाम था तो हमारी माताजी ने कहा कि पहले शिवानी का एग्जाम होगा. उसके बाद विदाई की रस्म पूरी होगी. शिक्षा पूरे परिवार को समृद्ध बनाती है. यही वजह है कि शिक्षा को पहली प्राथमिकता देते हुए यह एग्जाम पूरा कराया गया.