सतना। चित्रकूट में जारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 5 दिवसीय बैठक में चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इस शिविर का आधिकारिक एजेंडा सार्वजनिक किए जाने के बाद भी संघ के चिंतन-मंथन के विविध विषयों को लेकर सियासी हलकों में अटकलों का दौर भी शुरू है. हालांकि चिंतन शिविर के पहले अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा था कि चित्रकूट मंथन संगठनात्मक विषयों पर केंद्रित होगा.
कोरोना के दौरान किए गए कामों की समीक्षा
रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा के साथ ही, कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों पर व्यापक चर्चा हुई. इस दौरान प्रांतों में किए गए सेवा कार्यों की समीक्षा की गई. स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित टीकाकरण के लिए सुविधा केंद्रों और प्रचार अभियानों की भी समीक्षा की गई.
तीसरी लहर से लड़ने के लिए होगी तैयारियां
चर्चा के बाद तय किया गया कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए प्रशासन का सहयोग करने और संभावित पीड़ितों की मदद के लिए पूरे देश में विशेष "श्रमिक प्रशिक्षण" का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में ये प्रशिक्षित कार्यकर्ता समाज का मनोबल बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए उचित समय पर लोगों तक पहुंचने के लिए लगभग 2.5 लाख स्थानों पर पहुंचेंगे. यह प्रशिक्षण अगस्त माह में पूरा कर लिया जाएगा और सितंबर से हर गांव और बस्ती में जन जागरण के माध्यम से कई और लोग और संगठन इस अभियान से जुड़ेंगे.
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सितंबर से चलाया जाएगा जनजागरूकता अभियान
संघ की बैठक में तय किया गया कि इस प्रशिक्षण में विशेष रूप से बच्चों और माताओं को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों और उपायों को शामिल किया गया है. कोरोना के प्रकोप के बाद जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हो रही हैं, संघ शाखाओं का संचालन भी मैदान में शुरू हो गया हैं. बैठक में प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समय देश भर में कुल 39,454 शाखाएं कार्यरत हैं. जिनमें से 27,166 अभी फील्ड में और 12,288 ई-शाखाएं चल रही हैं. साथ ही 10,130 साप्ताहिक बैठकें यानि 'सप्ताहिक मिलन'. जिनमें से 6510 जमीन पर हो रही हैं. 3620 बैठकें ई-मिलान के रूप में ऑनलाइन हो रही हैं.