सागर। बीना बजरिया थाना क्षेत्र में बेटे का चरित्र प्रमाण पत्र पाने के लिए मां को अपनी इज्जत गंवानी पड़ी. हद तो तब हो गई जब महिला न्याय के लिए पुलिस थाना पहुंची, तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. महिला ने न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और मामले कि जांच शुरू की.
चरित्र प्रमाण पत्र लेने गई थी महिला
मोतीनगर थाना क्षेत्र निवासी महिला ने अपने बेटे को अनुसूचित जनजाति बालक छात्रवास बीना में दाखिल करवाया था. वह छह जुलाई को अपने बेटे का चरित्र प्रमाण पत्र लेने अनुसूचित जनजाति छात्रवास बीना बेटे के साथ गई थी. जहां अधीक्षक सतीश गोलन्दाज ने उस पर अनर्गल दबाव डाला.
पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर
इसके बाद आरोपी महिला को छात्रावास को कमरे में ले गया. जहां उसने महिला के साथ गलत कार्य किया. वहीं मामले के बारे में किसी को बताने पर धमकियां भी दीं. जैसे-तैसे महिला वहां से भागकर थाने पहुंची. थाने में पुलिस ने महिला की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की.
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हालांकि बाद में पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद बजरिया थाना पुलिस हरकत में आई और रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. महिला के पति ने बताया कि छात्रवास अधीक्षक मामले को लेकर पूरे परिवार को धमकी दे रहा है.
शुक्रवार को एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था. इसके बाद तस्दीकी की गई, क्योंकि पुलिस मुख्यालय से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि गंभीर मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए. आरोपी के खिलाफ धारा 376 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
कमल निगवाल, थाना प्रभारी, बजरिया बीना