सागर। मध्यप्रदेश के सागर में कोरोना की तीसरी लहर ने असर (Sagar corona reality check) दिखना शुरु कर दिया है. यहां पहली और दूसरी लहर में 400 से ज्यादा मौतें हो चूकीं हैं. दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए मारामारी देखी गई थी. जबकि रेमडेसीविर इंजेक्शन की मुंह मांगी कीमत देने के लिए लोग तैयार थे फिर भी लोग दर-दर भटकते हुए नजर आए थे. अब तीसरी लहर के साये में सागर में एक्टिव मरीजों की संख्या 300 के पार हो चुकी है. ऐसी स्थिति में ETV Bharat ने जिले में कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों का जायजा लिया. आइए जानते हैं कि सागर कोरोना का सामना करने के लिए कितना तैयार है.
सागर जिला चिकित्सालय में बेहतर इलाज के लिए 123 ऑक्सीजन सपोर्ट आइसोलेशन बेड, 39 ICU बेड आरक्षित किए गए हैं. जबकि 30 ऑक्सीजन सपोर्ट पीडियाट्रिक और 10 पीआईसीयू बेड हैं. वहीं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन ऑक्सीजन सपोर्टेड 236 बेड, आईसीयू वर्ड 88 एवं 205 एच डी यू बेड उपलब्ध हैं. जिले के सभी विकासखंड स्तरीय अस्पतालों में सेंट्रल लाइन ऑक्सीजन सपोर्ट 190 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है. बीना विकास खंड में बीना ओमान रिफाइनरी लिमिटेड में 200 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड उपलब्ध हैं. जबकि बच्चों के लिए पीआईसीयू में 14 बेड उपलब्ध है इस तरह कुल 543 बेड की व्यवस्था है. जिले के सरकारी अस्पतालों में 140 आइसोलेशन बेड, 353 ऑक्सीजन बेड, 39 आईसीयू बेड, 10 पीआईसीयू बेड सहित कुल मिलाकर 542 बेड उपलब्ध हैं. निजी अस्पतालों में 82 ही आइसोलेशन बेड, 147 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 59 आईसीयू बेड कुल मिलाकर 288 बेडों की व्यवस्था है.
जिले में 786 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध
सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया कि जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी. सागर के जिला चिकित्सालय में 1000 एलएमपी, खुरई में 50 एलएमपी पीएसए ऑक्सीजन प्लांट पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं. वर्तमान में जिला अस्पताल में 6 केएल आक्सीजन सीजन प्लांट प्रस्तावित हैं. वहीं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 13 के एल के दो लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट कुल्चा सीकेएल कार्यरत हैं एवं 1500 एलपीएम कैपेसिटी का पीएसए प्लांट प्रस्तावित है. पूरे जिले में 397 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध हैं, जिसमें 217 जिला अस्पताल में और बाकी सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद हैं. जिले में 786 ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था है. बीना विकासखंड में बीओआरएल में ऑक्सीजन की ऐसे प्लांट है जिसमें 1 दिन में 3000 डी टाइप के सिलेंडर भरे जा सकते हैं.
प्रशासन की रणनीति
जिला प्रशासन ने तीसरी लहर से बचने के बचने के तैयारियां पहले से ही शुरु कर दी थी, जो अंतिम चरण में हैं, कोरोना की जांच हेतु निरंतर सैंपल लिए जा रहे हैं. भीड़ वाले इलाकों में हर हफ्ते रेंडम सेंपलिंग की जाती है. वहीं आरआर की टीम अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की ट्रेसिंग, सेंपलिंग कर रही है और उनको फॉर्म क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. घर-घर जाकर कोरोना के टीके लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा कोरोना गाइड लाइन का पालन करने की भी अपील लोगों से की जा रही है.