सतना। बागी-बीहड़ के लिए बदनाम चंबल अंचल में भले ही डकैतों का खौफ कम हो गया है, लेकिन विंध्य क्षेत्र में आज भी डकैतों की बंदूकों से निकली गोलियों की गूंज आवाम को सुनाई पड़ रही हैं, बस पुलिस प्रशासन को ही ये आवाज सुनाई नहीं पड़ रही है क्योंकि सतना जिले में पिछले कुछ समय में कई बच्चों की अपहरण के बाद हत्या की जा चुकी है. जिसके पीछे डकैत बबली कोल गैंग का हाथ बताया जा रहा है, जबकि पुलिस के हाथ बंधे नजर आ रहे हैं, इसके पीछे वजह है कि जिस क्षेत्र में ये गैंग एक्टिव है. उस क्षेत्र के 22 किलोमीटर एरिया में दूरसंचार का कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है.
सतना जिले के चित्रकूट मार्ग पर बगदरा घाटी से चित्रकूट तक जाने के लिए 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है, जबकि बबली कोल गैंग सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र में एक्टिव रहता है. जब इस समस्या पर घाटी में बनी सुरक्षा चौकी में तैनात जवानों से बात की गई तो उनका कहना था कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस क्षेत्र में लूट, अपहरण, हत्या जैसी घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, पर सूचना तंत्र नहीं होने की वजह से अपराधी हर बार वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं. सतना जिले के चित्रकूट में अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु बगदरा घाटी होकर भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन चित्रकूट से बगदरा घाटी के 22 किलोमीटर के सफर में इनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रहती. इसी का फायदा उठाकर यहां लूट, अपहरण जैसी वारदात को अंजाम देकर आरोपी आसानी से फरार हो जाते हैं.
अब बड़ा सवाल ये है कि इस क्षेत्र में मोबाइन नेटवर्क नहीं होने की वजह से स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक अवगत है, लेकिन इस समस्या के समाधान की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.