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Sagar Eunuchs Protest: किन्नरों के विरोध के बाद महापौर पति ने दी सफाई, लेकिन नहीं मांगी माफी

सागर की महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी ने पूर्व महापौर स्वर्गवासी किन्नर कमला बुआ को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद वह किन्नर समाज के लोगों के निशाने पर आए गए. कमला बुआ की वारिस किन्नरों की गुरु किरण बुआ ने बयान पर एतराज जताते हुए महापौर पति सुशील तिवारी से माफी मांगने की बात कही है. विरोध बढ़ने पर महापौर पति ने अपने बयान पर सफाई तो दी, लेकिन खेद व्यक्त नहीं किया.

susheel tiwari gave clarification
किन्नरों के विरोध के बाद महापौर पति ने दी सफाई
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Published : May 18, 2023, 7:51 AM IST

Updated : May 18, 2023, 10:29 AM IST

किन्नरों ने किया महापौर पति ने बयान का विरोध

सागर। महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी ने मंगलवार को कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में नगरनिगम की पूर्व महापौर स्वर्गवासी किन्नर कमला बुआ के खिलाफ विवादित बयान दिया था. विवादित बयान सामने आने के बाद कमला बुआ की वारिस किन्नरों की गुरु किरण बुआ ने बयान पर एतराज जताते हुए महापौर पति सुशील तिवारी से माफी की मांग की है. वहीं, मामला जोर पकड़ने के बाद सुशील तिवारी ने अपनी सफाई तो पेश की है, लेकिन अपने कहे पर किसी तरह का खेद व्यक्त नहीं किया. उन्होंने कहा कि ''शहर में पशुओं के विचरण के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है, डेयरियों का विस्थापित किया जाना दो दशक पुरानी मांग है. पशुपालकों के लिए डेयरी विस्थापन स्थल पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, लेकिन पशुपालक जाने में आनाकानी कर रहे हैं. अब किसी तरह की मोहलत नहीं दी जाएगी और शहर को पशु विचरण मुक्त किया जाएगा.''

क्या है मामला: दरअसल मंगलवार शाम महापौर पति सुशील तिवारी जब जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सागर की सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को पकड़कर गौशालाओं में भिजवा रहे थे और पशुपालकों को समझा रहे थे. तब उन्होंने पूर्व महापौर किन्नर स्वर्गीय कमला बुआ को लेकर अपशब्द कहते हुए कहा था कि ''कोई किन्नर नहीं मर्द है महापौर.'' उनका बयान तेजी से वायरल हुआ और अपशब्द कहने के बाद महापौर पति सुशील तिवारी की कड़ी आलोचना आम नागरिक कर रहे हैं. एक तरह से वह डेयरी संचालकों को धमकी दे रहे थे और बताना चाह रहे थे कि उन्हें हटना ही पडे़गा. इसके लिए उन्होंने किन्नर कमला बुआ का उदाहरण देकर अपने लिए ही मुसीबत खड़ी कर ली.

क्या कहना है कमला बुआ की उत्तराधिकारी का: सागर शहर के किन्नरों की सरदार और कमला बुआ की उत्तराधिकारी किरण बुआ ने साफ शब्दों में महापौर पति से कहा है कि ''उन्होंने स्वर्गवासी किन्नर महापौर कमला बुआ के बारे में जो अपशब्द कहे, इससे किन्नर समाज ही नही, बल्कि शहर की जनता को भी दुख हुआ है. अगर महापौर पति सुशील तिवारी सार्वजनिक रूप से स्वर्गीय किन्नर कमला बुआ के बारे में बोले अपशब्दों के लिए माफी नही मांगते हैं, तो हम जिले भर के किन्नर इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठायेंगे.'' किरण बुआ ने कहा कि ''स्वर्गवासी कमला बुआ के लिए इस तरह की बात करना ठीक नहीं है. हमारा सवाल ये है कि जब महापौर महिला है, तो सुशील तिवारी क्यों महापौर का काम कर रहे हैं.'' किरण बुआ ने कहा कि ''आने वाले चुनाव में हम कांग्रेस का समर्थन करेंगे. आशाराम बापू ने भी किन्नरों को लेकर अपशब्द बोले थे,आज उनका क्या हाल हुआ है, सब देख रहे हैं.''

सफाई पेश की, लेकिन माफी नहीं मांगी: महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी एक तरह से अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने पूरे मामले में सफाई पेश की है, लेकिन अपने कहे पर खेद तक व्यक्त नहीं किया है. उनका कहना है कि ''सागर शहर की दो दशक पुरानी मांग है कि शहर से डेयरियों को बाहर किया जाए. क्योकिं इनके जानवरों सड़कों पर घूमते हैं, जिसके कारण कई दुर्घटनाएं हुई है और कई लोगों की मौत हो चुकी है. महापौर चुनाव में हमने घोषणा पत्र में वादा किया था कि एक साल के भीतर हम डेयरियों का विस्थापन करेंगे और विस्थापन स्थल पर सब सुविधाओं के बाद भी पशुपालक जाने तैयार नहीं हैं. हमने 15 मई तक की मोहलत दी थी और अब बिल्कुल मोहलत नहीं दी जाएगी. शहर को पशु विचरण मुक्त बनाने की कार्रवाई लगातार जारी है और चलती रहेगी.''

किन्नरों ने किया महापौर पति ने बयान का विरोध

सागर। महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी ने मंगलवार को कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी में नगरनिगम की पूर्व महापौर स्वर्गवासी किन्नर कमला बुआ के खिलाफ विवादित बयान दिया था. विवादित बयान सामने आने के बाद कमला बुआ की वारिस किन्नरों की गुरु किरण बुआ ने बयान पर एतराज जताते हुए महापौर पति सुशील तिवारी से माफी की मांग की है. वहीं, मामला जोर पकड़ने के बाद सुशील तिवारी ने अपनी सफाई तो पेश की है, लेकिन अपने कहे पर किसी तरह का खेद व्यक्त नहीं किया. उन्होंने कहा कि ''शहर में पशुओं के विचरण के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं और कई लोगों की मौत हो चुकी है, डेयरियों का विस्थापित किया जाना दो दशक पुरानी मांग है. पशुपालकों के लिए डेयरी विस्थापन स्थल पर सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, लेकिन पशुपालक जाने में आनाकानी कर रहे हैं. अब किसी तरह की मोहलत नहीं दी जाएगी और शहर को पशु विचरण मुक्त किया जाएगा.''

क्या है मामला: दरअसल मंगलवार शाम महापौर पति सुशील तिवारी जब जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सागर की सड़कों पर घूमने वाले पशुओं को पकड़कर गौशालाओं में भिजवा रहे थे और पशुपालकों को समझा रहे थे. तब उन्होंने पूर्व महापौर किन्नर स्वर्गीय कमला बुआ को लेकर अपशब्द कहते हुए कहा था कि ''कोई किन्नर नहीं मर्द है महापौर.'' उनका बयान तेजी से वायरल हुआ और अपशब्द कहने के बाद महापौर पति सुशील तिवारी की कड़ी आलोचना आम नागरिक कर रहे हैं. एक तरह से वह डेयरी संचालकों को धमकी दे रहे थे और बताना चाह रहे थे कि उन्हें हटना ही पडे़गा. इसके लिए उन्होंने किन्नर कमला बुआ का उदाहरण देकर अपने लिए ही मुसीबत खड़ी कर ली.

क्या कहना है कमला बुआ की उत्तराधिकारी का: सागर शहर के किन्नरों की सरदार और कमला बुआ की उत्तराधिकारी किरण बुआ ने साफ शब्दों में महापौर पति से कहा है कि ''उन्होंने स्वर्गवासी किन्नर महापौर कमला बुआ के बारे में जो अपशब्द कहे, इससे किन्नर समाज ही नही, बल्कि शहर की जनता को भी दुख हुआ है. अगर महापौर पति सुशील तिवारी सार्वजनिक रूप से स्वर्गीय किन्नर कमला बुआ के बारे में बोले अपशब्दों के लिए माफी नही मांगते हैं, तो हम जिले भर के किन्नर इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठायेंगे.'' किरण बुआ ने कहा कि ''स्वर्गवासी कमला बुआ के लिए इस तरह की बात करना ठीक नहीं है. हमारा सवाल ये है कि जब महापौर महिला है, तो सुशील तिवारी क्यों महापौर का काम कर रहे हैं.'' किरण बुआ ने कहा कि ''आने वाले चुनाव में हम कांग्रेस का समर्थन करेंगे. आशाराम बापू ने भी किन्नरों को लेकर अपशब्द बोले थे,आज उनका क्या हाल हुआ है, सब देख रहे हैं.''

सफाई पेश की, लेकिन माफी नहीं मांगी: महापौर संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी एक तरह से अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने पूरे मामले में सफाई पेश की है, लेकिन अपने कहे पर खेद तक व्यक्त नहीं किया है. उनका कहना है कि ''सागर शहर की दो दशक पुरानी मांग है कि शहर से डेयरियों को बाहर किया जाए. क्योकिं इनके जानवरों सड़कों पर घूमते हैं, जिसके कारण कई दुर्घटनाएं हुई है और कई लोगों की मौत हो चुकी है. महापौर चुनाव में हमने घोषणा पत्र में वादा किया था कि एक साल के भीतर हम डेयरियों का विस्थापन करेंगे और विस्थापन स्थल पर सब सुविधाओं के बाद भी पशुपालक जाने तैयार नहीं हैं. हमने 15 मई तक की मोहलत दी थी और अब बिल्कुल मोहलत नहीं दी जाएगी. शहर को पशु विचरण मुक्त बनाने की कार्रवाई लगातार जारी है और चलती रहेगी.''

Last Updated : May 18, 2023, 10:29 AM IST
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