सागर। मध्यप्रदेश के इकलौते केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की धूम है. इस बार छात्रों में गजब का उत्साह देखा गया. सभी छात्र पारंपरिक परिधान में बुंदेली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते दिखे. समारोह में सबसे ज्यादा जोर देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन और भारत को विश्वगुरु बनाने पर रहा. इसके लिए मंथन भी किया गया. समारोह की विशिष्ट अतिथि भारतीय विश्वविद्यालय संघ, नई दिल्ली (AIU) की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने मेडल और उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विश्वविद्यालय को सराहा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन: डॉ. मित्तल ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को नई शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वित करने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, 'डिजिटल शिक्षा देश में आगे बढ़ रही है और इसके साथ भारत जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहा है. विद्यार्थियों की भी आकांक्षाएं भी बढ़ रही हैं. वे ‘लाइफ लॉंग लर्नर’ बनने के साथ एक अच्छे इंसान भी बनने के लिए प्रेरित हैं. इन सभी बिंदुओं के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का महत्वपूर्ण योगदान है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन में भारत विश्वगुरु बन सकता है और उसे विश्वगुरु बनाने में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय का भी योगदान रहेगा.'
विश्वविद्यालय के विद्यार्थी चेतना और संवेदना के ध्वजवाहक बनें: विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि डॉ. गौर के संकल्पों और आदर्शों पर चलकर यह विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है, लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है. विज्ञान और समाज विज्ञान के शिक्षकों को कई शोध परियोजनाएं अनुदान प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गई हैं. शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने कई अवार्ड हासिल किए हैं और विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहा है.