सागर। कैंट थाना क्षेत्र में जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है और ईसाई धर्म नहीं अपनाने की वजह से पत्नी को मायके से ससुराल नहीं आने दे रहे हैं. पीड़ित पति ने आरोप लगाया है कि उसका धर्म परिवर्तन कराने के लिए उसके फूफा ससुर ने उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर अपने घर पर रख लिया, पहले वह फूफा ससुर से अपनी पत्नी को लौटाने की मिन्नतें करता रहा, जब वह नहीं माना तो थक-हार कर पुलिस से मदद की गुहार लगानी पड़ी.
धर्मांतरण के लिए रिश्तेदार बना रहे हैं दबाव
पीड़ित पति की शिकायत पर कैंट पुलिस ने जांच कर उसके फूफा ससुर और अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. भैंसा गांव के पीड़ित युवक ने अपने ही फूफा ससुर पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी, जिसके बाद बुधवार को पुलिस ने जांच के बाद फूफा ससुर रमेश मसीह पर मामला दर्ज कर लिया है, 19 साल के युवक ने कैंट थाने में पिछले दिनों शिकायत दर्ज कराई थी कि रमेश मसीह, नाथू मसीह और उसके साथी सखी मसीह उसे हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए ₹20000 की नौकरी लगाने का प्रलोभन दे रहे हैं और इसाई धर्म अपनाने के लिए मानसिक उत्पीड़न भी कर रहे हैं.
धर्मांतरण के लिए रिश्तेदारों ने पत्नी को बनाया बंधक
पीड़ित ने बताया कि आरोपी रमेश मसीह पहले उसकी पत्नी को अपने पास ले गया और पिछले 3 माह से अपने ही घर में रखा है. आरोपी का कहना है कि जब तक वह धर्म परिवर्तन नहीं कर लेता, तब तक उसकी पत्नी को उसके घर नहीं जाने दिया जाएगा. ऐसे में उसकी पत्नी को भी फूफा ससुर एवं परिवार द्वारा भ्रमित करने और उसे बहला-फुसलाकर पति पर दबाव बनाने की बात सामने आई है. यही वजह है कि वह भी वापस ससुराल नहीं आना चाह रही है. पीड़ित पति की शिकायत पर जांच के बाद पुलिस ने पीड़ित के फूफा ससुर एवं उसके दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
आरोपी रिश्तेदारों पर मामला दर्ज, तीन गिरफ्तार
सागर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाहा ने बताया कि पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि इनकी शादी के बाद फूफा ससुर और बुआ सास के अलावा एक दादा हैं जोकि उसकी पत्नी को ससुराल नहीं भेज रहे हैं, पत्नी को भेजने के लिए धर्म परिवर्तन की शर्त रख रहे हैं और उसे प्रलोभन दे रहे हैं, जिसकी शिकायत उसने की थी, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मध्यप्रदेश धार्मिक स्वातंत्र्य विधेयक 2020 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.