सतना। सीधी जिले में रामपुर नेकिन पुल हुए हादसे से हर कोई हताहत है. लेकिन प्रदेश में सिर्फ सीधी ही नहीं और भी जिलों में कई ऐसे पुल है जिन्हें मरम्मत और उन पर ध्यान देने की जरुरत है. ऐसे में सतना जिले में अधिकांश ऐसे पुल हैं जहां आए दिन हादसे का होते रहते है, लेकिन शासन-प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है. सतना शहर से लगे जिगनहट नदी के पुल के हाल बेहाल है. इसी का रियलिटी चेक करने पर पहुंचा ईटीवी भारत..
रियलिटी चेक
जिले के मैहर, माधवगढ़ के साथ सतना शहर से लगा हुआ जिगनहट नदी का पुल हादसों का बड़ा कारण बनता है. शहर के जिगनहट नदी के पुल से करीब आधा दर्जन बस और इससे कहीं ज्यादा ऑटो, दोपहिया वाहन चार पहिया वाहन निकलते हैं. इस रास्ते से होकर कई स्कूलों का रास्ता जाता है वहीं इस पुलिया से करीब 10 से 12 गांव जुड़े हुए हैं, लेकिन पुल पर सुरक्षा व्यवस्था के कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं है.
बरसात में अधिक हादसे
बरसात के समय में पानी का बहाव तेज होने की वजह से कई यहां कई हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन यहां पर तभी आता है जब कोई बड़ा हादसा होता है. इसके बावजूद भी यहां पर सुरक्षा व्यवस्था की कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं है, स्थानीय लोगों की मानें तो सालों से यह पुल इसी हालत में है और सड़कों के हालात भी जर्जर हैं. कई बार इसकी शिकायतें भी की जा चुकी हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. यहां शासन प्रशासन तब आता है.
रियलिटी चेक: मंदसौर में यात्री बसों के हाल बेहाल
प्रशासन लाख दावे कर ली की वे समय पर इसकी जांच कर व्यवस्थाओं पर ध्यान देते है लेकिन यहां के हालात कुछ और ही सच बयां करते है. यहां की इन बेहाल हालत की वाली सड़कों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन इस तरफ कितना ध्यान दे रहा है. अब ऐसे में सीधी बस हादसे जैसी घटनाओं का जिम्मेदार प्रशासन को न माना जाए तो किसे माना जाए..