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जेपी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ अनशन पर बैठे विधायक की हालत नाजुक, फिर भी नहीं जागा प्रशासन - satna news

जेपी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठे सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की हालत नाजुक होती जा रही है. अनशन का आज चौथा दिन है, लेकिन प्रशासन मजदूरों की बात सुनने को तैयार नहीं है.

death Strike
आमरण अनशन
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Published : Jul 9, 2020, 4:19 PM IST

कटनी। जेपी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठे सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की हालत नाजुक होती जा रही है. अनशन का आज चौथा दिन है, लेकिन प्रशासन मजदूरों की बात सुनने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत से विधायक ने कहा कि जब कलेक्टर उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. जो मैं कर सकता हूं कर रहा हूं. उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है और कहा कि जब तक वो जिंदा हैं, मजदूरों को भयभीत नहीं होने देंगे. जब तक सांस है जब तक ये लड़ाई जारी रहेगी.

जेपी सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ आमरण अनशन

लगातार 17 दिन से धरने पर बैठे मजदूरों का कहना है कि प्रशासन इतना असंवेदनशील है कि उसकी नींद आज तक नहीं खुल पाई है. मजदूरों की मांग है कि कोरोना के बहाने जिन 162 मजदूरों को बाहर किया गया है, उनके रोजी-रोटी की व्यवस्था की जाए.

बाबूपुर चौकी क्षेत्र में जेपी सीमेंट प्लांट में फैक्ट्री प्रबंधन ने 162 मजदूरों को बाहर कर दिया है. तब से मजदूर फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन इसका निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है. नौकरी से निकाले जाने की शिकायत मजदूर फैक्ट्री प्रबंधन और जिला प्रशासन से कर चुके हैं. लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है.

ये धरना 23 जून को शुरू किया गया था. 6 जुलाई से सतना विधायक मजदूरों के साथ कलेक्ट्रेट भवन के सामने अनशन पर बैठे हैं. अनशन का आज चौथा दिन है और अभी तक जिला प्रशासन मजदूरों की मांगों का निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है. कलेक्टर अभी तक किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए. इस मामले में कई बैठकें भी हो चुकी हैं.

कटनी। जेपी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठे सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की हालत नाजुक होती जा रही है. अनशन का आज चौथा दिन है, लेकिन प्रशासन मजदूरों की बात सुनने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत से विधायक ने कहा कि जब कलेक्टर उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. जो मैं कर सकता हूं कर रहा हूं. उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है और कहा कि जब तक वो जिंदा हैं, मजदूरों को भयभीत नहीं होने देंगे. जब तक सांस है जब तक ये लड़ाई जारी रहेगी.

जेपी सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ आमरण अनशन

लगातार 17 दिन से धरने पर बैठे मजदूरों का कहना है कि प्रशासन इतना असंवेदनशील है कि उसकी नींद आज तक नहीं खुल पाई है. मजदूरों की मांग है कि कोरोना के बहाने जिन 162 मजदूरों को बाहर किया गया है, उनके रोजी-रोटी की व्यवस्था की जाए.

बाबूपुर चौकी क्षेत्र में जेपी सीमेंट प्लांट में फैक्ट्री प्रबंधन ने 162 मजदूरों को बाहर कर दिया है. तब से मजदूर फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन इसका निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है. नौकरी से निकाले जाने की शिकायत मजदूर फैक्ट्री प्रबंधन और जिला प्रशासन से कर चुके हैं. लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है.

ये धरना 23 जून को शुरू किया गया था. 6 जुलाई से सतना विधायक मजदूरों के साथ कलेक्ट्रेट भवन के सामने अनशन पर बैठे हैं. अनशन का आज चौथा दिन है और अभी तक जिला प्रशासन मजदूरों की मांगों का निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है. कलेक्टर अभी तक किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए. इस मामले में कई बैठकें भी हो चुकी हैं.

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