सतना। जबलपुर के निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद पूरे प्रदेश में सीएम शिवराज ने फायर सेफ्टी को लेकर जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली थी. बैठक में सख्त निर्देश दिए कि फायर सेफ्टी के मापदंड पूरे ना करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. सतना जिले में नगर निगम क्षेत्र में करीब 47 निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल संचालित हो रहे हैं. जिनमें से केवल दो अस्पतालों में फायर सुरक्षा के मापदंडों को पूरा किया गया है. इसके अलावा 45 निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें फायर सेफ्टी को लेकर कोई भी मापदंड पूरा नहीं किया गया. अब लगातार निगम प्रशासन द्वारा अस्पतालों की जांच की जा रही है.
फायर एनओसी को नकारा : सतना शहर के पतेरी स्थित समरिटन अस्पताल में जब फायर विभाग की टीम जांच करने पहुंची तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा फायर एनओसी दिखाई गई. इसमे यह पाया गया फायर एनओसी नगर निगम से जारी की गई है. बताया जाता है कि ये फर्जी एनओसी है.
24 घंटे का अल्टीमेटम दिया : नगर निगम के फायर अधिकारी इस अस्पताल की एनओसी को फर्जी बता रहे हैं. इस मामले में नगर निगम कमिश्नर राजेश शाही का कहना है कि ऐसा मामला मेरे संज्ञान में आया है कि समरिटन अस्पताल में फायर को लेकर एक एनओसी दी गई, जिसका पंजीयन नगर निगम में नहीं है. ऑनलाइन सर्च करने पर वह एनओसी नगर निगम में नहीं दिखाई दे रही. ऐसे में 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दिया गया है. नोटिस का उसका जवाब मांगा गया है. जवाब ना मिलने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये क्रिमिनल एक्ट के तहत आता है. इसमें एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है.