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नाली को बनाया बीजेपी नेता ने मुद्दा, सैकड़ों लोगों ने चुनाव बहिष्कार का बनाया मन - मतदान बहिष्कार
रीवा में बीजेपी नेता योगेश ताम्रकार के नेतृत्व में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. इस बार यहां का मुद्दा नाली का नहीं बनना है.
सतना
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Published : Apr 18, 2019, 2:27 PM IST
सतना। बीजेपी से सतना के कद्दावर नेता योगेश ताम्रकार के नेतृत्व में सैकड़ों वार्डवासियों ने चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है. दरअसल कॉलोनी में निकासी के लिए नाली नहीं होने के मुद्दे पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार किया है.
सतना की पॉश आदर्श कॉलोनी का चुनाव बहिष्कार चर्चा का विषय बना हुआ है. कॉलोनी में शहर के नामचीन व्यवसायी और उद्योगपतियों का घर है. नाली नहीं होने के कारण बारिश में कॉलोनी तालाब में तब्दील हो जाती है. पूरी कॉलोनी बरसात के दिनों में 5 फीट डूब जाती है. ज्यादा बारिश होने पर लोगों को घर जाने के लिए पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है.
चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया
कॉलोनीवासियों द्वारा कई शिकायतों के बाद भी निकासी के लिए नाली नहीं बनाई गई. समस्या हल नहीं होने पर बीजेपी के कद्दावर नेता योगेश ताम्रकार अब इस मुद्दे को हवा देकर आंदोलन का रूप देने में लगे हैं. कॉलोनी के बड़े बुजुर्ग चुनाव बहिष्कार का झंडा बुलंद कर अपने-अपने घरों के गेट पर चुनाव बहिष्कार के पर्चे चिपका दिए हैं.
हालांकि सोचने वाली बात ये है कि पिछले 15 सालों से प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार थी और अपनी ही कॉलोनी में योगेश ताम्रकार एक नाली नहीं बनवा सके. अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, तो वे वक्त की नजाकत को भांपते हुए इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे हैं.
सतना। बीजेपी से सतना के कद्दावर नेता योगेश ताम्रकार के नेतृत्व में सैकड़ों वार्डवासियों ने चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है. दरअसल कॉलोनी में निकासी के लिए नाली नहीं होने के मुद्दे पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार किया है.
सतना की पॉश आदर्श कॉलोनी का चुनाव बहिष्कार चर्चा का विषय बना हुआ है. कॉलोनी में शहर के नामचीन व्यवसायी और उद्योगपतियों का घर है. नाली नहीं होने के कारण बारिश में कॉलोनी तालाब में तब्दील हो जाती है. पूरी कॉलोनी बरसात के दिनों में 5 फीट डूब जाती है. ज्यादा बारिश होने पर लोगों को घर जाने के लिए पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है.
चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया
कॉलोनीवासियों द्वारा कई शिकायतों के बाद भी निकासी के लिए नाली नहीं बनाई गई. समस्या हल नहीं होने पर बीजेपी के कद्दावर नेता योगेश ताम्रकार अब इस मुद्दे को हवा देकर आंदोलन का रूप देने में लगे हैं. कॉलोनी के बड़े बुजुर्ग चुनाव बहिष्कार का झंडा बुलंद कर अपने-अपने घरों के गेट पर चुनाव बहिष्कार के पर्चे चिपका दिए हैं.
हालांकि सोचने वाली बात ये है कि पिछले 15 सालों से प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार थी और अपनी ही कॉलोनी में योगेश ताम्रकार एक नाली नहीं बनवा सके. अब जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, तो वे वक्त की नजाकत को भांपते हुए इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे हैं.
Intro:"भाजपा के विकास की खुली पोल,, सतना भाजपा के कद्दावर नेता योगेश ताम्रकार के नेतृत्व में सैकड़ों वार्ड वासियों ने चुनाव बहिष्कार का एलान कर दिया हैं ।"
एंकर इंट्रो ---
सतना शहर के कद्दावर भाजपा नेता 15 सालों तक प्रदेश की सत्ताधारी अपने ही भाजपा सरकार से अपनी कॉलोनी में एकाद नाली नहीं बनवा सकें,, प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही भाजपा कार्यसमिति के सदस्य एवं फिक्की के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार चुनावी समर में वक्त की नजाकत को भागते हुए,, समस्या को हवा दी और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया,, वहिष्कार धीरे धीरे आंदोलन रूप ले रहा है,, बहिष्कार से शासन प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए हैं,, एक तरफ आंदोलनकारी चुनाव बहिष्कार का परचम बुलंद कर चुके हैं,,तो प्रशासनिक अफसर समस्या के हल की आंदोलन को गलत साबित करने में लगे हैं ।
Body:Vo 1---
सतना की पॉश आदर्श कॉलोनी का चुनाव बहिष्कार चर्चा का विषय बना हुआ है,, कॉलोनी में शहर के नामचीन व्यवसाय और उद्योगपतियो का निवास है,,नाली ना होने से कॉलोनी बारिश में तालाब बन जाती है,,पूरी कॉलोनी बरसात के दिनों में 5 फीट डूब जाती है,,महिलाएं बच्चे घरों में कैद हो जाते हैं,, पुरुष घर नहीं जा पाते,, घर के बाहर रात गुजारनी पड़ती है,, घर जाने के लिए पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है,, 50 साल पुरानी कॉलोनी के बाशिंदों कि शिकवा शिकायतें के बाद भी शासन प्रशासन आज तक कॉलोनी वासियों की जटिल बुनियादी सुविधा मुहैया नहीं करा पाया,, नतीजा कॉलोनी के सैकड़ों भर घरों के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान कर दिया है,, बहिष्कार से शासन-प्रशासन सकते में आ गया है क्योंकि इस मतदान बहिष्कार की गूंज जिले ही नहीं प्रदेश के सियासी गलियारों में असर डाल सकती है,,पास कॉलोनी के ऐसे दमदार निवासी जब बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं,, तो आम लोगों की विषाद का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है,,भाजपा के कद्दावर नेता अब इस मुद्दे को हवा दे कर आंदोलन का रूप देने लगे हैं,, कॉलोनी के बड़े बुजुर्ग चुनाव बहिष्कार का झंडा बुलंद कर अपने अपने घरों के गेट पर चुनाव बहिष्कार के पर्चे चिपका दिए हैं,,और यहां के बत्तर हालात बयान कर रहे हैं,, धीरे धीरे अन्य इलाकों के लोग अपनी अपनी बुनियादी समस्या के आधार पर आंदोलन के समर्थन पर आने लगे हैं,,चुनाव बहिष्कार करने वाले अपनी कॉलोनी के बदतर हालात बयां कर रहे हैं ।
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योगेश ताम्रकार -- बीजेपी प्रदेश कार्य समिति सदस्य सतना ।
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बज्मी खान -- पीड़ित वार्ड वासी ।
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अजय जैन -- पीड़ित वार्ड वासी ।
Vo 2---
मतदान बहिष्कार के चर्चा शहर और जिले भर में नहीं प्रदेश में होने लगी है,,चुनाव बहिष्कार से शासन-प्रशासन सकते में है,, जिम्मेदार अफसर समस्या हल करने की बजाएं मतदाताओं को चुनाव बहिष्कार को गलत साबित करने में तुले हुए हैं,, इस समस्या का हल ना करके यह खुद बता रहे हैं कि यह समस्या आज की तो नहीं है, पहले की है इसे सही करने में समय तो लगेगा ही,, इस प्रकार से एक जिम्मेदार अधिकारी का बयान देना एक सवालिया निशान खड़ा कर रहा है ।
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पीएस त्रिपाठी -- एसडीएम एवं रिटर्निंग ऑफिसर सतना ।
Conclusion:Vo 4----
किसी भी चुनाव की घोषणा होते ही मतदान बहिष्कार की खबरें त्वरित आने लगती है,,वर्षों की जटिल समस्या का त्वरित निदान मतदान बहिष्कार का अस्त्र बन जाता है,, शासन प्रशासन की लापरवाही से बुनियादी सुविधाओं की मशरूम मतदाताओं के लिए कोई भी चुनाव समस्या हल का बेहतरीन अवसर बन गया है,, यह सच है कि बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जीवन कष्टप्रद होता है,,लेकिन हर समस्या में चुनावी सियासत उचित नहीं होती,,अब देखना यह होगा कि सतना का यह चुनाव बहिष्कार क्या गुल खिलाता है ।