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जहां काम नहीं करता दूरसंचार का नेटवर्क, वहां आज भी सक्रिय है डकैतों का गिरोह - सतना

सतना जिले के चित्रकूट मार्ग कि बगदरा घाटी से गुजरने वाली 22 किलोमीटर के मार्ग में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. सूचना तंत्र न होने की वजह से इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा लूट, डकैती, अपहरण जैसी घटनाए सामने आती रही है. विंध्य क्षेत्र के बबली कोल गैंग का मूवमेंट सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में माना जाता है.

सतना जिले में सक्रिय है बबली कोल गैंग
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Published : Aug 21, 2019, 11:45 PM IST

सतना। बागी-बीहड़ के लिए बदनाम चंबल अंचल में भले ही डकैतों का खौफ कम हो गया है, लेकिन विंध्य क्षेत्र में आज भी डकैतों की बंदूकों से निकली गोलियों की गूंज आवाम को सुनाई पड़ रही हैं, बस पुलिस प्रशासन को ही ये आवाज सुनाई नहीं पड़ रही है क्योंकि सतना जिले में पिछले कुछ समय में कई बच्चों की अपहरण के बाद हत्या की जा चुकी है. जिसके पीछे डकैत बबली कोल गैंग का हाथ बताया जा रहा है, जबकि पुलिस के हाथ बंधे नजर आ रहे हैं, इसके पीछे वजह है कि जिस क्षेत्र में ये गैंग एक्टिव है. उस क्षेत्र के 22 किलोमीटर एरिया में दूरसंचार का कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है.

जहां काम नहीं करता दूरसंचार का नेटवर्क, वहां आज भी सक्रिय है डकैतों का गिरोह

सतना जिले के चित्रकूट मार्ग पर बगदरा घाटी से चित्रकूट तक जाने के लिए 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है, जबकि बबली कोल गैंग सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में एक्टिव रहता है. जब इस समस्या पर घाटी में बनी सुरक्षा चौकी में तैनात जवानों से बात की गई तो उनका कहना था कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

इस क्षेत्र में लूट, अपहरण, हत्या जैसी घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, पर सूचना तंत्र नहीं होने की वजह से अपराधी हर बार वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं. सतना जिले के चित्रकूट में अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु बगदरा घाटी होकर भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन चित्रकूट से बगदरा घाटी के 22 किलोमीटर के सफर में इनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रहती. इसी का फायदा उठाकर यहां लूट, अपहरण जैसी वारदात को अंजाम देकर आरोपी आसानी से फरार हो जाते हैं.

अब बड़ा सवाल ये है कि इस क्षेत्र में मोबाइन नेटवर्क नहीं होने की वजह से स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक अवगत है, लेकिन इस समस्या के समाधान की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

सतना। बागी-बीहड़ के लिए बदनाम चंबल अंचल में भले ही डकैतों का खौफ कम हो गया है, लेकिन विंध्य क्षेत्र में आज भी डकैतों की बंदूकों से निकली गोलियों की गूंज आवाम को सुनाई पड़ रही हैं, बस पुलिस प्रशासन को ही ये आवाज सुनाई नहीं पड़ रही है क्योंकि सतना जिले में पिछले कुछ समय में कई बच्चों की अपहरण के बाद हत्या की जा चुकी है. जिसके पीछे डकैत बबली कोल गैंग का हाथ बताया जा रहा है, जबकि पुलिस के हाथ बंधे नजर आ रहे हैं, इसके पीछे वजह है कि जिस क्षेत्र में ये गैंग एक्टिव है. उस क्षेत्र के 22 किलोमीटर एरिया में दूरसंचार का कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है.

जहां काम नहीं करता दूरसंचार का नेटवर्क, वहां आज भी सक्रिय है डकैतों का गिरोह

सतना जिले के चित्रकूट मार्ग पर बगदरा घाटी से चित्रकूट तक जाने के लिए 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है, जबकि बबली कोल गैंग सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में एक्टिव रहता है. जब इस समस्या पर घाटी में बनी सुरक्षा चौकी में तैनात जवानों से बात की गई तो उनका कहना था कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

इस क्षेत्र में लूट, अपहरण, हत्या जैसी घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, पर सूचना तंत्र नहीं होने की वजह से अपराधी हर बार वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं. सतना जिले के चित्रकूट में अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु बगदरा घाटी होकर भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन चित्रकूट से बगदरा घाटी के 22 किलोमीटर के सफर में इनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रहती. इसी का फायदा उठाकर यहां लूट, अपहरण जैसी वारदात को अंजाम देकर आरोपी आसानी से फरार हो जाते हैं.

अब बड़ा सवाल ये है कि इस क्षेत्र में मोबाइन नेटवर्क नहीं होने की वजह से स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक अवगत है, लेकिन इस समस्या के समाधान की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Intro:एंकर --
सतना जिले के दस्यु प्रभावित क्षेत्र चित्रकूट मार्ग में आज के टेक्निकल समय में सूचना तंत्र की कमी वजह से आए दिन होती हैं बड़ी घटना दुर्घटनाएं। जिले के चित्रकूट मार्ग कि बगदरा घाटी से जहा से 22 किलोमीटर के मार्ग में मोबाइल फोन का नेटवर्क नहीं है ।जिससे यहां पर विगत कई वर्षों से लूट डकैती अपहरण गोली कांड जैसी बड़ी घटनाए हो चुकी हैं । सरकार तो आती जाती रही लेकिन आज भी यहाँ मोबाइल फोन नेटवर्क की समस्या जस की तस बनी हुई है ।शासन प्रशासन भी अपनी आंखों को बंद किये बैठा हुआ हैं । आज भी इस क्षेत्र में 6 लाख के इनामी डकैत का मूमेंट बना हुआ ।लेकिन इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है ।


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आज मेक इन इंडिया के समय में हर चीजें संभव है । लेकिन आज के इस दौर में सरकारे बड़े-बड़े दावे करती है । और इन दावों की पोल कहीं ना कहीं खुल ही जाती है। कई दावे तो झूठ के पुलिदे बनकर ही रह गए। ऐसा ही हाल सतना जिले के चित्रकूट मार्ग का है । सतना जिला मुख्यालय से चित्रकूट मार्ग की दूरी 70 किलोमीटर की है । लेकिन इस मार्ग के बीच में बगदरा घाटी से चित्रकूट तक जाने के लिए 22 किलोमीटर मार्ग मे सूचना तंत्र की सबसे बड़ी कमी है। और आज के टेक्निकल समय में सबसे बड़ा सूचना तंत्र मोबाइल फोन माना जाता है। हर व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है लेकिन जब उसका नेटवर्क ही नहीं होगा तो वह एक खाली बॉक्स की तरह है । सतना जिले के चित्रकूट में हर अमावस्या के दिन लाखो हजारों श्रद्धालु बगदरा घाटी होकर निकलते हैं । इस घाटी में पहले भी कई अपहरण लूट डकैती गोलीकांड जैसी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं । लेकिन इसमें पुलिस को हमेशा सही असफलता का सामना करना पड़ा है। वजह यही है कि समय पर सूचना ना मिलना । जहां से जनप्रतिनिधि सहित शासन प्रशासन गुजरता है लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगती। सभी अपनी आंखें बंद किए बैठे हुए हैं । आज भी इस पूरे इलाके में 6 लाख का इनामी डकैत बबली कोल का मोमेंट बना हुआ है इसके द्वारा कई उदाहरण भी किए जा चुके हैं। और अपहरण के बाद फिरौती लेकर ही लोगों को छोड़ा गया । लेकिन पुलिस को सूचना तंत्र की कमी की वजह से जानकारी सही समय पर नहीं प्राप्त होती और डकैत घटना दुर्घटनाओं को अंजाम दे देते हैं । सरकारे आती जाती रही और इस और किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा। अभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार शासन प्रशासन को हो रहा है। मोबाइल फोन नेटवर्क के लिए चित्रकूट मार्ग में मोबाइल टावर की कमी की वजह से यह समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।


Conclusion:वाक थ्रू --
प्रदीप कश्यप -- Etv भारत संवाददाता सतना ।
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