सतना। जिले की रैगांव विधानसभा अब तक भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं को आजमा चुकी है. एक बार फिर 2023 विधानसभा चुनाव में बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझते लोग किस चुनेगे अपना नेता. आइए जानते हैं ETV Bharat की खास मप्र विधानसभा सीट स्कैन सीरीज में आज रैंगाव विधानसभा पर बनते बिगड़ते समीकरण.
सतना की रैंगाव सीट से कांग्रेस ने कल्पना वर्मा पर भरोसा जताया है. जबकि बीजेपी ने प्रीतम को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं तीसरी पार्टी बसपा ने भी देवराज अहिरवार को टक्टर देने मैदान में उतार दिया है.
कुल कितने मतदाता: इस विधानसभा में 1,13,746 पुरुष मतदाता हैं. इसके अलावा कुल 1,00,980 महिला मतदाता हैं. कुल मिलाकर इस बार चुनाव में 2,14,727 मतदाता वोट डालेंगे.
![MP Seat Scan Raigaon 2023 Voters](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_five.jpg)
क्या हैं जातिगत समीकरण: सतना की रैगांव विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां अनुसूचित जाति लगभग 35% हैं , इसमें चौधरी समाज सबसे ज्यादा है, इसके अलावा 30% के लगभग कुशवाहा समाज है और 35% के लगभग अन्य जातियां हैं. इनमें भी ब्राह्मण अधिक हैं.
![MP Seat Scan Raigaon Caste Factor](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_four.jpg)
क्या हैं यहां के राजनीतिक समीकरण: सतना की राजनीति में सुखलाल कुशवाहा का नाम कुछ अलग ढंग से लिया जाता है. हालांकि, सुखलाल कुशवाहा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह को चुनाव में हरा दिया था. वे बहुजन समाज पार्टी से एक बड़ा चेहरा बनकर सामने आए थे. अभी भी सुखलाल कुशवाहा के परिवार के सिद्धार्थ शुक्ला कुशवाहा उर्फ डब्बू राजनीति में सक्रिय हैं.
![MP Seat Scan Raigaon 2023 Result](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_six.jpg)
इस विधानसभा क्षेत्र में उनका अच्छा जन आधार है. दूसरा नाम इस विधानसभा में जुगल किशोर बागरी का है, जो यहां से पांच बार विधायक रहे. जुगल किशोर बागरी भारतीय जनता पार्टी के नेता थे और 2018 में भी वे भारतीय जनता पार्टी की सीट से चुनाव जीत कर आए थे, लेकिन उनकी असामयिक मृत्यु से यह सीट खाली हो गई थी और यहां पर उपचुनाव हुए थे.
![MP Seat Scan Raigaon 2023 Election Result](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_seven.jpg)
रैगांव विधानसभा में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जुगल किशोर बागरी के परिवार के सदस्य को टिकट देने की बजाय प्रतिमा बागड़ी को चुनाव मैदान में उतार दिया था. इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा और कांग्रेस की कल्पना वर्मा चुनाव जीत गई. हालांकि, कल्पना वर्मा 2018 के चुनाव में जुगल किशोर बागरी से लगभग 17000 वोटो से हार गई थीं. वहीं, 2013 में यह विधानसभा सीट बहुजन समाज पार्टी के पास थी और कांग्रेस यहां तीसरी पोजीशन पर थी. 2008 में भारतीय जनता पार्टी के जुगल किशोर बागरी ने यहां चुनाव जीता था.
इस बार क्या है सीट का मिजाज: रैगांव विधानसभा के पिछला इतिहास को देखकर लगता है कि यहां जिस प्रत्याशी को हराया गया है. यदि, वह दोबारा चुनाव में आया तो वह जीत गया इस हिसाब से जुगल किशोर बागरी के परिवार के सदस्य पुष्पराज बागड़ी को भारतीय जनता पार्टी टिकट दे सकती है. वहीं, कांग्रेस की ओर से कल्पना वर्मा की जगह सुखलाल कुशवाहा की लड़के सिद्धार्थ को भी मैदान में उतर जा सकता है. इस बार इस विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी का बहुत दखल समझ में नहीं आ रहा है .
सतना की रैगांव विस की खासियत: सतना की रैगांव विधानसभा सीट भौगोलिक दृष्टि से सतना जिले के बीच में है. इसका कुछ हिस्सा पन्ना जिले की सीमा से जुड़ा हुआ है. इस विधानसभा के ज्यादातर लोग खेती करते हैं, लेकिन इन लोगों के सामने एक बड़ा संकट मंडी का है. कोई बड़ी मंडी नहीं है. यहां के ज्यादातर किसान गेहूं धान मसूर चना उड़द जैसी खेती करते हैं, यह परंपरागत खेती में मानी जाती है और इसमें बहुत अधिक आय की संभावना नहीं होती.
![MP Seat Scan Raigaon 2023 Election](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_two.jpg)
रैगांव के मुख्य मुद्दे: इस विधानसभा क्षेत्र की ज्यादातर आबादी खेती पर आधारित है, खेती ही इनकी रोजगार का आधार है, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ा संकट पानी का है. यहां भूमिगत जल की स्थिति ठीक नहीं है. उनकी उम्मीदें बांधों से जुड़ी हुई है. नेता हर चुनाव के पहले आश्वासन देते हैं कि सरकार इस पूरे इलाके में नेहरों का जाल बिछा देंगे और हर किसान को पानी मिल सकेगा.
पहले यह उम्मीद बरगी बांध से जोड़ी गई थी लेकिन कटनी के पास की टनल नहीं बनने की वजह से बरगी बांध का पानी यहां नहीं पहुंच पाया है. फिर यही उम्मीद बाणसागर बांध से बनाई गई लेकिन बाणसागर परियोजना के पूरे हो जाने के बाद भी इस इलाके में पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह से किसानों को परंपरागत खेती करनी पड़ रही है. इस खेती की वजह से इन लोगों का जीवन समृद्ध नहीं हो पा रहा है.
![MP Seat Scan Raigaon issue](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-10-2023/19648769_three.jpg)
कोई फैक्ट्री नहीं: इस इलाके में ना तो कोई फैक्ट्री है और ना ही रोजगार का कोई दूसरा साधन इसलिए लोग बड़े पैमाने पर पलायन भी करते हैं. वहीं, इस इलाके में एक दूसरा बड़ा मुद्दा बिजली का है, 2018 के बाद से इस इलाके में बिजली की हालत खराब है और एक बार बिजली जाने के बाद कई घंटे तक बिजली नहीं आती. लोगों का कहना है कि बिजली कम होने की वजह से इसका असर खेती के उत्पादन पर भी पड़ा है.
शिक्षा और स्वास्थ्य गड़बड़: रैगांव विधानसभा में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बहुत ही खराब है. यहां पर लंबे समय से कॉलेज खोलने की मांग की जा रही है लेकिन अब तक खोला नहीं गया है. हालांकि तीन कम राय स्कूल यहां स्वीकृत किए गए हैं और इन्हें खोलने की तैयारी की जा रही है. वहीं, इस इलाके में सड़कों की हालत भी बड़ी खराब है और लोगों को बरसात में आवागमन की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.