सागर। कोराना को भारत आए एक साल से ज्यादा समय हो गया है. इसको लेकर जागरूकता कितनी है ? इसकी बानगी देखने मिली सागर में. यहां की महिलाओं को ये पता नहीं है कि वैक्सीन क्या है ? क्यों लगाई जाती है ? ग्राउंड जीरो की स्थिति जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने.
महिला वैक्सीन को कह रही 'पेप्सी'!
जब ईटीवी भारत की टीम सागर के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंची तो महिलाओं की कतार देखने को मिली. कुछ महिलाएं मास्क लगाई थीं तो कुछ ने साड़ी के पल्लू का इस्तेमाल मॉस्क के रूप में किया हुआ था. इन्ही में से एक महिला जसोदा से पूछा, 'वैक्सीन सेंटर क्यों आईं हैं ?' , तो जवाब मिला,' पेप्सी लगवाने के लिए आई हूं'. क्यों लगवा रही हो ? जवाब मिला, 'बीमारी के लिए लग रही है. लोग मास्क लगाए घूम रहे हैं, तो मोदी ने वैक्सीन लगवाने के लिए कहा है'. इसके बाद ज्यादा सवाल पूछने की गुंजाइश यहां नहीं बची. यहां कोरोना को लेकर जागरूकता की स्थिति साफ हो गई.
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बीमारी है, नहीं लगवाना वैक्सीन
सरकारी अमला गांव-गांव में जाकर लोगों को वैक्सीन सेंटर तक ला रहा है. इसके लिए वॉलेंटियर लगाए गए हैं. इसके कारण कुछ महिलाएं वैक्सीन सेंटर तक तो आ गईं पर मन नहीं है वैक्सीन लगवाने का. ऐसी ही एक महिला प्रेमा बाई से बात हुई. जवाब मिला, 'वैक्सीन लगवाने के लिए आए हैं. मुझे ब्लड प्रेशर है. शुगर है, हाथ-पैर दर्द करते हैं. आंखों से आंसू आते हैं. मैं वैक्सीन लगवाना नहीं चाहती हूं.' यानि सरकारी अमला घर तक गया इसलिए प्रेमा बाई सेंटर तक आ गई.
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क्या बोले कलेक्टर ?
कलेक्टर दीपक सिंह ने बताया,' वैक्सीनेशन को लेकर युवाओं में उत्साह है. दूसरी तरफ महिलाएं वैक्सीनेशन के लिए पहले नहीं आईं. अब घर से बाहर निकल रहीं हैं. उनको घर से वैक्सीनेशन सेंटर तक लाने के लिए हमने विशेष व्यवस्था की है'.
सागर में क्या है वैक्सीनेशन की रफ्तार?
सागर में 21 जून को वैक्सीनेशन महाअभियान के दौरान लगभग 33 हज़ार लोगों को वैक्सीन लगाई गई, वहीं 23 जून को महाअभियान के तहत ही ये संख्या 36 हज़ार के पार पहुंच गई. इससे पहले 17 जून 2021 तक सागर में कुल 5 लाख 87 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका था।