सतना। जिला न्यायालय में तृतीय सत्र न्यायाधीश सचिन जैन ने दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है, नवविवाहिता ने दहेज प्रताड़ना से परेशान होकर फांसी लगा ली थी. घटना के वक्त ससुराल के सभी लोग बाहर गए थे, घर पहुंचने पर ससुर ने ही पुलिस को बहू के फांसी लगाने की इत्तला की थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच में पाया कि दहेज के लिए प्रताड़ित करने के चलते ही नवविवाहिता ने फांसी लगाई है. तब पुलिस ने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया था.
इस मामले में मृतका संगीता गुप्ता के ससुर ने 30 सितंबर 2012 को थाने में सूचना दी थी कि वे बहू संगीता को छोड़कर सितपुरा अपनी पत्नी और बेटे के साथ चले गए थे, देर शाम जब वह वापस लौटे तो उनकी बहू संगीता फांसी पर लटकी हुई थी और घर का दरवाजा बंद था, खिड़की से देखने पर फांसी पर लटकती हुई मिली.
पुलिस ने इस मामले की विवेचना में पाया कि पति सहित पूरा परिवार दहेज के लिए प्रताड़ित करता था, जिससे तंग आकर उसने फांसी लगा ली. लंबी चली सुनवाई के बाद सतना जिला न्यायालय ने दहेज प्रताड़ना के दोषी यादवेंद्र गुप्ता, भगवान दास गुप्ता, सावित्री गुप्ता और अंकित गुप्ता को 10 साल की सजा और 15 -15 हजार रुपये जुर्माना लगाया है, ये सभी सतना के पन्नी लाल चौक के निवासी हैं.