सागर। सागर संभाग की एकमात्र मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सामान्य तौर पर कई दिनों से त्वचा और चर्म रोग के मरीज ज्यादा पहुंच रहे थे. स्मार्ट सिटी में शामिल सागर शहर में कई तरह के निर्माण कार्य और खासकर सड़कों के निर्माण के चलते एलर्जी के तौर पर मरीजों की संख्या बढ़ना माना जा रहा था. लेकिन धीरे-धीरे देखने में आया कि बुंदेलखंड के अलग-अलग जिलों और खासकर ग्रामीण अंचलों से भी त्वचा रोग के मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. सामान्य दाद, खाज, खुजली से शुरू हुआ रोग गंभीर बीमारी के रूप में बदल रहा है.
झोलाछाप डॉक्टर बढ़ा रहे हैं त्वचा रोग : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने ऐसे मरीजों का गंभीरता से अध्ययन किया तो उन्होंने पाया कि ज्यादातर मरीजों ने सामान्य दाद, खाज और खुजली जैसी बीमारी में या तो झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराया या सीधे मेडिकल स्टोर जाकर क्रीम खरीद कर इलाज शुरू कर दिया. जब विशेषज्ञ डॉक्टर ने मरीजों का गंभीरता से अध्ययन किया, तो पाया कि इन मरीजों के लिए ऐसी स्ट्राइड युक्त क्रीम दी गई थी. जिसके शरीर की चमड़ी के साथ-सथ शरीर के अंदर भी गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।त्वचा चर्म रोग में स्ट्राइड युक्त क्रीम के उपयोग के असर पर रिसर्च
100 मरीजों का डाटा इकट्ठा किया : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के त्वचा रोग विभाग के प्रभारी डॉ. राघव गुप्ता बताते हैं कि फंगल इंफेक्शन के मरीज के झोलाछाप डॉक्टर या मेडिकल स्टोर से बताई गई क्रीम खरीद कर इलाज करने के गंभीर परिणाम सामने आने पर रिसर्च की जरूरत सामने आई है. रिसर्च के उद्देश्य को लेकर बीएमसी की एथिकल कमेटी ने मंजूरी दे दी है और विभाग के प्रभारी डॉ. राघव गुप्ता की देखरेख में कॉलेज के पीजी छात्र ने अध्ययन शुरू कर दिया है. ऐसे 100 मरीजों का डाटा इकट्ठा करके उनका अध्ययन किया जा रहा है. अध्ययन में सामने आया है कि फंगल इंफेक्शन की साइज बढ़ रही है. त्वचा पतली हो रही है और त्वचा पर स्ट्रेच मार्क आ रहे हैं. इसके अलावा शरीर पर सफेद चकते भी बन रहे हैं. इसके अलावा शरीर के अंदर भी गंभीर बीमारियां स्ट्राइड युक्त क्रीम पैदा कर रही हैं.
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क्या कहना है विशेषज्ञ डॉक्टर का : बीएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभाग के प्रभारी डॉ. राघव गुप्ता बताते हैं कि आजकल ट्रेंड चला है कि बिना डॉक्टर की सलाह के लोग सीधे मेडिकल स्टोर से या फिर झोलाछाप डॉक्टरों से दवा लेकर अपना इलाज कर रहे हैं. स्ट्राइड युक्त दवा का काफी ज्यादा दुरुपयोग त्वचा एवं चर्म रोग में किया जा रहा है. हमारे यहां जो मरीज पहुंच रहे हैं, उनकी त्वचा और शरीर के अंदर कई तरह के साइड इफेक्ट्स देखने मिल रहे हैं. मरीजों की चमड़ी पतली होने,चेहरे पर बाल आने, हड्डियों में कैल्शियम की कमी और पेट में एसिडिटी बढ़ रही है.