भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव है. चुनावी साल में इस बार कांग्रेस से ज्यादा उठापटक बीजेपी में देखने मिल रही है. पहले दीपक जोशी, सत्यनारायण सत्तन की बीजेपी से नाराजगी सामने आई थी. वहीं इसके बाद पूर्व मंत्री कुसुम महदेले और हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू ने वीडी शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं अब सागर संभाग के मंत्री और विधायक सीएम के पास नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत लेकर सीएम के पास पहुंचे. मध्य प्रदेश सरकार में सागर जिले के तीन मंत्री हैं. नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत. इन तीनों में आपसी खींचतान इतनी बढ़ गई है कि मामला सीएम शिवराज सिंह तक जा पहुंचा. भूपेंद्र सिंह का दबाव इतना है कि सागर संभाग के विधायकों ने नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीएम से इस्तीफे की पेशकश कर दी है.
घर की बात घर में रखने की सलाह: मामले ने तूल पकड़ा तो घर की बात घर में ही रहने की नसीहत संगठन ने दी. दरअसल, मंगलवार को गोविंद सिंह राजपूत और गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन दोनों मंत्रियों ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत मुख्यमंत्री से की. साथ ही किसी मुद्दे को लेकर इस्तीफा देने की बात कही है. इस मामले में गोपाल भार्गव ने अपनी सफाई दी है. इसके बाद गोपाल भार्गव की सफाई सामने आई है. जहां गोपाल भार्गव ने कहा कि न्यूज में जो खबर आई है, वह पूरी तरह से भ्रामक है. मुख्यमंत्री से मैंने संगठनात्मक कार्यों एवं आकांक्षी विधानसभा के संबंध में चर्चा की थी. इस तरह की खबरें पूरी तरह से गलत है. भाजपा मेरी मां की तरह है और आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए हम लोग मिल जुलकर काम करेंगे. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को अच्छी जीत मिले इसके लिए काम करेंगे.
आखिर क्यों पड़ी सफाई देने की जरुरत: सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से सागर संभाग के मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह की मनमानी से परेशान हैं. माना जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो विरोधी हैं. इसके साथ ही भूपेंद्र सिंह से पूछे बिना सागर में एक काम नहीं हो रहा. सागर में पार्टी के लोगों में गुस्सा है. बताया जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह की शिकायत संघ कार्यालय 'समीधा' में भी की गई है. दोनों मंत्री और विधायक भी भूपेंद्र सिंह की शिकायत लेकर संघ की शरण में पहुंचे.
बीजेपी के अंदरखाने में सबकुछ ठीक नहीं: बीजेपी में अब नेता खुलकर अपनी बात कहने लगे हैं. हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की कार्यप्रणाली से नाराज पूर्व विधायक ध्रुव प्रताप सिंह ने कांग्रेस में जाने की धमकी दी है. ध्रुव प्रताप सिंह कटनी विकास प्राधिकरण के चैयरमेन भी रहे हैं. इनका कहना है कि जब वीडी शर्मा को सांसद का टिकट मिला था तो वे सभी पूर्व पदाधिकारियों के घर गए, लेकिन मेरे घर क्या मुझसे आज तक मिले भी नहीं है. मुझे लगता है कि पार्टी ने मुझे आउटडेटेड मान लिया है. इस रवैये से नाराज ध्रुवसिंह ने कहा कि मुझे लगता है ऐसे हालातों में मुझे कांग्रेस में चले जाना चाहिए. कार्यसमिति में कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी के नेताओं को अंतरकलह और आपसी दूरियों के चलते नसीहत भी दी थी, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लग रहा है कि यहीं अंतरकलह बीजेपी पर भारी पड़ सकती है.