सागर। पूरे देश में इन दिनों बाघों की गिनती का काम चल रहा है. 15 दिसंबर से शुरू हुआ बाघों की गणना का काम अंतिम चरण में है. 31 दिसंबर को राष्ट्रीय गणना पूरी हो जाएगी. आगामी साल के जुलाई में बाघ गणना के परिणाम सामने आ सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि पिछली साल की तरह मध्य प्रदेश बाघों के मामले में देश में अव्वल नंबर पर रहेगा. नौरादेही अभ्यारण के लिए ये पहला मौका है,जब उसे बाघ गणना में शामिल किया गया है. (tiger counting sagar nauradehi forest sanctuary ) क्योंकि नौरादेही अभ्यारण में बाघों की संख्या 7 हो गई है.
राष्ट्रीय स्तर पर बाघ गणना
हर 2 साल में होने वाली राष्ट्रीय बाघ गणना का कार्यक्रम फिर शुरू हो गया है. 15 दिसंबर से 31 दिसंबर तक देश के सभी नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में बाघ गणना का काम चल रहा है. बाघों की गणना के साथ-साथ शाकाहारी और मांसाहारी जानवरों की अलग से गिनती हो रही है. बाघों की गणना के लिए वन विभाग का अमला जानवरों के पग मार्क के अलावा अन्य चिह्नों के आधार पर गणना कर रहा है. वन अमला जीपीआरएस सिस्टम की (tiger radha kishan nauradehi forest sanctuary) भी मदद ले रहा है.
पहली बार बाघ गणना में शामिल हुआ नौरादेही अभ्यारण्य
ये पहला मौका है कि मध्य प्रदेश के सबसे बड़े वन्य प्राणी अभ्यारण्य नौरादेही को बाघ गणना में शामिल किया गया है. नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की गिनती छह अलग-अलग रेंज में चल रही है. यहां मांसाहारी और शाकाहारी प्राणियों की भी गणना की जा रही है. जिसके लिए नौरादेही अभ्यारण की सभी 6 रेंज की बीटो में ट्रांजिट लाइन बनाई गई हैं.2018 में हुई बाघ गणना में नौरादेही अभ्यारण्य में एक भी बाघ नहीं था. हालांकि तब तक बाघिन राधा और बाघ किशन (tiger census 2021 mp )अपने पूर्व स्थानों से नौरादेही पहुंच गए थे. लेकिन दोनों को नौरादेही से गणना में शामिल नहीं किया गया था.
राधा किशन से बढ़कर सात हुआ बाघों का कुनबा
नौरादेही अभ्यारण में बाघ बसाए जा सकते हैं या नहीं, इसके लिए 2018 में पहला प्रयोग किया गया था. कान्हा नेशनल पार्क से 2018 में बाघिन राधा को और बांधवगढ़ से बाघ किशन को नौरादेही अभ्यारण्य में छोड़ा गया था . मई 2019 में राधा ने तीन शावकों को जन्म दिया था. जिनमें दो मादा और एक नर है. अब इन तीनों की आयु करीब ढाई साल हो गई है. इसी साल नवंबर माह में राधा ने दो और शावकों को जन्म दिया है. इस तरह नौरादेही अभ्यारण में अब बाघों की संख्या 7 पहुंच गई है. इसीलिए पहली बार नौरादेही को बाघ गणना में शामिल किया गया है.