सागर। अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने बताया कि आरोपी नासिर भैंसा पहाड़ी गांव में किराए के मकान में रहने आया था. वह लोगों को बताता था कि विदेश में उसके कपड़े के बड़े कारखाने हैं. अगर तुम लोग बड़ी दुकान या फैक्ट्री खोलना चाहते हो तो कुछ पैसे खर्च करो. इस तरह करीब 34 लोग उसके झांसे में आ गए और उसे पैसे देते गए. इस मामले में कैंट थाना ने जांच कर न्यायालय में केस प्रस्तुत किया था. ये फैसला करीब 4 साल बाद आया
हर ठगी पर 5 साल की सजा : न्यायालय ने इस मामले में धोखे का शिकार हुए हर व्यक्ति के हिसाब से 5-5 साल की सजा आरोपी को सुनाई है. इस तरह आरोपी को 170 साल की सजा सुनाई गई है. वहीं हर व्यक्ति के हिसाब से 10 हजार का जुर्माना कुल 3 लाख 40 हजार लगाया है. खास बात ये ये सजा क्रम से चलेगी और इस तरह 34 मामलो में उसे अलग-अलग सजा भुगतनी पड़ेगी, जो तकरीबन 170 साल होगी. जिला अभियोजन कार्यालय के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार 12 अक्टूबर 2019 को पुलिस अधीक्षक सागर को अरविंद जाटव, इश्हाक खान और नियाज खान ने नासिर मुहम्मद और उसके परिवार के 7 सदस्यों के खिलाफ शिकायत की थी.
लोगों को ऐसे लिया झांसे में : शिकायत में कहा गया था कि करीब 10-11 महीने पहले नासिर मुहम्मद नाम के शख्स जिसके आधार कार्ड पर नासिर राजपूत नाम लिखा था. वह आटो ड्राइवर मुन्ना के साथ भैंसा गांव आया था और बन्ने खां को किराए के मकान की जरूरत के बारे में बताया और मुस्तकीम टेलर के मकान में किराए से रहने लगा. आरोपी नासिर और उसके परिजन खुद को गुजरात का रहने वाला बताया था और उसका कहना था कि गुजरात में उसका बंगला 7 करोड़ 85 लाख रुपये में बिका है. लेकिन रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने फिलहाल पैसा मध्यप्रदेश आने पर रोक लगा दी है और टैक्स काटकर उसका पैसा बैंक आफ बड़ौदा में आने वाला है. आरोपी ने अपनी बात सही साबित करने अपने मोबाइल पर बैंक का एसएमएस, पासबुक की एंट्री लोगों को दिखाई.
लालच देकर फंसाया : आरोपी नासिर और उसके परिजनों ने भैंसा गांव में लोगों से मेलजोल बढ़ाया और लोगों को बताया कि उसका कपड़ों का बड़ा व्यावसाय है और उसके परिवार के लोगों का कम्बोडिया, वियतनाम और दुबई में गारमेंट्स का बड़े पैमाने पर व्यावसाय है. गांव के लोगों को लालच दिया कि यदि कोई गारमेंट्स फैक्ट्री खोलना चाहे तो उनका माल बिकवाने और सप्लाई में वह मदद करेगा. उसकी बातों में आकर शिकायतकर्ता इश्हाक ने अपने दामांद और रिश्तेदार और परिचितों की मदद से पैसा इकट्ठा कर फैक्टरी का निर्माण किया. आरोपी नासिर ने दूसरे लोगों को इसी तरह जाल में फंसाकर फैक्टरी लगाने के नाम पर बैंक पासबुक और एसएमएस दिखाकर लाखों रुपये वसूल लिए. इसके बाद आरोपी लोगों से पैसा वसूलकर भाग गया.
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4 साल बाद आया फैसला : सागर के थाना प्रभारी कैंट ने शिकायत के बाद सरदार कॉलोनी में आरोपियों के किराये के मकान को सील कर दिया. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि मकान की जांच करने पर कई सबूत मिल सकते हैं और आरोपी नासिर के दिए चैक से संबंधित कॉपी पेश की. पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी नासिर ने 34 से अधिक लोगों से छल करते हुये 72 लाख रुपए की धोखाधड़ी की. कैंट पुलिस ने जांच के बाद न्यायालय में प्रकरण पेश किया. इसका फैसला 4 साल बाद अब आया है.