सागर। सागर केंद्रीय जेल से रिहा हुए डॉ. आनंद राय ने जेल में रहते हुए एक लंबी चौड़ी चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि आखिर मेरा गुनाह क्या है ? डॉ. आनंद राय ने रतलाम पुलिस और प्रशासन को आरएसएस का एजेंट बताया. तो वहीं अपने आपको और अपने साथियों को संघर्षों का आदी बताया है. इस चिट्ठी की जो सबसे खास बात है वो ये है कि उन्होंने आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग के युवाओं से 2023 में 47 आदिवासी और 35 आदिवासी बाहुल्य सीटों पर भाजपा की हार की अपील की है.
82 सीटों पर आदिवासियों की ताकत: उन्होंने लिखा है कि, क्या बेरोजगारों की आवाज उठाना गुनाह है. क्या भ्रष्टाचार उजागर करना गुनाह है या प्रदेश के दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के शोषित, वंचित और पीड़ित लोगों की आवाज उठाना गुनाह है. उन्होंने अपने पत्र में मध्यप्रदेश के जयस,दलित और पिछड़े वर्ग के युवाओं से अनुरोध किया है कि शिवराज ने जिस पावर का दुरुपयोग करके हम दलित,आदिवासी वर्ग के युवाओं पर एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर हमें कालकोठरी में 2 महीने लगभग 60 दिन रखा है. उस शिवराज से यह पावर छीन लिया जाए. इसे राजा का घमंड हो गया है. इसका घमंड हमें तोड़ना होगा. आप लोग एकजुट हो जाइए. हम संगठित होकर आरएसएस और देश को तोड़ने वाली शक्तियों के विरुद्ध लड़ेंगे. हम इनसे सत्ता सिहांसन छीन लेंगे. हमें 2023 विधानसभा चुनाव 47 आदिवासी सीट एवं 35 आदिवासी बहुल सीटों पर जुल्मी शिवराज को 82-0 से हराना होगा. हमें अपना वोट किसी भी कीमत पर अब भाजपा और आरएसएस को नहीं देना होगा.
रतलाम पुलिस-प्रशासन RSS का एजेंट: उन्होंने अपनी चिट्ठी में तमाम ओबीसी, आदिवासी और दलित संगठनों और अपने सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए रतलाम पुलिस प्रशासन से सवाल पूछा है कि, आप संविधान से चल रहे हो या भाजपा की रूल बुक से चल रहे हो. भारत की परंपरा अतिथि देवो भव की रही है. हम अतिथियों का बेहद सम्मान करते हैं. मैं बिरसा मुंडा मूर्ति अनावरण समारोह में जयस द्वारा आमंत्रित अतिथि था. आपने भाजपा और आरएसएस के इशारे पर मुझे झूठे केस में फंसाया. आपने नागदा से मुझे गुंडों की तरह उठाया. मुझे मेरे पीएसओ के सामने मारा. बंदूक की नोंक पर मुझे आप इंदौर जाते वक्त रास्ते में अपहरण करके लाए. आपने ना मुझे एफआईआर की सूचना दी और ना ही कोई वारंट, सम्मन या नोटिस दिया. रतलाम कलेक्टर आरएसएस की एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. अभिषेक तिवारी एसपी सुनील पाटीदार इन तीनों ने मुख्यमंत्री सचिवालय के इशारे पर कथित पथराव कराकर हम लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया. बाद में अंग भंग की धाराएं बड़ा दी, जिससे हमारी जमानत ना हो पाए. आपने तंत्र का दुरुपयोग किया है. हम आप की करतूत से हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएंगे.
HC में विचारधारा विशेष लोगों की हो रही नियुक्ति: अपने पत्र में डॉ आनंद राय ने लिखा है कि, एक व्हिसल ब्लोअर को मध्य प्रदेश राज्य का शत्रु मान लिया गया है. यह व्हिसल ब्लोअर प्रोटक्शन एक्ट 2011 का खुला उल्लंघन है. साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा संविधान की शपथ ली जाती है, उसका भी उल्लंघन है. मेरे द्वारा व्यापमं सहित कई घोटाले उजागर किए गए. आपको विदित है शिवराज सिंह प्रतिशोध की आग में जल रहे हैं. जिस शिवराज सिंह ने आज तक नेमावर,नीमच और खैरकुड़ी के कातिलों को सजा दिलाने उनकी जमानत के विरोध के लिए आज तक लोक अभियोजक नियुक्त नहीं किया. वहीं शिवराज मुझे अदना से व्हिसल ब्लोअर की जमानत के विरोध के लिए 2-2 बार सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता को करोड़ों रुपए की फीस का भुगतान किया. हाई कोर्ट इंदौर में हम आदिवासियों की जमानत के विरोध के लिए मध्य प्रदेश इंदौर का सबसे बड़ा महंगा वकील अविनाश सिरपुरकर को सरकारी खजाने से लाखों रुपए का भुगतान कर विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया. मध्यप्रदेश में आदिवासी हरिजन पर ऐट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर एसटी एससी पर ही एट्रोसिटी एक्ट की कार्यवाही की गई. आनंद राय लिखते हैं कि आज आदिवासी, दलित वर्ग का ज्युडिशियरी पर बहुत भरोसा है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हम एक्टिविस्ट के प्रेरणा स्रोत हैं. उनके इस फैसले ने न्यायपालिका के प्रति हम दलित, आदिवासी और वंचित वर्ग का विश्वास सुदृढ़ किया है. हमें न्याय हाईकोर्ट से ही मिल जाना था, लेकिन एक विचारधारा विशेष के लोगों की नियुक्ति हाईकोर्ट में हो रही है. जिससे समाज का एक बड़ा वर्ग न्यायालयों के फैसलों से आहत हो रहा है.
जेल में मिली कठोर यातनाएं: जेल में बीते 60 दिनों को लेकर आनंद राय लिखते हैं कि मुझे अत्यंत कठोर यातनाएं दी गई. दुर्दांत अपराधी की तरह 60 दिन तक गुनाह खाने में रखा गया. मेरा परिवार मुझसे मिल ना पाए, इसलिए मुझे 500 किलोमीटर दूर रतलाम से सागर भेज दिया गया. सरकार एक और खेल खेल रही है कि मैंने पथराव के लिए उकसाया. दूसरी ओर मुझ पर अंग भंग की कठोर धारा एवं ग्रीवयस हर्ट की कठोर धाराओं में इजाफा किया गया. क्या पथराव में अंग भंग की धारा लगाना उचित था. एट्रोसिटी एक्ट के तहत एससी एसटी के गरीब आदिवासी युवाओं को निरूद्व करना उचित है. जिन लोगों ने बिरसा मुंडा की मूर्ति के लिए चंदा कर प्रतिमा स्थापित की. उन्हीं युवाओं के कार्यक्रम को हाईजैक कर झूठे प्रकरण में फंसा दिया गया. यह शवराज है, इसे जड़ से उखाड़ फेंकेंगे.
व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने किया ट्वीट, कहा- प्रदेश में दलितों पर हो रहा अत्याचार
हम संघर्षों के आदी हैं, हम बिरसावादी हैं: डॉ. आनंद राय लिखते हैं कि रतलाम तक मेरे साथी संजय सोलंकी और ड्राइवर रोहित भी गए थे. रोहित दलित वर्ग से है और रोजगार की तलाश में वह बेरोजगार युवा मेरे घर आया. मैंने कहा चलो आज रतलाम जाना है. उस गरीब का क्या गुनाह था, क्या रोजगार के लिए घर से निकलना गुनाह है. रतलाम प्रशासन ने इन दलित आदिवासी युवाओं पर झूठी 151 की कार्यवाही कर उन्हें 3 दिन जेल में रखा. 15 नवंबर को रतलाम प्रशासन ने रात 11:45 पर मेरी गिरफ्तारी दिखाई है. 16 नवंबर को जबरदस्ती बंदूक की नोक पर 12:45 पर मुझे 151 की कार्रवाई पर हस्ताक्षर कराए गए. क्या 353 में हिरासत में लिए जाने के पश्चात गिरफ्तारी के बाद 151 की कार्रवाई न्याय संगत थी, क्या उदाहरण प्रस्तुत करने जा रहे हैं.अंत में आनंद राय लिखते हैं कि क्या भाजपा आरएसएस को लगता है कि वह हमेशा सत्ता में रहेंगे. क्या वह कभी चुनाव नहीं हारेंगे. क्या विपक्ष की विचारधारा को इसी तरह दुश्मन माना जाएगा. जेलों में कांग्रेस, जयस, भीम आर्मी के लोगों को आम कैदियों से अलग स्पेशल सेल में जिन्हें गुनाहखाना कहा जाता हैं,उसमें रखा जाता है. भाजपा के मंत्री हमें जेल में प्रताड़ित करने के लिए जेलर,अष्टकोण अधिकारी को निर्देश देते हैं. हम लोग ना तो झुकने वाले हैं, ना रूकने वाले हैं. हम संघर्षों के आदी हैं, हम बिरसावादी हैं.