सागर। बाघों के नए बसेरे के रूप में अपनी पहचान बना रहे नौरादेही अभ्यारण में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने के लिए वन विभाग तैयारियों में जुट गया है. नौरादेही अभ्यारण को टाइगर रिजर्व में परिवर्तित करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है. पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा नौरादेही अभ्यारण की वेबसाइट भी तैयार की गई है. जिसका लोकार्पण भोपाल से वर्चुअल तरीके से किया गया.
बाघ सहित वन्यप्राणियों का बढ़ रहा कुनबा
नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की संख्या बढ़ने से अब प्रदेश में उभरता हुआ अभ्यारण्य है. अभ्यारण्य में 12 बाघों के साथ-साथ भेड़िया, तेंदुआ, भालू तथा अनेक शाकाहारी वन्यप्राणी हैं. जहां अनेक प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं. वन्यप्राणियों की संख्या में निरंतर वृद्वि हो रही है, जिससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यहां अन्य राज्यों से भी पर्यटक अभ्यारण्य के अद्भुत नजारों का अनुभव करने के लिए आते हैं. नौरादेही अभ्यारण्य को बाघों के संरक्षण के लिए संभावनाओं से परिपूर्ण स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है. अभ्यारण्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा नौरादेही अभ्यारण्य की वेबसाइट तैयार की गई. वेबसाइट www.nauradehiwls.in का अनावरण जेएस चौहान (भावसे) मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा वर्चुअली किया गया.
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वेबसाइट पर मिलेगी तमाम जानकारी
वेबसाइट के माध्यम से टूर बुकिंग, विश्रामगृह बुकिंग के साथ-साथ अभ्यारण्य से जुड़ी अन्य जानकारियां व गतिविधियों की जानकारी पर्यटकों तक पहुंचना आसान होगा. वेबसाइट की सहायता से पर्यटन में भी वृद्धि होने की संभावनाएं होगी. नौरादेही अभ्यारण्य की वेबसाइट अनेक विशेषताओं से परिपूर्ण है. इसे हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों माध्यमों में तैयार किया गया है. साथ ही इसे मोबाइल पर भी उपयोग किया जा सकता है. पर्यटक इससे अभ्यारण्य में मौजूद वनस्पतियों, वन्यप्राणियों, पर्यटन स्थलों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. वेबसाईट के माध्यम से अभ्यारण्य तक पहुंच मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, अभ्यारण्य में होने वाले कार्यक्रमों, समाचारों तथा दरों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है.(Nauradehi Forest Sanctuary,Nauradehi Sanctuary website launched )