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Sagar News: किसान कर रहे उड़द मूंग के नुकसान के सर्वे की मांग, कृषि विभाग ने कहा- नहीं हुआ नुकसान

सागर जिले में किसान लगातार बारिश से उड़द और मूंग की फसल खराब होने की शिकायत कर रहा है. किसानों ने सरकार से सर्वे की मांग की है, इधर कृषि विभाग का कहना है कि फसल को नुकसान नहीं हुआ है. आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला

Sagar News
सागर में बारिश से फसल को नुकसान
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 8:11 PM IST

सागर में बारिश से फसल को नुकसान

सागर। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के चलते पककर कटने के लिए तैयार उड़द और मूंग की फैसले बर्बाद हो गई है. दरअसल, पिछले कुछ सालों से सोयाबीन में लगातार नुकसान झेल रहा, बुंदेलखंड का किसान बहुत वक्त से उड़द और मूंग की बुवाई ज्यादा करने लगा था. लेकिन इस बार की बारिश में किसानों की उड़द और मूंग की फसल चौपट कर दी है.

ऐसी स्थिति में किसान सरकार से फसलों के नुकसान के सर्वे और मुआवजे की मांग कर रहा है. इधर, कृषि विभाग का कहना- पिछले दिनों हुई बारिश से उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान नहीं हुआ है. अगर ये बारिश अभी और चलती रहती, तो जरूर किसानों के लिए नुकसान हो जाता. ऐसी स्थिति में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सरकार को किसान विरोधी सरकार करार दिया है.

पहले बारिश को तरसे और बारिश ने ही किया नुकसान: इस साल खरीफ की फसल बारिश की लुका छुपी के चलते कभी फायदे और कभी नुकसान के बीच झूलती रही. अगस्त के महीने में जहां बारिश न होने के कारण किसान परेशान हो गए थे और भगवान से बारिश के लिए विनती करने लगे थे, तो सितंबर के शुरुआती महीने में लगातार बारिश से फसलों को फायदे के साथ नुकसान भी देखने मिला है.

बारिश के कारण सोयाबीन मक्का और धान की फसल को तो फायदा है, लेकिन उड़द और मूंग की फसल बर्बाद हो गई है. जब बारिश का सिलसिला शुरू हुआ तब उड़द और मूंग की फसल पककर काटने के लिए तैयार थी.

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पिछले कुछ सालों से बढ़ा उड़द- मूंग का रकबा: दरअसल, पिछले कुछ सालों में उड़द और मूंग का रकबा बुंदेलखंड में काफी बढ़ गया है. सोयाबीन की फसल में लगातार नुकसान के चलते पिछले चार-पांच सालों से किसानों ने सोयाबीन की जगह उड़द और मूंग की बुवाई ज्यादा शुरू कर दी थी. किसानों को फायदा था कि एक तो यह कम दिन की फसल थी, दूसरा फसल की लागत सोयाबीन जैसी महंगी नहीं थी.

पिछले सालों में किसानों को उत्पादन भी अच्छा मिल रहा था. ऐसी स्थिति में उड़द और मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा था. सोयाबीन का रकबा घटता जा रहा था. इस साल भी किसानों ने बड़े पैमाने पर उड़द और मूंग की बुवाई की थी. किसानों को काफी उम्मीद भी थी. लेकिन लगातार बारिश ने फसल को चौपट कर दिया.

कृषि विभाग ने कहा, नहीं हुआ नुकसान: एक तरफ किसान लगातार फसलों के नुकसान का सर्वे और मुआवजे की मांग को लेकर तहसील और जिला कार्यालय में प्रदर्शन कर रहा है. दूसरी तरफ कृषि विभाग का कहना है कि लगातार बारिश से उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान नहीं हो पाया है. बारिश अब रुक गई है, अगर लगातार बारिश जारी रहती, तो जरूर उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान हो जाता. फिलहाल बारिश रुकने से फसलों की कटाई आसानी से हो जाएगी. कृषि विभाग का कहना है कि बारिश से सोयाबीन की फसल को काफी फायदा हुआ है.

सागर में बारिश से फसल को नुकसान

सागर। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के चलते पककर कटने के लिए तैयार उड़द और मूंग की फैसले बर्बाद हो गई है. दरअसल, पिछले कुछ सालों से सोयाबीन में लगातार नुकसान झेल रहा, बुंदेलखंड का किसान बहुत वक्त से उड़द और मूंग की बुवाई ज्यादा करने लगा था. लेकिन इस बार की बारिश में किसानों की उड़द और मूंग की फसल चौपट कर दी है.

ऐसी स्थिति में किसान सरकार से फसलों के नुकसान के सर्वे और मुआवजे की मांग कर रहा है. इधर, कृषि विभाग का कहना- पिछले दिनों हुई बारिश से उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान नहीं हुआ है. अगर ये बारिश अभी और चलती रहती, तो जरूर किसानों के लिए नुकसान हो जाता. ऐसी स्थिति में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सरकार को किसान विरोधी सरकार करार दिया है.

पहले बारिश को तरसे और बारिश ने ही किया नुकसान: इस साल खरीफ की फसल बारिश की लुका छुपी के चलते कभी फायदे और कभी नुकसान के बीच झूलती रही. अगस्त के महीने में जहां बारिश न होने के कारण किसान परेशान हो गए थे और भगवान से बारिश के लिए विनती करने लगे थे, तो सितंबर के शुरुआती महीने में लगातार बारिश से फसलों को फायदे के साथ नुकसान भी देखने मिला है.

बारिश के कारण सोयाबीन मक्का और धान की फसल को तो फायदा है, लेकिन उड़द और मूंग की फसल बर्बाद हो गई है. जब बारिश का सिलसिला शुरू हुआ तब उड़द और मूंग की फसल पककर काटने के लिए तैयार थी.

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पिछले कुछ सालों से बढ़ा उड़द- मूंग का रकबा: दरअसल, पिछले कुछ सालों में उड़द और मूंग का रकबा बुंदेलखंड में काफी बढ़ गया है. सोयाबीन की फसल में लगातार नुकसान के चलते पिछले चार-पांच सालों से किसानों ने सोयाबीन की जगह उड़द और मूंग की बुवाई ज्यादा शुरू कर दी थी. किसानों को फायदा था कि एक तो यह कम दिन की फसल थी, दूसरा फसल की लागत सोयाबीन जैसी महंगी नहीं थी.

पिछले सालों में किसानों को उत्पादन भी अच्छा मिल रहा था. ऐसी स्थिति में उड़द और मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा था. सोयाबीन का रकबा घटता जा रहा था. इस साल भी किसानों ने बड़े पैमाने पर उड़द और मूंग की बुवाई की थी. किसानों को काफी उम्मीद भी थी. लेकिन लगातार बारिश ने फसल को चौपट कर दिया.

कृषि विभाग ने कहा, नहीं हुआ नुकसान: एक तरफ किसान लगातार फसलों के नुकसान का सर्वे और मुआवजे की मांग को लेकर तहसील और जिला कार्यालय में प्रदर्शन कर रहा है. दूसरी तरफ कृषि विभाग का कहना है कि लगातार बारिश से उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान नहीं हो पाया है. बारिश अब रुक गई है, अगर लगातार बारिश जारी रहती, तो जरूर उड़द और मूंग की फसलों को नुकसान हो जाता. फिलहाल बारिश रुकने से फसलों की कटाई आसानी से हो जाएगी. कृषि विभाग का कहना है कि बारिश से सोयाबीन की फसल को काफी फायदा हुआ है.

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